भाजपा के तीन साल बेमिसाल नहीं बेहालःबेहड़
रुद्रपुर(उद संवाददाता)। पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तिलक राज बेहड़ ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार के 3 साल बेमिसाल नहीं बल्कि जनता को बेहाल करने वाले तीन साल रहें हैं। अपनी खोखली उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने वाले सरकार के प्रतिनिधियों को शर्म आनी चाहिए कि प्रदेश की जनता महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और भ्रष्टाचार आदि मुददों पर त्रहि त्रहि कर रही है। श्री बेहड़ ने कहा कि भाजपा के राज में प्रदेश के अन्नदाता किसान की हालत बद से बदतर हो चली है। प्रदेश भर में कर्ज के बोझ तले दबे किसान आत्महत्या को मजबूर है। भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में वादा करने के बावजूद किसानो का ऋण माफ नही किया। गन्ना किसानो के भुगतान वर्षो बाद भी लंबित है। कृषि विकास दर घट कर दो प्रतिशत से भी नीचे आ गयी है। श्री बेहड़ ने कहा कि भाजपा ने युवाओं के साथ भी धोखा किया है। युवाओं को भ्रमित कर उनके वोट लेने वाली भाजपा के शासनकाल में बेरोजगारी दर भारत के इतिहास में सबसे भयावह दौर में पहुंच चुकी है। पहाड़ों से पलायन जारी है वहीँ नोट बंदी और जीएसटी के कारण उद्योग व व्यापार मंद पड़ने के चलते हजारों लोगो को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। प्रदेश में विकास की राह देखते जनता की आँखें पथरा गई हैं। समझ नहीं आता के सड़क में गîक्कें हैं या गîक्कों में सड़क। श्री बेहड़ ने कहा कि प्रदेश में जीरो टोलरेंस का सरकारी दावा हवा हवाई साबित हुआ है क्योंकि यह सरकार स्वयं भ्रष्टाचार में लिप्त है। एन एच 74 घोटाले में जेल गये अधिकारीयों को इसी सरकार ने बहाल किया। प्रदेश में एन आर एच एम घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, सिडकुल घोटाला इस सरकार की असल मंशा साबित करते हैं। प्रदेश में ट्रान्सफर को अवैध कमाई का जरिया बना दिया गया है। बौर जलाशय के उच्चीकरण में भी करोड़ों का गोल माल किया गया है । फारेस्ट गार्ड भरती घोटाला, प्रदेश में हावी नकल माफिया, तीन साल में लोकायुक्त न बन पाना यह दिखाता है कि इस सरकार की कथनी और करनी बिलकुल अलग है। इसके अलावा राज्य में अफसरशाही निरंकुश हो चली है। जनता अपने कामों के लिए दर-दर भटक रही है और राज्य कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर सड़कों पर हैं। श्री बेहड़ ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार व दुष्कर्म के मामले लगातार बढ़ रहें हैं। खुद भाजपा के संगठन महामंत्री मी-टू में लिप्त पाए गये। भाजपा शासनकाल में मातृशक्ति हाशिये पर व महिला सशक्तिकरण का नारा धूल चाट रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पूर्ण रूप से चैपट हो चुकी है। शिक्षा की बदहाली पर उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। शिक्षा सूचकांक के अनुसार अब राज्य दसवें स्थान से फिसल कर देश 14 वें पर आगया है। राज्य में शिक्षकों की कमी लगातार बनी हुई है। गरीब परिवारों को शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा है और छात्रवृत्ति में भी कमी की जा रही है। सरकार की मंशा इसी से पता लगता है कि प्रदेश में शराब सस्ती की गयी और मोबाइल वैन चला कर घर-घर शराब पहुचाने का प्रबंध किया गया। कहा जा सकता है के राज्य सरकार भू और खनन माफिया ही नहीं बल्कि शराब माफियाओं के हाथ की भी कठपुतली है। यहीं नहीं बल्कि राज्य सरकार ने रोडवेज किराये तथा बिजली और पानी के दामों में भी बेतहाशा वृद्धि कर गरीब जनता की कमर तोड़ने का काम किया है। श्री बेहड़ ने कहा कि भाजपा सरकार ने खाद्यान्न में ए पी ल कार्ड धारकों के लिए गेहूं 9 रूपये किलो और चावल 15 रूपये किलो दाम बदने के साथ इनकी मात्र भी घटाई और मिटटी के तेल व राशन की चीनी की आपूर्ति पूरी तरह बंद कर दी। हालत यह है कि डिपो से सस्ता राशन ही गायब है। श्री बेहड़ ने कहा कि लगता है प्रदेश में जिला विकास प्राधिकरणों का गठन जनता को परेशान करने के लिए किया गया है। गरीब व्यक्ति अपने जीवन भर की कमाई से अपने घर का निर्माण करना चाहता है लेकिन नियमों की जटिलता के कारण यह काम अब उसके लिए असंभव सा हो गया है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रें में जनता का जबरदस्त उत्पीडन हो रहा है। यह सभी प्राधिकरण राज्य सरकार की लूट का अîóा बन चुके हैं। श्री बेहड़ ने कहा की सबसे बड़ी विडंबना तो स्वास्थ्य विभाग के साथ है जिसकी जिम्मेदारी स्वंय मुख्यमंत्री संभाल रहें हैं। हालात इस कदर खराब है कि कई घटनाओं में माताओं बहनों को शौचालय में प्रसव करने को मजबूर होना पड़ा है। समय पर एम्बुलेंस न मिलना, दवाइयों का टोटा, उपचार में देरी, डॉक्टरों की कमी अब आम बात हो चली है। पिछले साल स्वास्थ्य क्षेत्र में 2200 करोड़ का बजट होने के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं में रत्ती भर भी सुधार नहीं हुआ है। अटल आयुष्मान योजना की हालात ये है कि निजी अस्पताल इन कार्डों को स्वीकार ही नही करते और इस योजना की आड़ में भी कई घोटाले सामने आ चुके हैं। श्री बेहड़ ने कहा की अभ समय आ गया है की जनविरोधी सरकार के िखलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया जाए और इनकी असलियत जनता के सामने लायी जाये। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मंदिर और राम के नाम पर वोट मांगे। राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद मंदिरों को ध्वस्त किया जा रहा हैै। राज्य में दो मंत्री हैं लेकिन नाकाम साबित हुए हैं। उत्तराखंड राज्य की स्थापना के बाद सबसेे निष्क्रिय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत साबित हुए हैं। उनके राज्य में ब्यूरोक्रेसी बढ़ चुकी है। इस दौैरान जगदीश तनेजा, राजीव कामरा, प्रांजल गाबा, दिनेश पंत, सुशील बत्र आदि मौजूद थे।