कार्य बहिष्कार पर गई आशा कार्यकर्तियों ने सीएम को भेजा ज्ञापन
गदरपुर। अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार पर गई आशा कार्यकत्रियों ने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। शुक्रवार को उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर यूनियन की गदरपुर शाखा से जुड़ी आशा कार्यकर्ताओं ने ब्लाॅक सचिव प्रेमलता कश्यप के नेतृत्व में तहसील मुख्यालय पहुंचकर तहसीलदार भुवन चंद के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित 11 सूत्री ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों को पूरा किए जाने की मांग दोहराई। 11 सूत्री मांग पत्र में आशा वर्करों को सरकारी सेवक का दर्जा और न्यूनतम 21 हजार रुपये वेतन दिए जाने, मासिक वेतन एवं कर्मचारी का दर्जा ना मिलने तक आशाओं को भी अन्य स्कीम वर्कर्स की तरह मासिक मानदेय दिलवाए जाने, मासिक राशि और सभी मदों का बकाया भुगतान किए जाने, विविध भुगतान में निचले स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार में कमीशन पर लगाम लगाने, कोविड-19 कार्य में लगी आशा कार्यकत्रियों को पूर्ण सुरक्षा की व्यवस्था कराने, आशा वर्करों को 10 लाख रुपये कोरोना लाॅक डाउन भत्ता का भुगतान किए जाने, 50 लाख रुपए का जीवन बीमा और 10 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा लागू करने, कोरोना डड्ढूटी के क्रम में मृत आशा वर्करों के आश्रितों को 50 लाख का बीमा और चार लाख का अनुग्रह अनुदान भुगतान करने, सेवानिवृत्ति पर पेंशन का प्रावधन किए जाने, डड्ढूटी के समय दुर्घटना या बीमारी होने की स्थिति में सुरक्षा प्रदान करने के लिए नियम बनाने और न्यूनतम 10 लाख रुपये मुआवजा दिलाए जाने का प्रावधन एवं आशाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार किए जाने की मांग शामिल हैं। आशा हेल्थ वर्कर यूनियन की ब्लाक महासचिव प्रेमलता कश्यप ने कहा कि प्रांतीय संगठन के आवाहन पर 7 अगस्त से 9 अगस्त तक कार्य बहिष्कार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती है तो प्रांतीय संगठन से मिलने वाले दिशा निर्देश के अनुरूप अग्रिम रणनीति पर विचार किया जाएगा। इस दौरान ब्लाॅक उपाध्यक्ष पूजा रानी, महामंत्री कल्पना मिस्त्री, माया देवी, तारा भट्टð, सुनीता रानी, अपर्णा, फातिमा, हेमा बिष्ट, कमला विश्वास, लक्ष्मी रावत, नीलम रानी, मीनाक्षी अरोरा, ऊषारानी, जसविंदर कौर एवं मुन्नी देवी आदि तमाम आशा कार्यकत्रियों थीं।