मासूम को राजधानी के 3 अस्पतालों में नहीं मिला इलाज

बच्ची के पिता आरएसएस कार्यकर्ता का छलका दर्द,फेसबुक पर निकाली भड़ास

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मासूम को राजधानी के 3 अस्पतालों में नहीं मिला इलाज
देहरादून(उद संवाददाता)। राजधानी के तीन प्रमुख अस्पतालों में जब मासूम बच्ची को इलाज नहीं मिला तो आर एस एस के स्वयंसेवक का सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर अपने गुस्से का इजहार किया, दरअसल राजधानी देहरादून में आरएसएस के स्वयंसेवक हिमांशु अग्रवाल ने अपनी पोस्ट को वायरल करते हुए लिखा है कि कल रात उनकी बच्ची की अचानक तबीयत खराब हो गई थी। रात को उन्होंने मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज से हेल्पलाइन नंबर निकाल कर मदद मांगी तो एक नंबर स्विच आॅफ आया। दूसरे नंबर पर बताया गया कि आप अगर देहरादून रहते हैं तो दून अस्पताल लेकर जाएं दून अस्पताल ले जाने पर वह सिर्फ कोरोना के मरीजों का ही इलाज होना बताकर राजधानी कोरोनेशन अस्पताल में भेज दिया गया। अग्रवाल के फेसबुक पोस्ट मुताबिक जब वह अपनी बच्ची को लेकर कोरोनेशन अस्पताल पहुंचे तो वहां मौजूद डाॅक्टर ने बताया कि बच्चे को बुखार है लेकिन अस्पताल में फिजीशियन नहीं है। लैब भी बंद है और डाॅक्टर साहब सुबह 8बजे ड्यूटी पर आएंगे। तब थक हार कर अग्रवाल ने शहर के अन्य बड़े सरकारी अस्पताल गांधी हाॅस्पिटल का रुख किया लेकिन उनके मुताबिक यहां भी हाल जैसा अन्य अस्पतालों का था वैसा ही रहा। थक हार कर वह अपने घर पर आ गए और और उन्होंने अपनी भड़ास अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर निकाली। यह फेसबुक पोस्ट राजधानी में वायरल होती रही लोगों का कहना था कि राजधानी में जब स्वास्थ्य का यह हाल है। अन्य जगह का क्या हाल होगा। जबकि राजधानी में आला अधिकारी मुख्यमंत्री मंत्री मौजूद रहते हैं। इनके होते हुए सरकारी अस्पतालों में इलाज मिलना मुश्किल है। इसका अंदाजा आज कोरोना संकटकाल में बच्ची के पिता को होना स्वाभाविक है। हालांकि बच्ची के पिता आरएसएस से जुड़े हुए हैं लेकिन उनके मन की पीड़ा बाहर आ ही गई जिसे उन्होंने लोगों से साझा किया।

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