शिक्षा मंत्री ने जरूरतमंदों के लिए खोला खजाना

निजी कोष से गदरपुर विधानसभा में बांट चुके हैं 18 हजार से अधिक राशन किट, शिक्षा मंत्री की ओर से सरकारी किटों से अलग बांटी जा रही है खाद्य सामग्री

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शिक्षा मंत्री ने जरूरतमंदों के लिए खोला खजाना
उत्तरांचल दर्पण ब्यूरो
रूद्रपुर। कोरोना वायरस से फैली महामारी को रोकने के लिए देशभर में किए गए लाॅकडाउन से गरीबों के लिए पैदा हुई परेशानी से निपटने के लिए तमाम लोग अपने स्तर से मदद कर रहे है। वहीं प्रदेश के शिक्षा मंत्री एवं गदरपुर के विधायक अरविंद पाण्डे अपने विधानसभा क्षेत्र की गरीब और जरूरतमंद जनता के लिए मसीहा बनकर सामने आये हैं। उन्होंने सरकारी कोष के बजाय अपने निजी कोष से बड़े पैमाने पर जरूरतमंदों को राशन पहुंचाकर मानवता की मिसाल पेश की है। शिक्षा मंत्री पाण्डे प्रदेश के इकलौते ऐसे मंत्री और विधायक हैं जिन्होंने इतने बड़े पैमाने पर अपने निजी व्यय से लोगों को राशन की किटें उनके घरों तक पहुंचाई है। पाण्डे के दिशा निर्देशन में अलग-अलग टीमें लाॅकडाउन के बाद से ही गदरपुर विधानसभा क्षेत्र में हर गरीब जरूरतमंदों तक राशन किटें पहुंचाने का काम कर रही है। अब तक उनकी ओर से 18 हजार से अधिक राशन किटें बांटी जा चुकी हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है।

बता दें पिछले करीब 4 माह से कोरोना महामारी के चलते पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ है। जिसके चलते देश में तीसरी बार लाॅकडाउन घोषित किया जा चुका है। लाॅकडाउन के चलते हर व्यक्ति की रोजी रोटी प्रभावित हुई हैं। खासकर मेहनत मजदूरी करके जीवन यापन करने वालों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे लोगों की संख्या हजारों में है। सरकार ऐसे लोगों तक राशन पहुंचाने का हरसंभव प्रयास कर रही है। सामाजिक संगठन और तमाम समाजसेवी व्यक्तिगत रूप से भी ऐसे लोगों की मदद के लिए सामने आये हैं। शहरी क्षेत्रों में कई संस्थायें लाॅकडाउन के बाद से ही जरूरतमंदों के लंगर चला रही हैं और कच्चा राशन भी हर जरूरतमंद तक पहुंचाने के प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में सामाजिक संस्थायें भी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के शिक्षा मंत्री एवं गदरपुर के विधायक अरविंद पाण्डे जरूरतमंदों के लिए मसीहा बनकर सामने आये हैं। संकट के इस समय में अपना राजधर्म निभाते हुए उन्होंने न सिर्फ सरकारी सुविधाओं का त्याग किया है बल्कि गरीब जरूरतमंदों के लिए अपना खजाना भी खोल दिया। सरकारी स्तर पर जरूरतमंदों को राशन पहुंचाने के अलावा अरविंद पाण्डे अपने विधानसभा क्षेत्र में हजारों जरूरतमंदों को निजी कोष से राशन किटें मुहैया करा रहे हैं। इन किटों में आटा, चावल, दाल, तेल सहित अन्य जरूरी सामान बांटा जा रहा है। इसके लिए उन्होंने पार्टी के जनप्रतिनिधियों और सक्रिय कार्यकर्ताओं की कई टीमें बनायी है। लाॅकडाउन के पहले चरण के करीब एक सप्ताह के बाद से ही ये टीमें घर-घर जाकर जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध करा रही है। शहरी क्षेत्र की मलिन बस्तियों और ग्रामीण क्षेत्रों में हर गरीब जरूरतमंदों को शिक्षा मंत्री की ओर से राशन की किटें पहुंचायी जा रही है। अब तक 18 हजार से अधिक लोगों को राशन की किटें वितरित की जा चुकी है और यह सिलसिला लगातार जारी है। ये राशन की किटें उन लोगों को भी दी जा रही हैं जिनको सरकार की ओर से राशन किट का लाभ नहीं मिल पा रहा है। शिक्षा मंत्री ने लाॅकडाउन की अवधि में विधानसभा क्षेत्र में कोई भूखा न रहे इसके लिए युद्ध स्तर पर अभियान चला रखा है। जरूरतमंदों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए उन्होंने अपना मोबाइल नम्बर भी सार्वजनिक किया है। राहत किट के साथ उनकी अपील और मोबाइल नम्बर भी घर-घर पहुंच रहा है ताकि कोई भी जरूरतमंद भूखा न रहे। जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने के साथ वह कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक भी कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री पाण्डे प्रदेश में पहले ऐसे मंत्री और विधायक हैं जिन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर निजी खर्च से जरूरतमंदों को राहत पहुंचायी है। संकट की घड़ी में राशन मिलने से गदरपुर विधानसभा क्षेत्र की गरीब जनता उन्हें सच्चा समाजसेवी और मसीहा मान रही है। लोगों का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने लाॅकडाउन में गरीबों की मदद करके मानवता का धर्म निभाया है। शिक्षा मंत्री द्वारा अपनी विधानसभा में की जा रही मानवता की सेवा की जानकारी ट्विटर के माध्यम से मिलने पर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने भी ट्विट करके उनके प्रयासों की सराहना की है। गरीबों को राशन पहुंचाने के साथ-साथ शिक्षा मंत्री बाहरी राज्यों में फंसे गदरपुर क्षेत्र के लोगों की घर वापसी में भी मददगार बन रहे हैं। उनके प्रयासों से बीते दिनों राजस्थान में फंसे गदरपुर क्षेत्र के 100 लोगों की घर वापसी संभव हुई है। इन लोगों की आवश्यक चिकित्सा जांच के बाद उन्हें होम क्वारंटीन किया गया। जरूरतमंदों की मदद के अभियान में शिक्षा मंत्री के पुत्र अतुल पाण्डे और उनके कर्मचारी पूरी शिद्दत से लगे हुए हैं।

सभी सरकारी सुविधाओं का त्याग कर पाण्डे ने पेश की मिसाल
रूद्रपुर। शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डे लाॅकडाउन में जरूरतमंदों के लिए जहां मसीहा बनकर सामने आये हैं वहीं उन्होंने आपदा के इस समय में सरकारी सुविधाओं का त्याग करके मिसाल पेश की है। लाॅकडाउन शुरू होने के तुरंत बाद ही शिक्षा मंत्री पाण्डे ने पुलिस कर्मियों की कमी को देखते हुए अपने सुरक्षा कर्मियों को वापस कर दिया। उनकी सुरक्षा में छह पुलिस कर्मी तैनात किये गये थे। उन्होंने डीजीपी अनिल रतूड़ी को फोन करके अपने सुरक्षा कर्मियों को वापस करने का आग्रह किया और कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान अन्य कहीं जरूरत के हिसाब से उनके सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा सकती है। उनकी यह पहल प्रदेश में अपने आप में एक नया उदाहरण है। इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने लाॅकडाउन में सरकारी वाहनांे का भी त्याग किया है। लाॅकडाउन के बाद से ही वह यात्रा के लिए अपने निजी वाहनों का प्रयोग कर रहे हैं। यही नहीं उन्होंने अपने आवास पर काम करने वाले अधिकांश कर्मचारियों को भी छुट्टी दे दी है और घर बैठे ही उन्हें वेतन दे रहे हैं। लाॅकडाउन में घर पर रहते हुए शिक्षा मंत्री पाण्डे इन दिनों अकसर घर में सफाई और बागवानी जैसे काम भी खुद करते नजर आते हैं।

गरीबी देखी है इसलिए गरीबों का दर्द समझता हूंः पाण्डे

रूद्रपुर। गदरपुर विधानसभा क्षेत्र में लाखों की राहत सामग्री अपने निजी कोष से वितरित कर चुके शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डे कहते हैं कि उन्होंने गरीबी देखी है इसलिए वह गरीबों का दर्द अच्छी तरह समझते हैं। इसी लिए उन्होंने संकल्प लिया है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में कोई भी गरीब भूखा नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के चलते आज पूरा विश्व संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे समय में गरीबों की मदद करना हर सक्षम व्यक्ति का कर्तव्य है। उनके स्तर से जो भी संभव है वह जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने का प्रयास कर रहे है। पाण्डे ने कहा कि आपदा के इस समय में गरीब जरूरतमंदों के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं। उन्होंने कहा कोरोना के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मजबूती से लड़ाई लड़ी जा रही है। प्रदेश सरकार भी जरूरतमंदों को राहत देने का हरसंभव प्रयास कर रही है। देश की जनता ने धैर्य का परिचय देकर अभी तक इस लड़ाई को काफी हद तक सफल बनाया है। इसी लिए अब तक लाॅकडाउन के सार्थक परिणाम सामने आये हैं। निश्चित ही देश इस महामारी से जल्द उबरेगा। पाण्डे ने लोगों से अपील की है कि वह धैर्य के साथ कोरोना वायरस का मुकाबला करें। विश्व स्तर पर फैली इस महामारी से जंग में सभी का योगदान जरूरी है। उनहोंने कहा कि लाॅकडाउन की गाईड लाईन का सभी पालन करें और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखें। शिक्षा मंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन के तीसरे चरण में ‘जान भी और जहान भी’ के सूत्र को ध्यान में रखते हुए सरकार कई रियायतें दे रही है। लेकिन इन रियायतों के बीच जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। ऐसे में सभी को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए अपनी जिम्मेवारी निभानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में हैं और जल्द ही सब कुछ सामान्य हो जायेगा।

पिता की उम्मीदों को साकार कर रहे अतुल
हर जरूरतमंद तक राशन पहुंचाने में खुद जुटे हैं मंत्री पुत्र
रूद्रपुर। गदरपुर विधानसभा में हर जरूरतमंद को राशन पहुंचाने के अभियान को धरातल पर साकार करने में शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डे के पुत्र अतुल पाण्डे अहम भूमिका निभा रहे हैं। कैबिनेट मंत्री होने के कारण पिता की व्यस्तता को वह बखूबी समझते हैं इसी लिए राशन वितरण अभियान की कमान अतुल पाण्डे ने खुद अपने हाथ में ले रखी है।

वह कोरोना के खतरे के बीच कार्यकर्ताओं के साथ खुद भी घर-घर पहुंचकर राशन की किटें वितरित कर रहे हैं। दिन हो या रात उनका सिर्फ एक ही प्रयास है कि इस आपदा में कोई भी भूखा न रहे। अतुल पाण्डे ने बताया उनका एक ही प्रयास है कि लाॅकडाउन में कोई भूखा न रहे। लाॅकडाउन तक राशन वितरण का उनका अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि किसी कारणवश किसी जरूरतमंद तक राशन कि किट नहीं पहुंच पायी हो तो वह मोबाइल नं. 9412089301 पर संपर्क कर सकता है।

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