दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखंड में भी मिले नजूल पर मालिकाना हकः ठुकराल
देहरादून(उद संवाददाता)। देहरादून में विधानसभा सत्र के तीसरे दिन आज विधायक राजकुमार ठुकराल ने नियम 300 के अंतर्गत नजूल भूमि पर मालिकाना हक का मामला और नियम 53 के अंतर्गत रूद्रपुर में यातायात नगर की स्थापना का मुद्दा उठाते हुए दोनों मामलों के निस्तारण की मांग की। नियम 300 में सदन को सूचना देते हुए विधायक ठुकराल ने कहा कि उत्तराखण्ड के प्रमुख नगरों विवशेष रूप से रूद्रपुर में हजारों परिवार पिछले 40 वर्षों से नजूल भूमि पर निवास कर रहे हैं। इन परिवारों को भूमि का मालिकाना हक देने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से घोषणा भी की गयी है। लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा उत्तराखण्ड सरकार की नजूल नीति को खारिज कर दी गयी थी जिसके बाद सुप्र्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गयी तो नजूल भूमि पर निवास कर रहे लोगों को हमारी सरकार की वजह से राहत मिली। लेकिन नजूल नीति अस्तित्व में नहीं होने से नजूल भूमि पर वर्षों से निवास कर रहे नागरिकों को मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है। विधायक ने कहा कि नजूल भूमि पर मालिकाना हक दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र इस आशय से दाखिल किया जाना चाहिए ताकि पुनः नजूल नीति बनाई जा सके। विधायक ठुकराल ने दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखण्ड में नजूल नीति पर बसे लोगों को मालिकाना हक दिये जाने का सुझाव भी दिया। विधायक ने जनहित के इस मामले को गंभीरता से लेकर शीघ्र कार्यवाही की मांग की।वहीं नियम 53 के अंतर्गत सदन में सूचना देते हुए विधायक ठुकराल ने कहा कि रूद्रपुर में यातायातनगर न होने से पूरे महानगर में जगह जगह ट्रक व अन्य भारी वाहन अव्यवस्थित ढंग से खड़े रहते हैं। जिस कारण शहर में जाम व आवागमन अवरूद्ध की स्थिति बनी रहती हैं इससे शहर का व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित होता है। रूद्रपुर महानगर धीरे धीरे जामनगर बनता जा रहा है। शहर में पार्किंग स्थल न होने के कारण यातायात व्यवस्था छिन्न भिन्न हो गयी हैं प्रत्येक मुख्य मार्ग व गलियों में वाहनों के अनियमित खड़े होने से दुर्घटनाओं व आपसी झगडों में निरंतर वृद्धि हो रही है। विधायक ठुकराल ने नैनीताल रोड पर सिडकुल क्षेत्र, किच्छा बाईपास रोड पर खाली पड़ी भूमि या आदित्य नाथ झा इंटर कालेज की जमीन पर या काशीपुर रोड पर ग्राम्य विकास संस्थान की निष्प्रयोज्य भूमि पर यातायात नगर की स्थापना करने की मांग की।