दूसरे प्रदेशों से लौट रहे प्रवासियों को राशन देगी सरकारःत्रिवेन्द्र
दूसरे प्रदेशों से लौट रहे प्रवासियों को राशन देगी सरकारःत्रिवेन्द्र
देहरादून(उद संवाददाता)। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दूसरे प्रदेशों से लौट रहे प्रवासी मजदूरों को एक और राहत देने जा रहे हैं।अब दूसरे प्रदेशों से लौट रहे मजदूरों को सरकार राशन देने जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि अगर प्रवासियों के पास राशन कार्ड नहीं है, तो भी उनको राशन दिया जायेगा। राशन की व्यवस्था के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। ऐसे लोग जिनके पास किसी भी राज्य का राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का कार्ड है, उनको वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत सफेद और गुलाबी कार्ड की तरह ही लाभ दिया जाएगा। नई योजना के अनुसार जिनके पास कोई कार्ड नहीं है। उनको सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत प्रति यूनिट पांच किलो चावल और एक किलो दाल निशुल्क देने का फैसला लिया है। सभी जिलाधिकारियों और जिला पूर्ति अधिकारियों को वापस आए प्रवासियों और उनके कार्ड संबंधी विवरण लेकर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। हजारों की तादात में उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों को प्रदेश सरकार अब राशन किट मुहैया करवाएगी। साथ ही सीएम रावत ने कहा कि पर्वतीय खेती का विकास राज्य सरकार की नीति का प्रमुख अंग रहा है। उत्तराखंड जड़ी-बूटी का प्रमुख केंद्र है। हर्बल खेती को चार हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की जा रही है। इसमें मुख्यतया गंगा के किनारे हर्बल काॅरिडोर विकसित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा की गयी घोषणाओं से राज्य में भी कृषिगत इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी। कोल्ड स्टोरेज, कृषि उत्पादों की मार्केटिंग से राज्य के उत्पादों की अच्छी कीमत मिलेगी। पशुपालन और मत्स्य पालन को भी बल मिलेगा। निश्चित तौर पर युवाओं के लिए कृषि व संबद्ध व्यवसायों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे कृषि, हर्बल खेती, पशुपालन, मत्स्य, फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में आगे आएं। सरकार उन्हें हर तरह का सहयोग देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र द्वारा देश में कृषिगत इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण योजना से पशुओं का सौ प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। 15 हजार करोड़ रुपये से पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर विकास कोष स्थापित किया जा रहा है। इससे डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।