कुछ लोगों की गलती का खामियाजा भुगत रहे हजारों लोग
हिमांशु वाष्र्णेय
हल्द्वानी, (उद संवाददाता)। कोरोना संक्रमण को लेकर बनभूलपुरा क्षेत्र बेहद संवेदनशील बना हुआ है। जनपद में जितने भी कोरोना के पाजिटिव मिले हैं उनमें सर्वाधिक मरीज बनभूलपुरा से ताल्लुक रखते हैं। इसके अलावा यूएसनगर और दूसरे शहरों में मिले कोरोना पाजिटिव में कई लोग बनभूलपुरा निवासी ही हैं। बताते चलें कि क्षेत्र में कई परिवारों को होम क्वारंटाइन किया गया है। सील किए गए बनभूलपुरा क्षेत्र के कई लोग पूरे बाजार क्षेत्र में बेखौफ घूमते मिले। बाजार और मंडी क्षेत्र में आवाजाही के साथ ही इन लोगों ने सोशल डिस्टेंस को भी नहीं माना। यही अब बनभूलपुरा क्षेत्र को भारी पड़ गया है। अब मुख्यमंत्री ने यहां कफ्र्यू की संस्तुति कर दी है। कुछ लोगों की नादानी के कारण अब समूचा क्षेत्र परेशान होगा। यहां स्क्रीनिंग और चिन्हीकरण के साथ ही मौलाना, उलेमाओं की स्वास्थ्य जांच के दौरान उपद्रवियों ने हंगामा कर दिया था और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। जबकि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम क्षेत्र में चेकिंग और टेस्टिंग कर कोरोना संक्रमण को रोकने में लगी थी। पर उपद्रवियों ने समझदारी न दिखाते हुए माहौल को अशांति में बदल दिया। यह भी कफ्र्यू लगने का एक प्रमुख कारण बना। खुफिया रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई कि बनभूलपुरा क्षेत्र में लाॅकडाउन का पालन नहीं हो रहा है। लोग इधर उधर मंड़राते हुए आसानी से देखे गए। पुलिस जब ऐसे लोगों को रोकती और समझाती है तो लोग बहस करने लगते हैं। ऐसे में पूरे क्षेत्र में संक्रमण का खतरा बड़ गया। और तो और होम क्वारंटाइन किए गए लोग तीन दिन में ही सड़कों पर उतर आए। तीन दिन में दो बार हंगामे ने सरकार को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया। क्षेत्र की संवेदन शीलता को देखते हुए अभी भी कफ्र्यू को ही अंतिम ठोस कार्रवाई मानना भूल होगी। यहां संक्रमण बढ़ने की संभावना कई और भी प्रकार से हो सकती है। जैसे की यहां लोगों के घर आपस में चिपके हुए हैं। छोटी से एरिया में कई-कई परिवार रहते हैं और परिवारों में जनसंख्या भी अधिक है। ऐसे में कफ्र्यू लगा दिया और कफ्र्यू हटने के बाद क्षेत्र से कोरोना संक्रमण की महामारी हट गया मान लेना भारी भूल साबित हो सकता है। कोरोना संक्रमण वैसे भी दोबारा फैलने वाला रोग है। इसलिए यह क्षेत्र बाद में भी पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बना रहेगा।