विभिन्न संगठनों ने किया धरना प्रदर्शन
हल्द्वानी (उद संवाददाता)। साझी शहादत-साझी विरासत-साझी नागरिकता बचाने के लिए भाकपा (माले), क्रालोस एवं अन्य संगठनों द्वारा रामप्रसाद बिस्मिल -अशफाक उल्ला खां- रोशन सिंह के शहादत दिवस पर बुद्धपार्क हल्द्वानी में धरना-प्रदर्शन किया। धरना-प्रदर्शन की शुरुआत काकोरी कांड के शहीदों रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, रोशन सिंह और राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी को पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। धरना-प्रदर्शन के माध्यम से मांगें उठायी गयी कि सीएए रद्द करो- एनआरसी नहीं चलेगा, नागरिकता संशोधन कानून कानून के िखलाफ आंदोलन पर दमन बंद करो, जामिया-एएमयू-असम में पुलिस हिंसा के लिए जिम्मेदार गृहमंत्री जवाब दो। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए माले राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि नागरिकता का सवाल जनता का मूलभूत अधिकार है इसको कोई छीन नहीं सकता। परन्तु मोदी-शाह की सरकार नागरिकता के सवाल को सांप्रदायिक जामा पहनाकर देश की साझी शहादत-साझी विरासत को छिन्न भिन्न करना चाहती है। क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष पीपी आर्य ने कहा नागरिकता का अधिकार सार्वभौमिक अधिकार है। यह अधिकार किसी ने मजदूर किसान और मेहनतकश जनता को खैरात में नहीं दिया है। यह संघर्ष के बल पर हासिल हुआ है इसलिए इसको कोई छीन नहीं सकता है। इस अवसर पर किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी, बहादुर सिंह जंगी, क्रालोस के नसीम, आनन्द पाण्डे, ऐपवा की विमला रौथाण, प्रगतिशील महिला केंद्र की रजनी जोशी,पछास के महेंद्र, अम्बेडकर मिशन के अध्यक्ष जी आर टम्टा, सुंदर लाल बौद्ध, विरेश कुमार, भीम फोर्स के नफीस अहमद खान, नगरनिगम पार्षद शकील अंसारी, पूर्व पार्षद शकील सलमानी, इन्द्रानगर जनविकास समिति के तस्लीम अंसारी, सरताज आलम, गुर्जर नेता उमरदीन, अरबाज खान, मोहम्मद इस्लाम, रमेश ब्रिजवाल, डॉ उमेश चंदोला, ललित मटियाली, गोपाल गड़िया, राजेन्द्र शाह, मोहन मटियाली, बचन सिंह, एन डी जोशी आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन माले जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय ने किया।