बेखौफ ‘क्रिमिनलों’ पर ‘कोरोना’ की करारी मार,थम गई चोरियां,डर गये अपराधी !
अश्लील मैसेज करने वालों पर आईटी ऐक्ट और अन्य धाराओं में होगी कार्रवाई: एडीजी
उत्तरांचल दर्पण ब्यूरो
ऊधमसिंहनगर।कहा जाता है कि हर सिक्के के दो पहलू होते है। देशव्यापी लॉकडाउन में यूं तो सबकुछ लॉक है लेकिन अब इसे जानलेवा कोरोना वायरस का खौफ कहे या फिर लॉकडाउन में पुलिस की सख्त कार्यशैली का असर,मालूम पड़ता है कि चोरी डकैती से लेकर लूट और हत्याओं को अंजाम देने वाले क्रिमिनलों पर भी लॉकडाउन की करारी मार पड़ गई है। सोशल मीडिया पर इन दिनों अपराधिक घटनाओं पर रोकथाम लगने और जरूरतमंदों की मदद के लिये जीजान से जुटे पुलिस प्रशासन की जमकर तारीफ भी की जा रही है। वहीं लॉकडाउन की शुरूआत में नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर जमकर डंडे बरसाने वाले पुलिस अधिकारियों व सिपाहियों की कार्यशैली में आये बदलाव को लेकर भी तरह तरह की चर्चायें की जा रही है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया सम्पूर्ण लॉकडाउन का ऐतिहासिक असर भी सामने आ रहा है। 22 मार्च 2020 को जनता कफ्रर्यू और फिर 21 दिन के सम्पूर्ण लॉकडाउन की समयसीमा के बाद 3 मई 2020 तक 19 दिन और बढ़ाये जाने की घोषणा के बीच काफी हद तक क्राईम कंट्रोल हुआ है। सम्पूर्ण लॉकडाउन के बीच ऐसी कोई बड़ी वारदात नहीं हुई है जिससे प्रदेश की छवि शांतिप्रिय बन रही है। जबकि सम्पूर्ण लॉकडाउन से ठीक पूर्व की लगातार अपराधिक घटनाओं का बोलबाला थमने का नाम नहीं ले रहा था। जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान उठाये जा रहे थे। प्रदेश में सड़क हादसे भी थम गये हैं। हांलाकि पहाड़ी जिलों में अब भी कई जगहों पर हादसे हो रहे है। 24 मार्च की रात 12 बजे से शुरू हुए लाकडाउन के चलते सड़क हादसों में भी कमी आई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी में जहां 34 सड़क हादसे हुए थे, उसमें 12 लोगों की मौत, 19 लोग गंभीर घायल, जबकि 13 लोग सामान्य रूप से घायल हुए। फ़रवरी में 33 विभिन्न हादसों में 15 लोगों की मौत हुई और 20 लोग गंभीर घायल व चार लोग सामान्य घायल हुए। मार्च में कुल 14 सड़क हादसे हुए, जिनमें दस लोगों की मौत, 11 गंभीर जबकि कुछ अन्य लोग घायल हुए है। डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण लोगों को घरों पर रहने के लिए कहा गया है। ऐसे में सड़क हादसों में भी कमी आई है। जबकि अब सिर्फ शराब एवं मादक पदार्थो की तस्करी, कालाबाजारी के मामले पकड़े जा रहे है। इधर पिछले वर्ष पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आकड़े के मुताबिक चोरी, डकैती, लूट, चेन स्नेचिंग, मोबाईल स्नेचिग आदि अपराधिक घटनायें लगभग थम सी गई है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मानो कभी कोई अपराध हुआ ही नहीं था। मगर इसकी वजह कुछ और नहीं सिर्फ कोरोना महामारी का प्रकोप है। धार्मिक एवं शांतिप्रिय उत्तराऽंड में गंभीर अपराधों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। वर्ष 2019 में उत्तराऽंड में कुल 2294 गंभीर अपराध हुएं हैैं जिसमें 547 दुष्कर्म, 186 हत्या, 15 डकैैती तथा 137 लूट के अपराध शामिल हैं। जबकि 2018 में 505 बलात्कार, 189 हत्या तथा आठ डकैती तथा 125 लूट के अपराध हुए थेे। लोक सूचना अधिकारी/पुलिस उपमहानिरीक्षक (फायर/कार्मिक) पुलिस मुख्यालय ने अपनेे पत्रंक 554 दिनांक 14 फरवरी 2020 के साथ 2019 के गंभीर अपराध के आंकड़ों का विवरण के अनुसार सर्वाधिक 916 वाहन चोरी के अपराध, 547 बलात्कार, 386 गृह भेेदन ,186 हत्या, 137 लूट, 55 दहेज हत्या, 41 चेन लूट/स्नेचिंग, 15-15 डकैती व वाहन लूट, दो फिरौती हेतु अपहरण के अपराध शामिल हैं। अगर कानून के दिशा निर्देशों पर भी ऐसा ही भय या कार्ययोजना लागू कर दी जायेगी तो निश्चित ही हमारा समाज प्रगति के पथ पर तीव्र गति से आगे बढ़ पायेगा। अपरधिक घटनाओं के थमने से जानमाल का बचाव तो हुआ है साथ ही सरकार और न्यायालयों के कामकाज में भी कमी आयेगी। अपराधियों की बेखौफ वारदातों के थमने से अब पुलिस भी राहत की सांस ले रही है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस का दंश पूरा देश झेल रहा है। सम्पूर्ण लॉकडाउन से देश को जो आर्थिक नुकसान हुआ है उसकी भरपायी करना भी सरकार के लिये चुनौतीपूर्ण हो सकती है वरन हर देशवासी अपनी जिम्मेदारी का पालन ईमानदारी और कर्तवयनिष्ठा से करता रहे। ऐसे नाजुक दौर को हम भले ही फिर कभी ना देख पाये इसलिये जरूरत है कि अब हमे अपने भविष्य के प्रति चिंतनशील होकर कार्ययोजना बनाने की। सरकार की जिन गाईडलाईन का पालन पुलिस के जवानों द्वारा क्रियान्वयन कराया जा रहा है वह भी बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। जनता के बीच जाकर सम्पूर्ण लॉकडाउन का पालन करने के लिये समाजिक सहयोग की अपेक्षा बढ़ जाती है। जिलावार अपराधों में सर्वाधिक गंभीर अपराध उधमसिंह नगर जिले में हुए हैं। विगत एक वर्ष में यूएसनगर में 681, हरिद्वार 646 और देहरादून में 507 आपराधिक घटनाएं दर्ज की गईं। जबकि सबसे कम गंभीर अपराध सात रुद्रप्रयाग जिले में, दूसरेे स्थान पर 18 अल्मोड़ा तथा तीसरे स्थान पर 20 चमोली जिले में हुएं हैैं। अन्य जिलों में नैैनीताल में 202, पिथौैरागढ़ में 36, बागेश्वर में 24, चम्पावत में 23, उत्तरकाशी में 29, टिहरी में 37, पौड़ी में 45 अपराध हुए हैं। रेलवे केे अन्तर्गत जीआरपी में रजिस्टर्ड 19 गंभीर अपराध हुए हैं। प्रदेश में दुष्कर्म के कुल 547 अपराधों में सर्वाधिक 147 हरिद्वार में, 129 देहरादून में तथा 117 उधमसिंह नगर जिले में हुए हैं। अन्य जिलों में नैैनीताल में 50, अल्मोड़ा में सात, पिथौरागढ़ में 13, बागेश्वर तथा चम्पावत में 10-10, उत्तरकाशी में 19, टिहरी में 18, चमोली में छह, रुद्रप्रयाग में पांच, पौड़ी में 15 तथा रेलवे में एक बलात्कार का अपराध हुआ हैै। हत्या के कुल 186 अपराधों में सर्वाधिक 59 उधमसिंह नगर में, 50 हरिद्वार में, 26 नैनीताल जिले में हुए हैं। अन्य जिलों में अल्मोड़ा में एक, पिथौैरागढ़ में नौ, बागेश्वर व चम्पावत में 3-3, टिहरी में चार, चमोली में दो, रुद्रप्रयाग में एक, पौड़ी में सात तथा देहरादून में 21 हत्या के अपराध शामिल है। रेलवे तथा उत्तरकाशी जिले में कोई हत्या का अपराध नहीं हुआ है। घरेलू हिंसा/ दहेज हत्या के कुल 55 अपराधों में सर्वाधिक 15-15 अपराध उधमसिंह नगर तथा हरिद्वार में, 7 देहरादून, 5 नैैनीताल जिले में हुयेे हैै। अन्य जिलों में अल्मोड़, चम्पावत, चमोली तथा पौैड़ी जिलों में 1-1, उत्तरकाशी में दो, पिथौरागढ़ में तीन, बागेश्वर में चार दहेज हत्या के अपराध हुए हैं। टिहरी व रुद्रप्रयाग जिले में कोई दहेज हत्या का अपराध नहीं हुआ हैै।
अश्लील मैसेज करने वालों पर आईटी ऐक्ट
और अन्य धाराओं में होगी कार्रवाई: एडीजी
लॉकडाउन का पालन कराने के लिये प्रदेशभर में पुलिसकर्मियों की तैनाती बढ़ा दी गई है। भले ही चोरी, डकैती और हत्या जैसे अपराध कम हो गए हों, लेकिन अब महिलाओं से मोबाइल-सोशल पर अश्लीलता के मामले बढ़ रहे हैं। महिला सेल में 1090 और 112 नंबर पर लॉकडाउन के पिछले आठ दिनों में 16 शिकायतें आईं। यानी हर दिन में तकरीबन दो शिकायतें। इसके अनुसार, ज्यादातर शिकायतें महिलाओं को मोबाइल पर अश्लील मैसेज/कॉल और सोशल मीडिया पर परेशान करने से जुड़ी हुई हैं। घरेलू हिंसा की कुछ शिकायतें भी आईं हैं। एक-दो शिकायतें पड़ोसियों से विवाद को लेकर भी दर्ज हुई हैं। देहरादून स्थित पुलिस मुख्यालय में महिलाओं की मदद के लिए बनी महिला सेल लॉकडाउन में भी 24 घंटे ऽुली है। यह सेल शिकायतें सुनकर संबंधित जिलों को कार्रवाई के लिए मामले भेजती है। लॉकडाउन से पहले भी लगभग हर दिन में औसतन दो से तीन शिकायतों का ही आंकड़ा रहता था। तब शारीरिक छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, मारपीट या फिर पति के अवैध संबंधों की शिकायतें आती थीं। अगर कोई भी महिला लॉकडाउन के दौरान किसी अपराध की शिकायत करना चाहती हैं तो कॉल-1090,112, 9411112780 व्हाट्सएप-9411112780 नंबर पर कॉल या व्हाट्सएप कर सकती हैं। इधर, एडीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से अपराध कम हुए हैं। आपराधिक प्रवृत्ति वाले कुछ लोग मोबाइल फोन या सोशल मीडिया से महिलाओं को परेशान कर रहे हैं, इन पर आईटी ऐक्ट और अन्य धाराओं में जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। साईबर क्राईम पर भी सख्ती से नजर रही जा रही है।