बड़ी खबर-एमएनए की तानाशाही के खिलाफ 40 पार्षदों ने दिया सामूहिक इस्तीफा
एमएनए को हटाने की मांग पर अड़े पार्षद
रुद्रपुर(उद संवाददाता)। नगर निगम के एमएनए पर अभद्रता का आरोप लगाते हुये कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों ने धरना दिया और अपना सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। पार्षदों की मांग थी कि जब तक एमएनए को हटाया नही जाता तब तक वह निगम के किसी भी काम में भाग नही लेंगे। आज कांग्रेस और भाजपा के पार्षद नगर निगम के गेट पर पहुंचे और वहां धरना देना शुरू कर दिया। इस दौरान नगर आयुक्त के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पार्षदों ने धरना देते हुये कहा कि नगर आयुक्त द्वारा उनके नगर निगम में प्रवेश पर रोक लगा रखी है। यही नही जनहित के मुद्दों पर वह कोई बात नही सुनते। पार्षदों का आरोप है कि नगर आयुक्त को जब फोन किया जाता है तो फोन पर अभद्रता करते है।
उनके द्वारा विकास कार्यो में जानबूझकर रूकावते डाली जाती है। पार्षदों ने कहा कि जब नगर निगम को कोई काम पड़ता है तो वह हमारे घर तक पहुंच जाते है। आज हमे नगर निगम में आने से ही रोका जा रहा है और गेट पर सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिये है। इस दौरान पार्षदों द्वारा नगर आयुक्त के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई। धरना स्थल पर कोतवाल ने पहुंच कर पार्षदों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह नही माने। बाद में सभी पार्षदों ने एक बैठक कर मेयर को अपना सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। पार्षदों ने कहा कि जब तक नगर आयुक्त को नही हटाया जाता तब तक वह नगर निगम की किसी भी बैठक में न भाग लेंगे और न ही नगर निगम का कोई कार्य करेंगे। धरना और सामूहिक रूप से इस्तीफा देने वालों में मुख्य रूप से सुशील चैहान ,प्रमोद शर्मा,सोनू अनेजा,विधान रॉय, बबलू सागर,सुशील यादव,जितेंद्र यादव,सचिन मुंजाल,शैलेन्द्र रावत,रामकिशन कोली,विनय विश्वाश,धर्म कोली,किरण राठौर,शिव कुमार,राजेश कुमार ,मोहन कुमार,कैलाश राठौर, अम्बर सिंह,भुवन गुप्ता, रमेश कालड़ा आदि पार्षद मौजूद थे। इधर नगर आयुक्त जय भारत सिंह का कहना है कि उनके द्वारा किसी भी पार्षद को रोकने का आदेश नहीं दिया गया है और न ही किसी के साथ कोई अभद्रता की है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए उनके द्वारा गेट पर ही कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है ताकि लोगों को नगर निगम के अंदर नहीं आना पड़े और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। जिसका पार्षदगण गलत अर्थ निकाल रहे है।