ठेका कर्मियों की छंटनी पर लगाई जाये रोकःबेहड
पूर्व मंत्री ने विवि के कुलपति को दिया ज्ञापन
उत्तरांचल दर्पण संवाददाता
पंतनगर। प्रदेश के पूर्व कबीना मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तिलकराज बेहड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय में कार्यरत ठेका कर्मियों की छंटनी को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। कांग्रेसी नेता ने शनिवार को इस सम्बन्ध में कुलपति से मुलाकात कर उन्हें ठेका कर्मियें के छंटनी पर रोक लगाने सम्बन्धी एक ज्ञापन भी सौंपा। कहा कि यदि किसी भी ठेका कर्मी की छंटनी होती है तो इसके लिए आंदोलन किया जायेगा। कुलपति से मुलाकात के बाद पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व मंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने अपनी घोषणा में कहा था कि किसी भी कर्मी चाहे व किसी कम्पनी, कार्यालय, घर या खेतों में कार्य कर रहें हैं उनको हटाया नहीं जायेगा। फिर शासन व प्रशासन विश्वविद्यालय से ठेका कर्मियों की छंटनी कर दोहरा मापदंड क्यों अपना रहा है। बेहड़ ने कहा कि विवि के कुलपति ने कहा कि बजट की कमी है। इसके लिए उन्होंने कहा कि बजट लाने का काम मजदूरों का नहीं है। बजट लाने का काम विवि प्रशासन व कुलपति का है। बेहड़ ने कहा कि आज पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है। प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। इसके लिए छोटे तबके के कर्मचारी पहले से ही संकट का सामना कर रहे हैं। यदि ठेका कर्मियों की छंटनी होती है तो इन सभी के ऊपर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जायेगा। बेहड़ ने कुलपति को अवगत कराया कि ठेका कर्मियों व उनके परिजनों में छंटनी की जानकारी मिलते ही भय का वातावरण व्याप्त है। सभी ठेका कर्मी अल्प वेतन पर कार्य कर रहे हैं और वह भी वेतन समय से नहीं मिल पाता है। इसके बावजूद ठेका कर्मी अपनी सेवायें निष्ठा व ईमानदारी के साथ देते चले आ रहे हैं। ऐसे में उनकी छंटनी करना न्यायसंगत नहीं होगा। साथ ही उन्होंने विवि में कार्यरत सभी ठेका मजदूरों से कहा कि किसी भी कर्मी को रोजगार से मुक्त नहीं किया जायेगा। यदि विवि प्रशासन ऐसा करता है तो वे व उनकी पार्टी किसी भी आंदोलन को बाध्य होंगे। इसके लिए पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। पूर्व मंत्री के साथ ज्ञापन देने वालों में डा. महेन्द्र शर्मा, मनोज कुमार सिंह, कन्हैया लाल, जर्नादन सिंह, ओएन गुप्ता, संतोष कुमार सिंह, एसएस मिश्रा, हाकिम, राजपाल सिंह, प्रकाश बाल्मीकि, रामदरश यादव, राजेश कुमार, नागेन्द्र यादव, बसीर अहमद व रामभरोसे आदि थे।इस दौरान सोशल डिस्टेंसिग का भी ध्यान रखा गया।