जिला अस्पताल में मरीजों के जीवन से हो रहा खिलवाड़

0

रूद्रपुर। सरकार के तमाम दावाओं के बावजूद चिकित्सा व्यवस्थायें सुध्र नहीं रही है। चिकित्सा सुविध्यें बेहतर बनाने के सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। जिला अस्पताल में बदइंतजामी का एक और मामला सामने आया है। प्रसव के बाद एक गर्भवती की तबियत बिगड़ने के बाद चिकित्सकों ने हाथ खड़े करते हुए उसे मेडिसिटी ले जाने की सलाह दे दी। मेडिसिटी ले जाने में परिजनों ने असमर्थता दिखाई तो उसे एसटीएच रैफर कर दिया। सरकारी अस्पताल में उपचार नहीं मिलने पर परिजनों एक प्राईवेट अस्पताल में महिला का उपचार कराया तो वहां कुछ घंटे के उपचार के बाद ही महिला पूरी तरह स्वस्थ हो गयी। जिला अस्पताल की बद इंतजामी को लेकर महिला के पति ने मुख्य चिकितसा अध्किारी और जिलाध्किारी से पत्र लिखकर व्यवस्थायें सुध्रने और लापरवाह चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। मूल रूप से चिरैया सीतापुर उत्तर प्रदेश निवासी गंगासागर शहर में मजदूरी करता है। उसने 18 जुलाई को अपनी प त्नी अनीता देवी को प्रसव के लिए जिला अस्पताल भर्ती कराया था। अस्पताल में उसका सामान्य प्रसव हुआ। लेकिन दूसरे दिन सुबह उसके पेट में थोड़ी सूजन थी। जिस पर चिकित्सकों ने महिला की हालत गंभीर बताते हुए उसे मेडिसिटी अस्पताल ले जाने की सलाह दे दी। जब उन्होंने मेडिसिटी ले जाने में असमर्थता जताई तो उन्होंने महिला को सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी के लिए रैफर कर दिया। महिला के पति गंगा सागर ने बताया कि उन्होंने रिस्क न लेते हुए तत्काल अनीता को बीडी पाठक अस्पताल भर्ती कराया जहां कुछ घंटों के इलाज के बाद ही अनीता पूरी तरह ठीक हो गयी और उसे डिस्चार्ज भी कर दिया गयां अनीता फिलहाल घर पर है और स्वस्थ है। लेकिन इस मामले ने जिला अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्थाओं पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है। एक तरफ सरकार बेहतर चिकित्सा सेवायें देने के दावे कर रही है तो वहीं जिले के प्रमुख अस्पताल में सामान्य प्रसव कराने के लिए भी पर्याप्त व्यवस्थायें न होना अपने आप में सवाल खड़ा करता है। जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर अनीता के पति गंगा सागर ने जिलाध्किारी और मुख्य चिकित्सा अध्किारी को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराते हुए कार्यवाही करने और अस्पताल में व्यवस्थायें सुध्रने की मांग की है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.