महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए कानूनी जानकारी जरूरीःयूसुफ
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। महिलाओं को समाज में आगे बढ़ने के लिए विभिन्न कानूनों की जानकारी होना आवश्यक है। बिना जानकारी के महिलाएं समाज में आगे नहीं बढ़ सकतीं। यह बात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सदस्य सचिव डाॅ. जीके शर्मा ने सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राधिकरण द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में कही। उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व है कि सर्वप्रथम स्वयं को सुधारना। हमें यह भूल जाना चाहिए कि हम पुरूष हैं या महिला। वास्तव में समाज के लिए हम सभी समान हैं। हमें अपनी सामाजिक सोच बदलनी होगी। डाॅ. शर्मा ने कहा कि महिलाओं को अपनी शक्ति पहचानने के साथ ही शिक्षा का महत्व समझना होगा। उन्होंने बताया कि बच्चों को उसकी रूचि के अनुसार पढ़ाई करवानी चाहिए। महाविद्यालय परिसर में महिला दिवस पर आयोजित पेन्टिंग प्रतियोगिता भी करायी गयी जिसमें विजेता प्रतिभागियों को डाॅ. शर्मा ने पुरस्कृत किया। अपने सम्बोधन में उच्च न्यायालय नैनीताल के विशेष कार्य अधिकारी मो. यूसुफ ने कहा कि महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए। आज महिलाओं के समक्ष प्रमुख रूप से घरेलू हिंसा, बाल विवाह, वेतन में असमानता, शारीरिक शोषण, छेड़खानी सहित कई समस्याएं हैं जिनके निदान के लिए महिलाएं निरन्तर संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने बताया कि पास्को एक्ट में बच्चों के साथ शारीरिक संबंधों में सजा का प्रावधान किया गया है वहीं महिलाओं का पीछा करने पर कानून में सजा का प्रावधान है। समाज में साइबर क्राइम भी निरन्तर बढ़ रहा हैै। उन्होंने कहा कि विभिन्न उद्योगों सहित अन्य संस्थानों में महिलाओं का शारीरिक शोषण होने की शिकायतें मिलती हैं। इस संबंध में भी कानून के माध्यम से महिलाओं को सुरक्ष्ज्ञा प्रदान की गयी है वहीं पारिवारिक सम्पत्ति में महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिला है। उन्होंने बताया कि किसी मामलेे में महिला की गिरफ्रतारी होने के समय महिला पुलिस का होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता भी प्रदान की जाती है। वहीं पीड़ित महिलाओं को मुआवजा भी दिया जाता है। उन्होंने बताया कि गतवर्ष 1 करोड़ रूपए से भी अधिक का मुआवजा महिलाओं को दिया गया। अपने सम्बोधन में प्राधिकरण सचिव अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने उपस्थित महिलाओं को डीएलएसए के कार्यों के संबंध में विस्तार सेजानकारी देते हुए बताया कि आज महिलाओं को अपने अधिकारों व सम्मान के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। समाज में महिलाएं एक दूसरे का सहयोग कर आगे बढ़ें और जिस स्थान पर भी महिलाओं का उत्पीड़न हो इसकी विस्तार से जानकारी प्रशासनिक अधिकारी को दी जाये ताकि महिलाओं का शोषण रोका जा सके। महाविद्यालय प्राचार्य केके पांडे ने कहा कि आज 26 प्रतिशत महिलाएं किसी न किसी दबाव में कार्य कर रही हैं। उन्होंने अब्दुल कलाम की कही बातों को बताया कि सबसे पहले अपनी मां को खुश रखें। यदि मंा प्रसन्न रहेगी तो हमारा समाज खुश रहेगा। महाविद्यालय की मनोवैज्ञानिक प्रो. डा. कमला डीभारद्वाज ने कहा कि महिला एवं पुरूष दोनों ही एक सिक्के के पहलू हैं। लड़का या लड़की को उसकी योग्यतानुसार कार्य करने के लिए बढ़ावा देना चाहिए। उन्होेंने बताया कि बच्चों से उनके भविष्य के बारे में भी जानकारी लेनी चाहिए कि वह आगे क्या करना चाहता है। बच्चों ंकी भावनाओं को दबाना नहीं चाहिए और उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। उप जिलाधिकारी मुक्ता मिश्रा ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उपस्थित मातृशक्ति को बधाई देते हुए कहा कि समाज के एक सदस्य के रूप में हमें अपनी समस्याओं को समझना होगा। उन्होंने कहा कि मां को अपने बच्चोें को आगे बढ़ाने में बहुत योगदान होता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं पुरूषों से किसी भीा क्षेत्र में कम नहीं हैं। उन्हें अपनी ताकत को पहचानना होगा। गुरूनानक बालिका इंटर कालेज काशीपुर की प्रधानाचार्या सुरूचि सक्सेना ने कहा कि वर्ष 2020 का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ईच-2 समानता है। समाज में अपनी बात को गरिमा से रखना चाहिए। प्राधिकरण सचिव सिविल जज अविनाश श्रीवास्तव ने सभा का आभार जताया। कार्यक्रम में पीएलएसए रिटेनर एडवोकेट आरसी शर्मा, एडवोकेट आरसी शर्मा, पीएलए सदस्य सुभाषिनी द्विवेदी, चाइल्ड हेल्पलाइन की एनजीओ सायरा बानो, इंस्टीट्यूट आफ सोशल डेवलपमेंट किच्छा की बिंदुवासिनी सहित महाविद्यालय के डाॅ. एसके श्रीवास्तव,डा. बीडी उपाध्याय,डा. शशिबाला वर्मा, डाॅ. रेनू रानी, डाॅ. गौरव वाष्र्णेय, नेहा जोशी,डाॅ. दिनेश शर्मा, डाॅ. कान्ता बल्लभ पाठक सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।