कम्युनिस्ट पार्टी ने 16 सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन
नानकमत्ता। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ने तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को 16 सूत्रीय मांग का ज्ञापन प्रेषित किया। उन्होंने मांगें पूरी ना होने पर देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी। ज्ञापन में कहा कि 7500 प्रति माह 6 महीने तक हर उस परिवार को मिलें जो आयकर के दायरे में नहीं आते हैं। 10 किलो प्रति अनाज अगले 6 महीने तक हर जरूरतमंद व्यक्ति को दिया जाए। ग्रामीण रोजगार के दायरे को बढ़ाया जाए और 200 दिनों तक उन्हें काम दिया जाए, शहरी इलाकों में बेरोजगार हुए लोगों के लिए भी नया नियम कानून बनाया जाए उन्हें भी काम दिया जाए, मजदूरों का हित बहाल हो। मजदूर कानून पर जितने बदलाव हुए हैं और लाने की कोशिश हुई उसे खत्म किया जाए। कोरोना वायरस के दौर में जिन लोगों की मौत हुई है उन सबको एनडीएफआर फंड से एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाए। पीएम केयर फंड के तहत जो भी राशि जमा हुई है उसे राज्य सरकार को दिया जाए जो करोना से वास्तविक लड़ाई लड़ रही है। दलित, आदिवासी, ओबीसी, और विकलांगों के लिए आरक्षण लागू रहे, उसके साथ छेड़ छाड़ ना हो सारे रिक्त पदों पर जल्द से जल्द भर्तियां हो। हिरासत में लिए गए राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाए, 2019 में कश्मीर में बड़े पैमाने पर लोगों की गिरफ्तारी हुई है उन्हें छोड़ा जाए। पिछले सेमेस्टर के हिसाब से उच्च शिक्षा में भी नतीजे तय हो। 2020 में जो पर्यावरण एसेसमेंट हुए उसे रद्द किया जाए। कोरोना वायरस लाॅकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा को अंजाम देने वालों के खिलाफ हिंसा कार्रवाई हो। दलित और अल्पसंख्यहो के खिलाफ हिंसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो। एमएसपी घोषित कर सरकारी खरीद चालू की जाए। बंद पड़ी चीनी मिलों को इसी सत्र में चलाया जाए और बकाया पेमेंट किया जाए। पब्लिक हेल्थ पर खर्च का जीडीपी का कम से कम तीन फीसदी तक बढ़ाया जाए। सरकार ने हमारी मांगों को पूरा नहीं किया तो देशव्यापी आंदोलन करेंगे। ज्ञापन देने वालों में कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव राजेंद्र सिंह, जगदेव सिंह, नवीन सिंह राणा, अनुज राणा, कृपाल सिंह, लखविंदर सिंह, सुरेश राणा, विकास राणा, दशरथ सिंह राणा, अवतार सिंह, कृपाल सिंह, सीटू सिंह, छिवतार सिंह आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।