जिलों में पटरी पर जल्द लौट सकता है सरकारी कामकाज
देहरादून(उद संवाददाता)। सब कुछ ठीक रहा तो सचिवालय की तरह जिलों के सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज धीरे धीरे पटरी पर लौट सकता है। इसके लिए तैयारी शुरू हो गयी है। फिलहाल सरकार की प्राथमिकता निर्माण कार्यों से संबंधित दफ्तरों को खोलने की है। हालांकि, इस दौरान यह ख्याल रखा जाएगा कि कोरोना वायरस संक्रमण का फैलाव न हो। लाॅकडाउन के दूसरे चरण के आज चार दिन बीत चुके हैं। इस दौरान सचिवालय और विधानसभा में कामकाज को अनुमति दी गई है। हालांकि इससे पहले से ही सचिवालय में सभी अनुभागों में आशिक रूप से कामकाज शुरू हो चुका था। सभी विभागों के बजट जारी करने के लिए संबंधित अनुभागों ने काम किया। सरकार अब विभागों के मुख्यालयों व निदेशालयों में कामकाज शुरू करने पर विचार कर रही है। इसके बाद जिलों में महकमों को काम करने की इजाजत दी जाएगी। दरअसल, सरकारी मशीनरी पिछले लंबे समय से तकरीबन ठप है। ऐसे में निकट भविष्य में विकास कार्यों की रफ्तार पर बुरा असर पड़ने का अंदेशा गहरा गया है। औद्योगिक के साथ निर्माण गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत राज्य सरकार को मिली है। हालांकि ये गतिविधियां अभी सीमित तरीके से ही शुरू हो सकेंगी। खासतौर पर निर्माण कार्यों को लेकर सरकार ज्यादा सतर्क है। इसकी वजह बुनियादी जरूरतें हैं। ऐसे में निर्माण कार्यों से जुड़े महकमों का कामकाज अपेक्षाकृत जल्द शुरू होगा। शहरी निकायों से लेकर पंचायतों में छोटे निर्माण कार्यों को जल्द मंजूरी मिल सकती है। सरकार जिला योजना का बजट जारी कर चुकी है। उसमें छोटे निर्माण कार्यों के लिए बजट का प्रविधान किया गया है। हालांकि इन कार्यों को मंजूरी देने से पहले केंद्र से निर्माण सामग्री से संबंधित दुकानों के खुलने का इंतजार भी किया जा रहा है। राज्य सरकार ने सीमेंट, लोहा, बजरी, रेत, पत्थर के साथ में सेनिटरी की दुकानों को भी खोले जाने की पैरवी करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजा है।अनुमति से पहले तमाम महकमों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्यालयों में कोरोना संक्रमण से बचाव के पर्याप्त उपाय किए जाएं। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। दफ्तरों में कामकाज को मंजूरी देने से पहले कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति पर नजर रखी जाएगी।