खाद्यान की आपूर्ति,गुणवत्ता व ट्रांसपोटेशन की हुई जाँच तो नपेंगे कई अधिकारी
जसपुर क्षेत्र में वरिष्ठ विपणन अधिकारी व पूर्ति अधिकारी की कार्यशैली पर उठ रही उंगलियां
खाद्यान की आपूर्ति,गुणवत्ता व ट्रांसपोटेशन की हुई जाँच तो नपेंगे कई अधिकारी
मनोज श्रीवास्तव
जसपुर/काशीपुर। सरकारी खाद्यान्न वितरण व उसकी गुणवत्ता में धांधली की शिकायत के बावजूद अब तक जांच कमेटी का गठित ना किया जाना सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। मामला प्रकाश में आने के बाद मंडल के संभागीय खाद्य नियंत्रक भी मौन है। माना जा रहा है कि यदि सरकारी खाद्यान्न की आपूर्ति व ट्रांसपोर्टेशन संबंधी चालान आदि की बारीकी से जांच कराई जाए तो भारी गड़बड़ी उजागर हो सकती है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान जारी देशव्यापी लाॅकडाउन डाउन में विभिन्न योजनाओं के तहत महामारी की मुश्किलों से जूझ रहे निर्धन परिवारों को सरकार ने खाद्यान्न वितरण का ऐलान किया लेकिन सरकार की यह योजना समाज के अंतिम छोर तक पहुंचने से पहले ही हांफने लगी। भ्रष्ट अधिकारियों ने गरीबों के पेट का निवाला छीन लिया। खाद्यान्न वितरण के नाम पर जसपुर के अधिकांश सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से कार्डधारकों को खंडा मिक्स चावल के अलावा लूज दाले बांटी गई। गेहूं की गुणवत्ता ऐसी कि देख कर मानवता भी शरमा जाए। जारी लाॅक डाउन में अधिकारियों की शह पर बेलगाम कोटेदारों ने गरीबों के पेट पर जमकर डाका डाला। जसपुर क्षेत्र में सरकारी राशन की दुकानों पर घटतौली व मानक से कम राशन दिया जाना परिपाटी में शामिल हो चुका है । यहां खाद्यान्न के स्टाक आदि चेक करने की ढंग से औपचारिकता भी नहीं की जाती। राशन की गुणवत्ता पर आंख बंद कर मुहर लगाई जाती है। जसपुर क्षेत्र में सस्ते चावल और गेहूं की आपूर्ति में घोर अनियमितताओं की सूचना है। भ्रष्ट अधिकारियों के कारनामों की वजह से जहां एक ओर सरकार को करोड़ों की हानि हो रही है वहीं किसानों और लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।