हरदा ने सीएम त्रिवेंद्र और नौकरशाहों को भेजा उत्तराखंडी रायता

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देहरादून(उद संवाददात)।उत्तराखंड के पूर्व सीएम व कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत कभी आम, कभी खीरा-ककड़ी-भुट्टों की दावत और कभी काफल पार्टी देकर अपने समर्थकों को लुभाने और विरोधियों को चौंकाने का मौका नहीं चूकते। लॉकडाउन के चलते लंबे समय तक दिल्ली में रहने को मजबूर रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अब फिर विभिन्न मोर्चों पर सक्रियता बनाए हुए हैं। उत्तराखंड के सरोकारों और उत्पादों को लेकर चुटीले अंदाज में छेड़ी गई उनकी मुहिम के मुरीद उनके धुर सियासी विरोधी भी रहे हैं।शनिवार को उन्होंने अपनी पत्नी पूर्व सांसद रेणुका रावत के साथ हरेला पर्व के उपलक्ष्य में पहाड़ में उत्पादित ककड़ी से तैयार रायते की पार्टी दी। इससे पहले मीडिया से बातचीत में उन्होंने हरेला पर्व को लेकर सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने राज्य के इस पारंपरिक व सांस्कृतिक पर्व का महत्व इस बार कम नजर आ रहा है। इस पर्व की याद दिलाने को उन्होंने गणमान्य व्यक्तियों को रायता भेजा। नौकरशाहों को उत्तराखंडी रायता भिजवाया। इस सिलसिले में अपने राजपुर स्थित आवास पर उन्होंने चुनिंदा लोग ही बुलाए। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी को भी श्रावण संक्रांति व हरेला पर्व की शुभकामनाएं देते हुए रायता भिजवाया।उनकी ओर से भिजवाया गया रायता मिलने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चुटकी लेने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि रायता उन्हें मिल गया है, लेकिन वह इसे संभालकर रखेंगे, फैलाएंगे नहीं।

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