सेना को मिले 333 युवा जांबाज अफसर
उत्तरांचल दर्पण संवाददाता
देहरादून। आइएमए में आज सुबह पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया।इस बार परेड सादगी से हुई। कोरोना संकट को देखते हुए सोशल डिस्टेसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। परेड में युवा अफसर मास्क पहने हुए नजर आये। थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बतौर रिव्यूइंग आफिसर परेड की सलामी ली। पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद 423 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। आइएमए के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर मार्कर्स काॅल के साथ परेड का आगाज हुआ। कंपनी सार्जेट मेजर अभिमन्यु कौशिक, रोहित कुमार, सूरज राय, प्रिंस राज, नितिन सुरेश व आजिंक्य कल से ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर एडवांस काॅल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते परिमल पराशर की अगुआई में परेड के लिए पहुंचे। इसके बाद परेड कमांडर शिवकुमार सिंह चैहान ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। इसके बाद आइएमए की पीओपी के मुख्य अतिथि भारतीय सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे परेड मैदान में पहुंचे। जेंटलमैन कैडेट्स ने सलामी देकर उनका स्वागत किया। परेड की अनुमति देने के बाद वे निरीक्षण किया। आइएमए परेड में इस बार कोरोना के लिहाज से हर स्तर पर एहतियात बरता गया। हर टुकड़ी में अमूमन दस कैडेट एक लाइन में होते हैं, पर इस बार इनकी संख्या आठ रखी गयी। ताकि कैडेटों के बीच दो मीटर की दूरी बरकरार रहे। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार न ही जेंटलमैन कैडेटों के परिजन परेड देखने के लिए पहुंचे और ना ही देश-विदेश के गणमान्य लोग व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी। पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद पासिंग आउट बैच के 423 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। इनमें 333 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिलें, जबकि 90 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, माॅरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ न्यू गिनी, श्रीलंका व वियतनाम की सेना का अभिन्न अंग बने। इसके बाद देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 62 हजार 562 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया। इनमें मित्र देशों को मिले 2503 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। पीओपी में स्वार्ड आफ आनर-आकाशदीप सिंह ढिल्लों को चुना गया। जबकि गोल्ड मेडल शिवकुमार सिंह चैहान को मिला। सिल्वर मेडल सक्षण राणा, ब्रांज-सूरज सिंह, टीजी सिल्वर-भरत योगेंद्र को मिला। सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट डोनवान सोन वियतनाम रहे। आईएमए की पासिंग आउट परेड के बाद सेना प्रमुख ने कहा कि नेपाल से हमारा संबंध हमेशा मजबूत रहा है और भविष्य में भी मजबूत रहेगा। चीन के साथ बातचीत का दौर जारी है, जो कोर कमांडर स्तर की वार्ता के साथ शुरू हुई है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमारे द्वारा किए जा रहे निरंतर संवाद के माध्यम से हम (भारत और चीन) सभी कथित मतभेदों को दूर कर देंगे। उन्होंने कहा कि सब कुछ नियंत्रण में है। उल्लेखनीय है कि लद्दाख के पैंगोग त्सो झील, गलवन घाटी और डेमचोक तीन ऐसे स्थान थे जहां भारतीय और चीनी सेनाएं एक-दूसरे के सामने डटी थीं। बीते दिनों हुई सैन्घ्य अधिकारियों के स्घ्तर पर हुई बातचीत में भारत ने साफ कर दिया था कि वह अपने जवानों को तब तक इलाके से नहीं हटाएगा जब तक कि चीनी सेना इलाके में पूर्व की स्थिति को बहाल नहीं कर देती।
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