मांगों को लेकर कर्मचारी रहे कार्य बहिष्कार पर, सचिवालय कूच
देहरादून(उद संवाददाता)। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के छह दिन बाद भी बिना आरक्षण पदोन्नति प्रक्रिया बहाल नहीं होने से नाराज जनरल-ओबीसी वर्ग के करीब सवा लाख कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर रहे। वहीं, देहरादून में कार्य बहिष्कार के साथ कर्मचारियों ने रैली निकालकर सचिवालय कूच किया। इस दौरान पुलिस ने बैरेकेडिंग लगाकर प्रदर्शन कारियों को रोक दिया जिस पर वे धरने पर बैठे गए। उधर, सचिवालय में भी कार्य बहिष्कार का असर नजर आया। पदोन्नति में आरक्षण को लेकर बीती सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इसे राज्य सरकार का विषय बताया और कहा कि इस पर राज्य सरकार को निर्णय लेना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि पदोन्नति में आरक्षण लेना मौलिक अधिकार नहीं है। जनरल-ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों ने इसे बड़ी जीत माना। इस फैसले के बाद उन्हें उम्मीद थी कि सरकार अब बिना आरक्षण पदोन्नति प्रक्रिया बहाल कर देगी। उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी का कहना है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक से मुलाकात भी गई। लेकिन, सरकार के रवैये से लगा कि वह कर्मचारियों के हित से जुड़े मुद्दे में राजनीतिक नफा-नुकसान तलाश रही है। कांग्रेस ने भी एससी-एसटी कर्मचारियों के समर्थन में राग अलापा है। इससे जनरल-ओबीसी कर्मचारी वर्ग बेहद आहत है। लिहाजा, विवश होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा। अगर हम अभी कमजोर पड़ गए तो भविष्य की पीढ़िघ्यां हमें माफ नहीं करेंगी। आज प्रदेश के सभी जिलों में करीब सवा लाख कर्मचारी सामूहिक कार्य बहिष्कार पर रहे। वहीं, देहरादून में परेड ग्राउंड से रैली निकालने के बाद सचिवालय कूच किया। पुलिस ने उन्घ्हें रोक दिया। रुड़की में प्रमोशन में आरक्षण की मांग को लेकर उत्तराखंड जनरल ओबीसी एम्पलाइज एसोसिएशन के बैनर तले कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया है। संयुक्त मोर्चा के जिला संयोजक जितेंद्र पंत के नेतृत्व में कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम, सिंचाई विभाग, आबकारी विभाग, तहसील, शिक्षा विभाग समेत तमाम विभागों में जाकर कर्मचारियों से कार्य बहिष्कार की अपील की। हरिद्वार में उत्तराखंड जनरल ओबीसी मोर्चा के आ“वान पर जिला मुख्य संयोजक राजेश श्रीवास्तव, मोहम्मद इमरान अंसारी, बीएस रावत आदि पदाधिकारी रोशनाबाद जिला मुख्यालय पर एकत्रित होकर कार्य बहिष्कार किया।