ससुरालियों की हत्या प्रोपर्टी के लालच में की,दामाद और बेटी गिरफ्तार

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नृशंस हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा,दस हजार का ईनाम
रुद्रपुर(उत्तरांचल दर्पण संवाददाता)। रुद्रपुर में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या की वारदात से दहशत का माहौल है।कुमांऊं आईजी अजय रौतेला ने पुलिस कार्यालय में नृसंश हत्याकांड का खुलासा करते हुए मीडिया को पूरे प्रकरण की जानकारी दी। इस हत्याकांड में हत्यारोपी दामाद और उसकी पत्नी समेत हत्याकांड में शामिल एक अन्य युवक को भी गिरफ्तार किया गया है। प्रदेश के एडीजी लाॅएंड आॅर्डर अशोक कुमार ने घटना का खुलासा करने पर पुलिस टीम को दस हजार रूपये ईनाम देने की घोषाणा की है।  जमीन के लिए अपराधों की दुनिया में ये कोई नई वारदात नहीं है, लेकिन ऐसी ही नृशंस घटनाएं कम ही सुनाई देती हैं। बरेली के मीरगंज निवासी हीरालाल अपनी पत्नी हेमवती और तीन पुत्रियों लीलावती ;35, पार्वती ;24 और दुर्गा ;20 के साथ ऊधमसिंह नगर के ट्रांजिट कैंप में मकान बनवाकर रहते थे। मीरगंज के ही नरेंद्र गंगवार ने सात साल पहले लीलावती से प्रेम विवाह कर लिया और हीरालाल के ट्रांजिट कैंप स्थित आवास पर ही रहने लगा। 2015 में कुछ अनबन होने के बाद हीरालाल ने नरेंद्र और लीलावती को घर से निकाल दिया। उसके बाद नरेंद्र ट्रांजिट कैंप में ही किराए के मकान में रहने लगा। पुलिस के मुताबिक उसी समय नरेंद्र और उसकी पत्नी ने योजना बनाई कि हीरालाल को परिवार समेत खत्म कर दिया जाए और बरेली के मीरगंज समेत ट्रांजिट कैंप की संपत्ति पर कब्जा कर लिया जाए। योजना के मुताबिक नरेंद्र और लीलावती ने डेढ़ साल पूर्व हीरालाल, हेमवती, पार्वती और दुर्गा को उनके घर में घुसकर मार दिया और उन्हीं के मकान में शव भी दफना दिया। कुछ दिन पूर्व दोनों ने बरेली के मीरगंज स्थित जमीन और मकान को अपने नाम कराने का प्रयास शुरू कर दिया। इस की सूचना मिलने पर रिश्तेदारों को शक हुआ और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने जब नरेंद्र को पकड़कर पूछताछ की तो उसने पूरा घटनाक्रम उगल दिया। रूद्रपुर के ट्रांजिट कैंप क्षेत्रा के राजा काॅलोनी में हुए सनसनी खेज सास, ससुर और दो सालियों के मर्डर के मामले में अहम बात सामने आई है। सास, ससुर और दो सालियों की हत्या के 24 घंटे बाद हत्यारोपित ने घर के भीतर ही साढ़े चार फीट गहरा गडढा खोद दिया था। लाशों को दफनाने के बाद आरोपितों ने घर के बाहर से मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। 20 अप्रैल 2019 की सुबह साढ़े पांच बजे नरेंद्र ने ससुर हीरालाल, सास, दो सालियों की अपने किराएदार की मदद से लाठी डंडों से हमला कर हत्या कर दी थी। इसके बाद चारों लाशों को कमरे में रखकर बाहर से दरवाजे में ताला लगा दिया। बाद में उसने परिजनों के साथ ही मोहल्ले वालों को बताया कि उसके ससुर का मकान बिक गया है। मकान बेचने के बाद ससुराली चले गए हैं। अब मकान का मरम्मत का काम होना है। इसके बाद उसने 21 अप्रैल की सुबह किराएदार विजय के साथ मिलकर ससुर के मकान का फर्श खोदा। करीब साढ़े चार फीट गहरा गडढा खोदने के बाद उन्होंने चारों लाशों को ठिकाने लगा दिया। चारों कंकाल बरामद करने के बाद पुलिस ने पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम को भेज दिया। एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा के मुताबिक पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चलेगा। इसके लिए चारों कंकाल हल्द्वानी मेडिकल कालेज स्थित पोस्टमार्टम हाउस भेजे गए हैं। घटना की सूचना पर विधि विज्ञान प्रयोगशाला के संयुत्तफ निदेशक डा.दयाल शरण के नेतृत्व में टीम घटनास्थल पर पहुंची। इस दौरान टीम ने बारिकी से घटनास्थल का निरीक्षण कर वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए। डा.दयाल शरण ने बताया कि चारों मृतकों का डीएनए भी जांच के लिए लिया गया है। ट्रांजिट कैंप में एक घर में एक ही परिवार के चार लोगों की लाश दफनाने की सूचना पर विधायक राजकुमार ठुकराल भी समर्थकों के साथ पहुंच गए। इस दौरान विधायक ठुकराल ने आइजी कुमाऊं अजय रौतेला और एसएसपी दलीप सिंह कुंवर से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली। ट्रांजिट कैंप, आजादनगर के जिस घर में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर 16 माह पहले लाश ठिकाने लगा दी गई थी। उस घर की दूरी आसपास के अन्य घरों से करीब आठ फीट ही है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या घटना वाली सुबह किसी ने भी लाठी डंडों से हमला करने के दौरान हीरालाल और उसके परिजनों की आवाज नहीं सुनीं। इसके लिए पुलिस ने आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ की, लेकिन कोई कुछ नहीं बता पाया। संपत्ति पर नजर पड़ी तो पहले हीरालाल गंगवार की बड़ी बेटी से नरेंद्र गंगवार ने प्यार करने लगा। प्यार के बाद उसके साथ शादी की बात आई तो युवती के पिता ने शादी करने से मना कर दिया। नरेंद्र ने लव मैरिज कर घर जमाई बनकर रहने लगा। संपत्ति नाम कराने में नाकाम हुआ तो उसने पत्नी व किरायेदार युवक के साथ ससुरालियों की हत्या कर दी। जिले को दहला देनी वाली घटना से हर कोई हैरान है। यह घटना की फिल्मी कहानी से कम नहीं है। हीरालाल की करोड़ों की जमीन है। उसकी तीन बेटियां हैं, कोई बेटा नहीं। नरेंद्र की करोड़ों की संपत्ति निगाह थी। उसे पाने के लिए हीरालाल की बेटी लीलावती से प्यार के पींगे बढ़ाने लगा। प्रेम कहानी आगे बढ़ने लगी। लीलावती ने पिता से नरेंद्र के साथ शादी करने की बात कही तो परिजन उसके साथ शादी करने से मना कर दिया। इसके बाद भी नरेंद्र लीलावती से शादी करने पर अड़ा रहा। इसकी वजह ससुर की संपत्ति हड़पने की नीयत थी। उसने लीलावती से प्रेम विवाह किया और ससुर के साथ रहने लगा। कुछ दिन बाद नरेंद्र व उसकी पत्नी हीरालाल व उसकी पत्नी पर संपत्ति नाम करने का दवाब बनाने लगे। इसे लेकर आए दिन विवाद होता था। इसके बावजूद शातिर दिमाग का नरेंद्र ने ससुर के मकान के सामने ही मकान बनाकर पत्नी के साथ रहने लगा। इसके बाद भी संपत्ति को लेकर विवाद होता रहा, जब लगा कि अब ऐसे संपत्ति नहीं मिलेगी तो उसने किरायेदार युवक विजय के साथ सास, ससुर, छोटी दोनों सालियों को ठिकाने का षड़यंत्रा रचा। उसने 20 अप्रैल, 2019 की सुबह करीब साढ़े पांच बजे ससुरालियों की हत्या कर जमीन में दफना दिया। इसके बाद वह चुप बैठा रहा और समय का इंतजार करता रहा। 16 माह बाद उसने संपत्ति नाम कराने ग्राम पैगा नगरी, मीरगंज पहुंच गया। नरेंद्र हत्या के बाद साक्ष्य छुपाने के लिए उसने सास, ससुर, दोनों सालियों की हत्या कर ससुर के मकान में ही फर्श खोद कर दफना दिया। उसने हत्या करने के बाद फावड़े से चार फीट चैड़ी और छह फीट लंबी और करीब 8 फीट गहरी जमीन की खोदाई कर दी। सभी शवों को बोरों में भर कर जमीन में गाड़ दिया। लाशों के ऊपर प्लास्टिक बोरे, मिट्टðी, फिर कंक्रीट डालकर सीमेंट से फर्श बना दिया। पुलिस को शवों को निकालने में करीब चा घंटे लग गए। शवों को इस कदर दफनाया था कि उससे बदबू नहीं आई, जिससे लोगों को पता नहीं चल सका। हत्यारोपित नरेंद्र सिडकुल की एक कंपनी में काम करता है। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में उसने बताया कि उसे महीने की 10 हजार तनख्वाह मिलती थी। उसी से परिवार का भरण-पोषण करता था। उसकी लंबे समय से ससुरालियों की संपत्ति पर नजर थी। इसी संपत्ति के लिए उसने कई बार ससुर से बंटवारा करने को कहा, लेकिन वह नहीं माने। इस पर उसने सारी संपत्ति कब्जाने के लिए चारों ससुरालियों की हत्या कर दी।

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