औरंगाबाद के रेलवे स्टेशन में मालगाड़ी ने मजदूरों को रौंदा, 16 की मौत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख व्यक्त किया, मुआवजे का ऐलान
पैदल चलने के बाद आराम के लिए रुके थे मजदूर
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मालगाड़ी से 16 मजदूरों के कटने का मंजर दिल को चीर रहा है। खामोश पटरियों पर मौत का सन्नाटा पसरा है। लॉकडाउन के चलते ये सभी मजदूर अपने घर जाने के लिए 40 किलोमीटर चलकर आए थे। थकान ज्यादा लगी, तो पटरी पर सो गए। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका सफर यही खत्म हो जाएगा। 18 मजदूर महाराष्ट्र की एक स्टील फैक्ट्री में काम करते थे। लॉकडाउन की वजह से काम बंद था। इन्होंने सोचा होगा ऐसे में घर ही चले जाएं। लॉकडाउन में यातायात के साधन बंद हैं और इन्हें औरंगाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचना था। ये सभी मजदूर मध्य प्रदेश के बताए जा रहे हैं, मध्य प्रदेश के लिए औरंगाबाद से ट्रेन चल रही थी। इसलिए पटरी-पटरी स्टेशन के लिए निकल पड़े। खबरों के मुताबिक, ये लोग जालना से औरंगाबाद पैदल जा रहे थे। दोनों के आपस की दूरी कुल 60 किलोमीटर है। कोरोना वायरस के कहर, लॉकडाउन की आफत और रोजगार के ठप होने की सबसे अधिक मार गरीब मजदूरों पर पड़ी है. लॉकडाउन की वजह से काम बंद हुआ तो लाखों की संख्या में मजदूर जहां थे, वहां ही रुक गए. कुछ ज्यादा दिन नहीं रुक पाए तो पैदल ही घर के लिए रवाना हो गए. ऐसे ही करीब 16 मजदूर जो घर पहुंचने की आस में पैदल ही रवाना हुए थे, एक हादसे का शिकार हो गए और उनकी मौत हो गई. महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बदनापुर-करमाड रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार सुबह जब एक मालगाड़ी गुजर रही थी, तब उसने 16 से अधिक मजदूरों को कुचल दिया. इस हादसे में 16 मजदूरों की तो मौत हो गई है, जबकि कुछ अन्य मजदूर घायल भी हुए हैं.भारतीय रेलवे की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, जिन मजदूरों की मौत हुई है, वो सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और महाराष्ट्र के जालना में एसआरजी कंपनी में कार्यरत थे. 5 मई को इन सभी मजदूरों ने जालना से अपना सफर शुरू किया, पहले ये सभी सड़क के रास्ते आ रहे थे लेकिन औरंगाबाद के पास आते हुए इन्होंने रेलवे ट्रैक के साथ चलना शुरू किया.करीब 36 किमी. तक पैदल चलने के बाद जब सभी मजदूर थक गए थे, तो ट्रैक के पास ही आराम के लिए लेट गए और वहां ही सो गए. इनमें से 16 लोग ट्रैक पर सोए, 2 बराबर में और बाकी तीन कुछ दूरी पर सोए. इन्हीं में से 16 की मौत हो गई है, बाकी जो घायल हैं उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है.इस हादसे के बाद अब रेल मंत्रालय की ओर से जांच के आदेश दिए गए हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है, साथ ही घायलों के इलाज पर नज़र रखी जा रही है. देश के कई हिस्सों से इन दिनों ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां पैदल ही घर जा रहे मजदूरों के साथ कोई हादसा हुआ है या फिर उन्होंने भूख-प्यास की वजह से दम तोड़ दिया है. एक ओर कोरोना का कहर और दूसरी ओर इस तरह गरीब मजदूरों पर आई आफत से हर कोई चिंतित है.इस घटना लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है और रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की है। उन्होंने लिखा, ‘महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल हादसे में जानमाल के नुकसान से बेहद दुखी हूं। मैंने रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की है और वह करीबी से स्थिति पर नजर रख रहे हैं। आवश्यक हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।’औरंगाबाद से ट्रेन मिलने की उम्मीद में प्रवासी मजदूर जालना से औरंगाबाद जा रहे थे। घटना पर रेल मंत्रालय ने कहा, ‘आज सुबह कुछ मजदूरों को ट्रैक पर देखकर मालगाड़ी के लोको पायलट ने ट्रेन को रोकने की कोशिश की लेकिन उन्हें परभणी-मनमाड सेक्शन के बदनपुर और कर्माड स्टेशनों के बीच उन्हें टक्कर लग गई। घायलों को औरंगाबाद सिविस अस्पताल ले जाया गया है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
मजदूर भाई-बहनों के मारे जाने की ख़बर से स्तब्ध, शर्म आनी चाहिए-राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मालगाड़ी की चपेट में आने से कई प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख प्रकट करते हुए शुक्रवार को कहा कि राष्ट्र का निर्माण करने वाले श्रमिकों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर हमें शर्म आनी चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मालगाड़ी से कुचलकर मजदूर भाई-बहनों के मारे जाने की ख़बर से स्तब्ध हूं। हमें अपने राष्ट्र निर्माणकर्ताओं के साथ किये जा रहे व्यवहार पर शर्म आनी चाहिए।’’ गांधी ने कहा, ‘‘मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।