त्यौहार पर कोरोना का कहर, बाजार में नहीं है ग्राहक

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नानकमत्ता(उत्तरांचल उत्तरांचल दर्पण संवाददाता)। भाई-बहन का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन के मात्र चार दिन रह गए हैं। मगर बाजार में रक्षा बंधन की चमक दिखाई नहीं दे रही है। इसे कोरोना महामारी का असर ही कहेंगे। इस बार राखियों में सजे रहने वाले बाजारों में कम ही दुकानें नजर आ रही हैं। दो दिवसीय बाजार बंदी को लेकर मिष्ठान विक्रेता भी परेशान है। रक्षा बंधन से ही बाजारों में राखियों की चमक दिखाई देने लगती है। कोरोना संक्रमण के चलते राखी का ज्यादा स्टाक तैयार नहीं हो पाया है। इस साल राखी की गिनी चुनी दुकानें लगी है, जब कि पिछले सालों से पूरा बाजार राखियों से पटा नजर आता था। कोरोना वायरस के चलते भाई-बहन का पवित्र तोहार रक्षा बंधन में विदेशों में रह रहे भाइयों को बहने राखी नहीं भेज पाई है। पिछले साल रक्षाबंधन में विदेशों में रह रहे भाइयों के लिए बहने ज्वेलर्स की दुकानों से चांदी की राखी भेजा करती थी। रक्षा बंधन का पवित्र त्यौहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते को दर्शाता है, त्योहार पर भी कई बहने मायके नहीं आएंगी। इस बार भाइयों की कलाई डाक से भेजी जाने वाली राखियों से सजेगी। पवित्र त्योहार सदियों से चला आ रहा है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधती हैं। राखी व्यापारियों का कहना है कि अभी तक राखी की बिक्री शुरू नहीं हुई है। ऐसे में त्यौहार के नजदीक आने वाले दिनों में राखी बिकने की उम्मीद है। कोरोना वायरस के तेजी से फैलने के चलते दो दिवसीय बंदी होने से राखी की बिक्री नहीं हो पा रही है। इधर बहनों का भी कहना है कि रक्षाबंधन की तैयारियां की हैं, लेकिन वह भाइयों के घर व मायके जा पाएंगी या नहीं इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। त्यौहार नजदीक आते ही नगर के व्यापारी ग्राहकों का इंतजार करते दिखाई दे रहे हैं।

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