हजारों परिवारों पर मंडराया बेघर होने का खतरा

अब रूद्रपुर की सियासी बिसात को तय करेगा नजूल मुद्दा, अस्सी फीसदी शहर नजूल भूमि पर

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रुद्रपुर,20जून। हाईकोर्ट में दायर की गई एक याचिका से अब रूद्रपुर के हजारों परिवारों पर बेघर होने का खतरा मंडराने लगा है क्योंकि नजूल भूमि को फ्री होल्ड करने के शासनादेश को निरस्त करने के नैनीताल हाईकोर्ट ने आदेश दे दिये है। जिससे माना जा रहा है कि रूद्रपुर में लगभग 20 हजार परिवार इसकी चपेट में आ जायेगे। हाईकोर्ट में दायर याचिका में नजूल भूमि नीति में 1 मार्च 2009 को जोड़े गये नये प्रावधान को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार ने नजूल नीति में निश्चित रकम चुकाकर अवैध कब्जों को फ्री होल्ड कराने का प्रावधान किया गया है जो असंवैधानिक, नियम विरूद्ध मनमाना है। अदालत ने इसे गैर संवैधानिक प्रावधान मानते हुये सरकार पर पांच लाख का जुर्माना लगाते हुये अवैध कब्जेदारों के फ्री होल्ड करने के प्रावधान को निरस्त कर दिया। अदालत के इस कड़े रूख के बाद हजारों परिवार पर बेघर होने का संकट मडरा गया। क्योंकि रूद्रपुर की 80 फीसदी आबादी नजूल भूमि पर है। शहर की तमाम बस्तियां भी नजूल भूमि पर बसी हुई है। जिसमें सबसे बड़ी बस्ती ट्रांजिट कैंप है। जहां हजारों की संख्या में परिवार रहते हैं। इसके अलावा रविन्द्र नगर,दरियानगर,आदर्श कालोनी, भदईपुरा, भूतबंग्ला, रम्पुरा, इंदिरा कॉलोनी सहित शहर की कई ऐसी पुरानी बस्तियां हैं जो की नजूल पर है। वहीं शहर का मुख्य बाजार भी इससे अछूता नहीं है। माना जाता है कि प्रदेश में नजूल भूमि के सर्वाधिक मामले
उधम सिंह नगर जिले के अलावा हरिद्वार, देहरादून और रूड़की में है। चूकी अब रूद्रपुर शहर आर्थिक शहर के रूप में विकसित होता जा रहा है। ऐसे में न्यायालय का आदेश शहर वासियों के लिये झटका साबित होगा। रूद्रपुर शहर की बसासत के बाद से ही यहां नजूल भूमि पर बसने वालाें की फेहरिस्त लगातार लंबी होती चली गई। जो संख्या कल तकमहिलाओं सहित तीन आरोपियों को गिरफ्रतार भी कर लिया है। मुखर्जीनगर जगतपुरा निवासी हरान मंडल पुत्र भवोनाथ ने दर्ज रपट में आरोप लगाया कि गत 17 जून की प्रातः उसकी भांजी पूनम रोते हुये आई और कहा मां को बचा लो नहीं तो वो उसे मार डालेगे। हरान का कहना है कि जब वह मौके पर पहुंचा तो वहां मोहल्ले के ही निवासी बहिन नीता राय पत्नी अनिल राय को उसका जेठ अमन राय पुत्र अनंत राय, जेठानी कल्याणी राय, उसकी पुत्री पारूल सरकार, दो पुत्र अजीत व सुजीत राय लाठी डंडों व धारदार हथियारों से उस पर हमला कर रहे थे और बहिन खून से लथपथ जमीन पर बेसुध पड़ी थी। हरान का आरोप है कि उक्त हमलावर विनीता के गले में अंगोछा डालकर उसे सड़क पर घसीट रहे थे और उसके बाल काट दिये तथा गुप्तांग में ठूस दिये। आरोप है कि उक्त हमला़वरों ने बहिन को अर्द्धनग्न अवस्था में मारते हुये मोहल्ले में भी घुमाया। हरान का आरोप है कि जब उसने बहिन को छुड़वाने की कोशिश की तो उस पर भी जानलेवा हमला कर घायल कर दिया। किसी तरह बहिन की जान की भीख मांगी। हमलावरों ने धमकी दी कि यदि घटना की रपट दर्ज करायी तो दोनाें को जान से मरवा देंगे। घायल महिला को उपचार के लिये जिला चिकित्सालय ले जाया गया जहां उसकी हालत चिंताजनक देख चिकित्सकों ने उसे एसटीएच हल्द्वानी रेफर किया। जहां विनीता मृत्यु से लड़ रही है। पुलिस ने अमन राय पुत्र अनंत राय,अनिल राय, कल्याणी पत्नी अमल राय, पारूल सरकार, अजीत राय, सुजीत राय के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। नामजद आरोपियों कल्याणी, पारूल व अनिल को पुलिस ने गिरफ्रतार कर लिया है। जबकि अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिये पुलिस कार्रवाई कर रही है। गौरतलब है कि गत सायं इस मामले को लेकर भारी संख्या में मोहल्ला मुखर्जीनगर सहित क्षेत्र के तमाम लोगों ने थाने के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया था और आरोपियों को धर दबोचने की मांग की। जिसके पश्चात पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई की।
गरीबों के हितों से नहीं होगा खिलवाड़ः ठुकराल
रूद्रपुर। विधायक राजकुमार ठुकराल ने कहा कि नजूल नीति को लेकर हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है। वह उसका सम्मान करते हैं लेकिन नजूल भूमि पर बसे लोगों के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे और उनकी सुरक्षा करना सरकार का दायित्व है। विधायक ठुकराल ने कहा कि शहर में जिन भूमाफियाओं ने सैकड़ों एकड़ भूमि पर कब्जा कर रखी है। वह कभी भी उनकी पैरवी नहीं करेंगे। लेकिन जिस नजूल भूमि पर शहर के अधिकांश लोग निवास करते हैं उनके हित की वह सैदव चिंता करेंगे। उन्होंने कहा कि नजूल नीति को भाजपा सरकार ने वर्ष 2009 में लागू किया था। क्योंकि सबसे ज्यादा नजूल भूमि रूद्रपुर में है। लेकिन 2012 से 2017 तक कांग्रेस की सरकार रही जिस पर उन्होंने नजूल नीति के मामले को लेकर कई बार सदन में चर्चा की फ्री होल्ड कराने की मांग को लेकर वह वेल में कूद गये। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। जिस पर यह मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार ने गरीबों को हक दिलाने के लिये फ्री होल्ड लागू की है और सरकार इस विषय को लेकर आगे भी गंभीर है। उन्होंने कहा कि नजूल नीति में जरूरी संशोधन करने के साथ ही सरकार अदालत में पुर्नविचार याचिका दायर करेगी। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में नजूल भूमि कोे फ्री होल्ड को लेकर अनिधनियम बनाये जाने की मांग की जायेगी। इस मामले को लेकर वह स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात करेंगे।
राज्य सरकार असंवेदनशीलःबेहड़
ं पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा न्यायालय में मजबूत पैरवी न करने के कारण आज उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की नजूल नीति को खारिज करने का जो निर्णय लिया है। उससे रूद्रपुर शहर के लाखाें लोग बेघर हो जायेंगे और उनका भविष्य खतरे में पड़ जायेगा। श्री बेहड़ ने कहा कि राज्य सरकार बेहद असंवेदनशील हो गयी है। उसकी निष्क्रियता के कारण आज उत्तराखण्ड के नजूल भूमि पर बसे लोगों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। उन्होंने कहा कि नजूल नीति के मामले में सरकार नाकाम साबित हुई है। क्योंकिसरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष ढंग से नहीं रखा जबकि सरकार के पास वकीलों की फौज थी और जिस प्रकार से न्यायालय ने नजूल जमीनों को फ्री होल्ड करने के शासनादेश को निरस्त किया है। उससे शहर के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो जायेगा। श्री बेहड़ ने कहा कि यह याचिका एक निजी व्यक्ति द्वारा दायर की गई थी लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अब सरकार का कर्तव्य है कि नजूल भूमि पर बैठे लोगाें के हितों की रक्षा करे और उन्हें उजड़ने से बचाये। श्री बेहड़ ने कहा कि नजूल नीति के मामले में जिस प्रकार से सरकार विफल साबित हुई है उससे प्रतीत होता है कि संबंधित विभागीय अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों में लापरवाही की है। और सरकार को उनसे जवाब तलब करना चाहिये। श्री बेहड़ ने कहा कि पूरा शहर नजूल लैंड पर बसा हुआ है और तमाम कब्जेधारकों ने फ्री होल्ड के लिये धनराशि जमा कर रखी है। यदि सरकार अब नजूल नीति पर कोई ठोस निर्णय लेकर जनता को राहत नहीं देती तो इसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा।

1 Comment
  1. सुभाषछाबड़ा says

    कोई बेघर नही होगा माफ़ियावाद पर चोट है ये फैसला ।।

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