नशा मुक्ति केंद्र में मौत के मामले में केंद्र संचालक पर मुकदमा
नशा मुक्ति केंद्र में मौत के मामले में केंद्र संचालक पर मुकदमा
गदरपुर(उद संवाददाता)। नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती 45 वर्षीय व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने केंद्र संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जैसा कि विदित हो कि दिनेशपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम दुर्गापुर निवासी 46 वर्षीय परमिंदर सिंह पुत्र जरनैल सिंह नशे का आदी था जिसको परिजनों द्वारा बीती 30अप्रैल को गदरपुर, रविवार, बाजार के सामने स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था। बीती 15 मई को अचानक परमिंदर सिंह की तबीयत खराब हो गई। केंद्र प्रभारी गुरदेव सिंह द्वारा उसे नगर के संजीवनी अस्पताल में दाखिल कराया जहां उसकी गंभीर हालत को देखकर चिकित्सकों ने जवाब दे दिया, जिसपर उन्होंने परमिंदर सिंह के परिजनों को सूचना दी। मौके पर पहुंचे परिजनों द्वारा परमिंदर सिंह को रुद्रपुर के अमृत अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। मृतक परविंदर सिंह के परिजन उसके शव को घर ले गए थे और उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। पूरे मामले में परिजनों को नशा मुक्ति केंद्र की भूमिका पर संदेह था जिस पर मृतक परमिंदर सिंह के भाई हरजीत सिंह ने पुलिस को तहरीर सौंप कर केंद्र संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। हरजीत सिंह की तहरीर पर पुलिस द्वारा भगवान महावीर फाउंडेशन नशा मुक्ति केंद्र एवं पुनर्वास सेंटर के संचालक के खिलाफ धारा 304 ए आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। नशा मुक्ति केंद्र में व्यवस्थाओं को लेकर पूर्व में भी कई मरीजों के तीमारदार अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं उनका कहना था कि नशा मुक्ति केंद्र में ना ही कोई चिकित्सकीय जांच की सुविधा है और ना ही समय पर भोजन आदि की व्यवस्था है। यहां यह भी गौरतलब है कि नशा मुक्ति केंद्र के संचालक द्वारा परमिंदर सिंह की मौत की सूचना तक पुलिस को देना गवारा नहीं समझा गया, जिसको लेकर नशा मुक्ति केंद्र की भूमिका पर सवालिया निशान उठना स्वभाविक है। नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती 45 वर्षीय परमिंदर सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की खबर को सांध्य दैनिक उत्तरांचल दर्पण समाचार पत्र द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था जिससे प्रशासन में भी हड़कंप मच गया था। बता दें कि पूर्व में नशा मुक्ति केंद्र में रह रहे 1 दर्जन से अधिक मरीज दीवार में सेंध लगाकर फरार हो गए थे और उसके बाद यहां भर्ती एक मरीज की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। थानाध्यक्ष जसविंदर सिंह ने बताया कि मामले की जांच उपनिरीक्षक जगदीश चंद तिवारी को सौंपी गई है।