उत्तराखंड में अतिक्रमण के बाद अब बस्तियों को उजाड़ने की तैयारी

नोटिस ने किया आग में घी डालने का काम, तेईस को विशाल प्रदर्शन की तैयारी, सरकार के माथे पर डाले बल

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देहरादून। हाईकोर्ट के आदेश से हरकत में आई सरकार ने राजधानी व रूद्रपुर शहर में सैकड़ों अतिक्रमण ध्वस्त तो कर दिये लेकिन अब जो आग सुलग रही है उसने सरकार के माथे पर बल डाल दिये हैं। जन सेवा मोर्चा व कई अन्य संगठनों ने अतिक्रमण के मुद्दे पर ठोस पैरवी करने करने पर सरकार के िऽलाफ 23 जुलाई को विशाल प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। परेड ग्राउंण्ड में होने वाले इस प्रदर्शन की आंच किस हद तक जायेगी। इसका अंदाजा सरकार के नुमांइदों को है। इसलिए प्रशासन से लेकर ऽुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है। पिछले कई दिनों से होईकोर्ट के आदेश पर देहरादून शहर व रूद्रपुर शहर में सैकड़ाें अतिक्रमण टास्क फोर्स की टीम ने ध्वस्त किये है। राजधानी में राजपुर रोड, हरिद्वार रोड, चकराता रोड पर कई दुकानों व घरों पर सरकार ने अतिक्रमण ध्वस्त किया। वही रूद्रपुर शहर में कई अतिक्रमण ध्वस्त किये। इस दौरान रूद्रपुर शहर में कई बार प्रशासन को विरोध का सामना करना पड़ा। रूद्रपुर शहर के विधायक राजकुमार ठुकराल ऐसे पहले सत्ता पक्ष के विधायक रहें तो अतिक्रमण के मुद्दे पर व्यापारियों के समर्थन में ऽुलकर आये। लेकिन देहरादून के रायपुर विधायक, उमेश शर्मा काऊ, राजपुर विधायक ऽजान दास,कैंट विधायक हरवंश कपूर अतिक्रमण के विरोध में कही नजर नही ंआये। लेकिन जब टास्क फोर्स की टीम प्रेमनगर पहुंची तो स्थानीय व्यापारी एकजुट हो गये। जिनके समर्थन में कांग्रेस नेता सूर्यकान्त धस्माना और इस क्षेत्र के विधायक हरवंश कपूर व सटे क्षेत्र के विधायक गणेश जोशी अन्य विधायकों के साथ प्रेमनगर पहुंच गये। जहां उन्होंने अतिक्रमण का विरोध किया। जिसके बाद प्रशासन शांत हो गया। लेकिन शहर के अतिक्रमण के बीच ही शहर की रिस्पना व विंदाल नदी किनारे लगी बस्तियों में हजारों लोगों के पास नगर निगम का नोटिस पहुंचते ही बस्ती के लोगों में हड़कम्प मच गया। और बस्तियों में नोटिस के बाद क्षेत्र के विधायक भी सकते में आ गये, बस्तियों का भ्रमण करने पर विधायकों को भी नाराजगी का सामना करना पड़ा। शहर में अतिक्रमण के चलते पूर्व में सरकार के िऽलाफ लोगो का भारी आक्रोश था लेकिन बस्तियों के ध्वस्तीकरण को लेकर जारी नोटिस ने आग में घी का काम कर दिया। नोटिस मिलने के बाद कांग्रेस के राजकुमार व सूर्यकान्त धस्माना सक्रिय हो गये। सूत्रें के मुताबिक जन सेवा संगठन व कांग्रेस मिलकर 23 जुलाई को विशाल धरना प्रदर्शन के लिए संम्बधित बस्तियों में समिति का गठन कर दिया गया है। परेड ग्रांउण्ड में होने वाले धरना प्रदर्शन में शहर भर की बस्तियों ने लाऽों लोग जूटने की संभावना है। और इसी संभावना को भांपते हुये सरकार भी सक्रिय हो गई है।
शहर की आधी आबादी नदी नालों के किनारे
देहरादून। देहरादून शहर वैसे तो अमन चैन व मौसम के लिए जानने वाला शहर है। लेकिन यहां की आधी से अधिक आबादी नदी नाले व रिस्पना व विदांल पुल के किनारों पर ही बसी है। हाईर्काेट के आदेश के मुताबिक सरकार को रिस्पना व विंदाल नदी किनारे से अतिक्रमण हटाने के आदेश है। इन नदियों के किनारें कच्चे पक्के मकान व दुकानें काफी समय पूर्व की बनी है। अब इन बस्तियों को उजाड़ने के आदेश ने यहां रहने वाले वंदिशों की नींद उड़ा दी है।
बस्तियों के बदौलत बने कई विधायक
देहरादून। जिन बस्तियों को उजाड़ने के नोटिस मिले है, उनमें कई अवैध बस्तियाें के बल भाजपा व कांग्रेस के नेता प्रधान से विधायक तक बन गये है। रायपुर विधायक काऊ व पूर्व विधायक राजकुमार का इन बस्तियों को बसाने में सबसे अधिक समर्थन रहा है। इन्ही बस्ती के लोग अपने मसीहा भी मानते है लेकिन आज यही विधायक सत्ता में होने के बाद भी मजबूर दिऽाई दे रहें है।

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