एनेस्थीसिया के चिकित्सक मिलते तो नहीं गंवानी पड़ती जान

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सड़क हादसे में गोपाल की मौत, बाल बाल बची मीरा
(मनोज श्रीवास्तव)
काशीपुर। रोड एक्सीडेंट में जिस मिष्ठान व्यवसायी की बुधवार की शाम मौत हुई वह पत्नी को ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती कराने आया था। संयोगवश एनेस्थीसिया के चिकित्सक के ना होने के कारण उसे वापस घर लौटना पड़ा। रास्ते में बेरहम मौत उसका इंतजार कर रही थी। हृदय विदारक घटना को लेकर मृतक परिवार में मातमी सन्नाटा पसरा है। ज्ञातव्य है कि गंगापुर गोसाई कुंडेश्वरी निवासी गोपाल पाठक 55 वर्ष पुत्र स्वर्गीय सुशील पाठक की लगभग डेढ़ दशक से कुंडेश्वरी में लक्ष्मी मिष्ठान भंडार के नाम से प्रतिष्ठान है। कुछ समय से उनकी पत्नी मीरा देवी को पथरी की शिकायत होने के कारण उनका मुरादाबाद रोड स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। गत बुधवार को ऑप्रेशन होना था। इसलिए गोपाल अपनी पत्नी मीरा देवी को बाइक पर बिठाकर अस्पताल ले आए लेकिन यहां एनेस्थीसिया के डॉक्टर के ना होने की वजह से उन्हें भर्ती नहीं किया जा सका। फलस्वरुप गोपाल पत्नी मीरा देवी को दवाई दिला कर वापस घर की ओर लौट पड़े। इस दौरान कुंडेश्वरी रोड पर अपना घर के समीप विपरीत दिशा से चली आ रही अनियंत्रित कार के चालक ने तेजी व लापरवाही से मोटरसाइकिल में जबरदस्त टक्कर मार दी। हादसा इतना जोरदार था कि गोपाल की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उनकी पत्नी मीरा देवी को इस दुर्घटना में मामूली चोटें आई। दर्दनाक हादसा घटित होने के कारण मौके पर भीड़ जमा हो गई। हालांकि आरोपी चालक कार समेत आईटीआई पुलिस के हत्थे चढ़ गया लेकिन पत्नी को बीमारी से मुत्तिफ़ दिलाने के लिए जद्दोजहद कर रहे गोपाल की असमय मौत ने परिवार को अंदर तक तोड़ के रख दिया। घटना वाले दिन यानी बुधवार की शाम यदि गोपाल की पत्नी मीरा देवी अस्पताल में भर्ती कर दी गई होती तो शायद गोपाल को घर वापस लौटना नहीं पड़ता और यह हादसा संभवत टल सकता था। लेकिन कहते हैं कि हानि लाभ, जीवन मरण, यश अपयश विधि के हाथ। मौत को बहाना चाहिए था। मृतक गोपाल के 2 पुत्र व एक पुत्री है । बेटी की शादी हो चुकी है। आज मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस द्वारा उसे परिजनों के हवाले कर दिया गया।

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