ठंड की तल्खी ने बढ़ाई दुश्वारियां, अलाव नदारद
सफेद हाथी साबित हो रहा करोड़ों की लागत से तैयार रैन बसेरा
काशीपुर(उद संवाददाता)। कूड़े से पटे शहर में संक्रमण बीमारियों का खतरा एक बार फिर से बढ़ने लगा है। वहीं कड़ाके की ठंड से बचने को लेकर अलाव भी नदारद देखे हैं। ज्ञात हो कि निगम प्रशासन की लापरवाही के चलते पिछले लंबे समय से शहर की सफाई व्यवस्था बदहाल है। फाइलों में साफ-सफाई चकाचक है लेकिन धरातल पर देखा जाए तो आज भी पौराणिक शहर गंदगी से पटा पड़ा है। सूत्रें की मानें तो यहां प्रभावशाली लोगों के घरों के आसपास अथवा कुछ महत्वपूर्ण स्थानों पर सरकारी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है जबकि बाकी शहर लगातार अव्यवस्थाओं की मार झेल रहा है। कटोराताल काजीबाग, गंगे बाबा रोड, प्रभात कॉलोनी, मानपुर रोड, कवि नगर, गौतम नगर, खड़कपुर देवीपुरा, वैशाली कॉलोनी, चैती, विशाल नगर, नई सब्जी मंडी, पुरानी सब्जी मंडी, मझरा, लक्ष्मीपुर पट्टðी, काली बस्ती, अल्ली खां, टांडा उज्जैन, आवास विकास, सुभाष नगर, जसपुर खुर्द, गिरीताल समेत शहर के दर्जनों मोहल्ले पिछले लंबे समय से साफ-सफाई के अभाव में जूझ रहे हैं। सड़कों पर एकत्रित कूड़े के ढेर में आवारा पशु मुंह मारते देखे जा सकते हैं। वहीं हल्की सी बरसात में एकत्रित कूड़े के ढेर से भीषण सड़ांध आने लगती है ऐसे में जहां एक और राहगीरों का मार्ग से होकर गुजरना दूभर है वहीं घातक संक्रमण बीमारी अभी पांव पसारने लगती है।
कमीशन खोरी की भेंट चढ़ीं सड़कें
काशीपुर। राष्ट्रीय राजमार्ग समेत मेन बाजार की अधिकांश सड़कें बदहाल हैं। प्रकाश अव्यवस्था के कारण अधिकांश सड़कें अंधकार में डूबी रहती है। इसके अलावा चोक नाले-नालियों की समय पर महज फाइलों में ही सफाई की जाती है। जलभराव आज भी नगर की ज्वलंत समस्या है। निगम के दायरे में आने वाली अधिकांश सड़कें कमीशन खोरी की भेंट चढ़ चुकी है। मजे की बात है कि अनियमिताओं के ढेर पर बसे शहर को अभी कुछ माह पूर्व एक सर्वेक्षण के दौरान स्वच्छता में प्रदेश के दूसरे स्थान पर गिना गया। यही नहीं कथित उपलब्धि के लिए निगम को सरकार की ओर से लाखों रुपयों की राशि प्रोत्साहन के रूप में भी प्रदान की गई जबकि धरातल पर ऐसा कुछ भी नहीं है।