लॉकडाउन में ऊर्जा विभाग को लाखों का झटका दे गये बिजली चोर

अनलॉक 2 की छापेमारी में विद्युत चोरी के मामले में 15-50 लाख रुपये का राजस्व वसूला

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दर्पण संवाददाता
सितारगंज। लॉक डाउन के हालात में बिजली चोर ऊर्जा विभाग को लाखों रुपये के राजस्व का झटका लगा चुके है। इसकी वजह संक्रमण के दौरान छापेमारी में ब्रेक को माना गया है। अनलॉक 1, 2 घोषित होने के बाद विजिलेंस की छापेमारी में बढ़ते चोरी के मामले कई गुना तक बढ़े और विभाग की पकड़ में आ गये। लॉक डाउन से पूर्व और अनालॉक 2 जून तक चोरी के प्रकरणों से विभाग को प्राप्त राजस्व में 12-50 लाख का अंतर मिलने से अफसरों ने छापेमारी के लिये टीमें बढ़ा दी है।   कटिया डालकर बिजली चोरी करने वालों ने लॉक डाउन में ऊर्जा विभाग को लाखों के राजस्व की चपत लगाई है। कोरोना संक्रमण के कारण ऊर्जा विभाग की टीमें लॉक डाउन के हालात में मार्च से जून तक छापेमारी नही कर सकी। ऊर्जा विभाग के अफसरों का मानना है कि इस अंतराल में बिजली चोरी की अधिक सम्भावनायें रही है। आंकड़े पर नजर डाले तो लॉक डाउन से पहले फरवरी माह में ऊर्जा विभाग ने 17 प्रकरण दर्ज कर 2-68 लाख रुपये का राजस्व वसूला था। 22 मार्च को लॉक डाउन घोषित हो गया। इस अंतराल में 7 चोरी के मामले पकड़े गये। चोरी के मामले में विभाग को 2-59 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ। इसके बाद संक्रमण के कारण छापेमारी पर ब्रेक लग गया। जून में अनलॉक 1, 2 के शुरु होते ही विजिलेंस टीम ने क्षेत्र में छापेमारी शुरु कर दी। अनलॉक 2 में विभाग ने 36 चोरी के प्रकरण दर्ज कर 15-50 लाख रुपये वसूले। इसके बाद लॉक डाउन में बड़े पैमाने पर बिजली की सम्भावना से इंकार नही किया जा सकता।
जून में 36 चोरी के मामले दर्ज कराये गये। इससे विभाग को 15-50 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ। लॉक डाउन में संक्रमण के दृष्टिगत छापेमारी नही होने से बिजली चोरी काफी सम्भावना रही। टीमें लगातार छापेमारी कर रही है। चोरी के मामले में स्थानीय स्तर पर जुर्माना व अदालत के आदेशानुसार कार्यवाही की जाती है।
चंदन सिंह बसनेत, ईई ऊर्जा विभाग

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