कांग्रेस में दो फाड़:सोनिया गांधी ने दिया इस्तीफा,राहुल के आरोपों से आजाद और सिब्बल नाराज
नई दिल्ली। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी पर चर्चा हुई। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी वाड्रा, कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित अन्य कांग्रेस नेता कांग्रेस कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए। सोनिया गांधी का कहना है कि उन्होंने के.सी.वेणुगोपाल को एक नोट दिया है ;कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं द्वारा पार्टी नेतृत्व के लिए लिखे गए पत्रा का जवाबद्ध और वे ;केसी वेणुगोपालद्ध इसे पढ़ेंगे। इस दौरान पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने चिट्ठी को लेकर नाराजगी जाहिर की। आज सुबह कांगेस कार्यसमिसमिति की बैठक महाभारत में तब्दील हो गई है। सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की और साथ में उस चिट्ठी का जवाब भी दिया जिसमें नेतृत्व पर सवाल उठाए गए थे। इसके बाद कांग्रेस समिति दो भागों में बंट गई। एक तरफ गांधी परिवार के समर्थन में लोग दिखे तो दूसरी तरफ बागी नेताओं ने भी अपने तेवर सख्त अख्तियार कर खुली चुनौती दे दी है। हांलाकि अभी पार्टी नये अध्यक्ष पद के लिये किसी भी नेता या पदाधिकारी के नाम का जिक्र नहीं हुआ है जबकि देशभर में कई राज्यों के कांग्रेस संगठन प्रमुखों ने पार्टी सुप्रीमो सोनियां गांधी ,गांधी परिवार के पूर्व नेताओं के बलिदान एवं देशसेवा के लिये योगदान को पार्टी के लिये बड़ी उपलब्धि बताने के साथ ही राहुल गांधी से पार्टी की कमान संभालने की अपील की है। सोनिया गांधी के समर्थन में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और वरिष्ठ कांग्रेसी एके एंटनी ने चिट्ठी लिखने के कदम की आलोचना और नेतृत्व में बदलाव की मांग रखने वाले नेताओं के प्रति गुस्सा भी जाहिर किया। इसके बाद राहुल गांधी ने बेहद तीखे लहजे में लेटर की टाइमिंग पर सवाल खड़े करते हुए यहां तक कहा दिया कि चिट्ठी बीजेपी के साथ मिलीभगत कर लिखी गई है। राहुल के बाद प्रियंका गांधी ने भी गुलाम नबी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। राहुल गांधी ने कड़े तेवर में कहा कि सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती होने के समय ही पार्टी नेतृत्व को लेकर पत्रा क्यों भेजा गया था? उन्होंने बैठक में कहा कि पार्टी नेतृत्व के बारे में सोनिया गांधी को पत्रा उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्रा में जो लिखा गया था उस पर चर्चा करने का सही स्थान सीडब्लूसी की बैठक है, मीडिया नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पत्रा बीजेपी के साथ मिलीभगत करके लिखा गया है। राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने नाराजगी जाहिर की है। प्रियंका गांधी गुलाम नबी आजाद के रवैए को लेकर नाराज बतायी जा रही हैं। वहीं गुलाम नबी आजाद राहुल के बीजेपी से सांठगांठ वाले बयान पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप टिप्पणी सही साबित हुआ तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी राहुल गांधी के उस आरोप का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने बीजेपी की मदद करने का आरोप लगया था। सिब्बल ने कहा, मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का बचाव किया। मणिपुर में बीजेपी से पार्टी का बचाव किया। पिछले 30 सालों में कभी भी किसी मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी हम बीजेपी से मिले हुए हैं! दरअसल, बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्रा लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्रा क्यों लिखा गया। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक में आरोप लगाया है कि जिन्होंने इस वक्त चिट्ठी लिखी है वो भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खफा हैं और पलटवार कर रहे हैं। गौर हो कि कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी से पहले चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि इस वक्त एक ऐसे अध्यक्ष की मांग है कि जो पूर्ण रूप से पार्टी को वक्त दे सके। सोमवार को हुई इस बैठक में इस चिट्ठी को लेकर काफी विवाद हुआ, सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी। हालांकि, कई वरिष्ठ नेताओं ने ऐसा करने से इनकार किया। साथ ही चिट्ठी लिखने वालों पर राहुल गांधी जमकर बरसे और उन्होंने इसकी टाइमिंग पर सवाल खड़े कर दिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक में कहा कि चिट्ठी लिखने की टाइमिंग सही नहीं थी, क्योंकि इस वक्त पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में लड़ाई लड़ रही थी, साथ ही सोनिया गांधी भी बीमार थीं।