देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ़ जनहित याचिका खारिज,स्वामी बोले,मैं सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा
नैनीताल(उत्तरांचल दर्पण संवाददाता)। उत्तराखंड सरकार द्वारा चारधाम और उनके आसपास के 51 मंदिरों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास, समुचित यात्र संचालन एवं प्रबंधन के लिए उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम का गठन किया गया है। इस अधिनियम को हिंदू धार्मिक परम्पराओं के खिलाफ बताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं वरिष्ठ वकील स्वामी द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं चारधाम देवस्थानम अधिनियम को लेकर हाईकोर्ट से प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार को बड़ी राहत मिल गई है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्यसभा सांसद व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है। अपने फैसले में हाईकोर्ट ने अधिनियम को संवैधानिक करार दिया है। हाईकोर्ट ने अधिनियम को चुनौती देती सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की जनहित याचिका खारिज कर दिया जबकि याचिकाकर्ता स्वामी ने हाईकोर्ट के निर्णय का अध्ययन करने के बाद मामले को सुप्रमी कोट में उठाने का ऐलान किया है। जबकि सरकार की ओर से कहा गया था कि यह अधिनियम संवैधानिक है और सरकार को इसका अधिकार है। इस मामले में रुलक संस्था ने भी सरकार के अधिनियम का समर्थन करते हुए स्वयं पक्षकार का प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने फैसला सुनाते हैं अधिनियम को संवैधानिक करार दे दिया है। जानकारी के अनुसार देवस्थानम अधिनियम को लागू करने के विरोध में हिंदूवादी नेता एवं वर्तमान राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार द्वारा लाया गया यह एक्ट असंवैधानिक है और संविधान के अनुच्छेद 25,26 और 32 और जनभावनाओं के विरुद्ध है। सोशल मीडिया पर ट्वीट किया है,सरकार ने कोर्ट में दलील दी कि उन्होंने यह कदम भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उठाया है। इस पर सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल खड़े किए कि अगर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कदम उठाया गया है, तो सरकार को कोर्ट को यह भी बताना चाहिए कि भ्रष्टाचार कब हुआ था। उन्होंने कहा फैसला मिलने के बाद उसे पढ़ा जाएगा और फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।वहीं फैसला आने के बाद स्वामी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तराखंड का मामला कुछ खंडों के अधीन खारिज हो गया है। आदेश की पूरी कॉपी मिलने के बाद बाद सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा। स्वामी ने एक दूसरा ट्वीट करते हुए लिखा है कि मुझे हाईकोर्ट से हार के बाद सुप्रीम कोर्ट से जीत मिली है। 2 जी स्पेक्ट्रम समेत कुछ केस इसके उदाहरण है।