लड़कियों वो चट्टान बन जाओ जिनसे तूफान बचकर चलता है

प्रत्येक विधा की रचनाओं की प्रस्तुति देती है अनामिका,कवि युद्ध की है संचालिका

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सुनील राणा
रूद्रपुर। जनता इंटर कालेज में राष्ट्र के अमर शहीदों व महापुरूषों को समर्पित विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कवि सम्मेलन में देश के जाने माने कवियों को आमंत्रित किया गया था जिनमें से एक सुप्रसिद्ध नाम मेरठ से आयी कवियित्री डॉ. अनामिका जैन अम्बर का भी है। कवि सम्मेलन से पूर्व कवियित्री अम्बर से कुछ वार्ता हुई। मंच पर अपनी ओजवाणी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने वाली कवियित्री अम्बर ने सरल व सुलभ तरह से अपने जीवन के कुछ वृत्तांत रखे। मूलरूप से ललितपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली अनामिका का विवाह शहीदों व कवियों की धरती मेरठ निवासी ओज के कवि सौरभ सुमन के साथ हुआ है। अनामिका के पिता क्रिमिनल लॉयर है और माता गृहणी हैं। बाल्यकाल से ही कविताओं में रूचि रखने वाली अनामिका प्रत्येक विधा की कविताएं गढ़ती हैं। देश के प्रतिष्ठित टीवी चैनल में आने वाले कार्यक्रम कवियुद्ध की वह संचालिका हैं।  अनामिका ने बताया कि कवियुद्ध के मंच पर प्रत्येक विधाओं के कवियों को आमंत्रित किया जाता है। एक सवाल के जबाब में अनामिका ने कहा कि कवि सम्मेलन जनहित से जुड़े मुद्दों को श्रोताओं के सामने प्रस्तुत करता है। किसी भी विषय पर सटीक प्रस्तुति जहां कवियों को ऊर्जा प्रदान करती है वहीं श्रोताओं में भी उत्साह भर देती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कवि सम्मेलन के प्रति श्रोताओं के रूख में कोई बदलाव नहीं आया। आज भी कवि सम्मेलनों में श्रोता अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। यह बात अलग है कि आज श्रोता कवियों की टिप्पणियों को संजीदा रूप से लेते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में लोकगीत, नौैटंकी, रामलीलाओं का चलन बहुतायत होता था। लेकिन वर्तमान में भी उनकी प्रासंगिकता कायम है। अनामिका ने कहा कि उनके परिवार में कोई भी कवि नहीं रहा और बाल्यकाल से ही उन्हें कविताएं रचने का शौक हुआ और 13वर्ष की उम्र में प्रथम बार उन्होंने अपनी पहली रचना पढ़ी। उन्होंने कहा कि कविताएं भगवान का उपहार हैं। उन विचारों को शब्दों में उकेरा जाता है। अनामिका ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से वह देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कवि सम्मेलनों में प्रतिभाग कर चुकी हैं और ‘शहीद के बेटे की दीपावली’ नामक कविता से उन्हें पहचान मिली थी। अनामिका बताती हैं कि कोई भी उनका आदर्श कवि नहीं रहा। बल्कि वह खुद से प्रेरणा लेकर कवियित्री बनी हैं। उन्होंने कहा कि एक मंच पर उन्होंने रूक्मणी गीत सुनाया था जो उनके जीवन का अमूल्य क्षण रहा क्योंकि रूक्मणी गीत किसी भी साहित्य में पढ़ने को नहीं मिलता जिसकी रचना उन्होंने की। और वह रूक्मणी गीत मंच पर प्रस्तुत किया। जिसकी समीक्षा देश के विख्यात कवि अशोक चक्रधर ने की और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी रूक्मणी गीत पर उनकी सराहना की। कहा कि जब किसी मंच से इस प्रकार का आशीर्वाद मिलता है तो वह उन्हें ऊर्जा देते हैं। वार्ता के दौरान अनामिका ने रूद्रपुर की लड़कियों को संदेश देते हुए कहा ‘खून अंदर कहीं उबलता है, बाज चिड़ियों को जब मसलता है, लड़कियों वो चट्टान बन जाओ जिनसे तूफान बचके चलता है’। देश की जानीमानी कवियित्री अनामिका अम्बर ने कवि सम्मेलन के आयोजन पर सभी को शुभकामनाएं दीं।

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