नहीं मिला पटाखा लाइसेंस, व्यापारी भ़डके

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रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों की बेरूखी के चलते आज किच्छा बाईपास मार्ग स्थित मोदी मैदान में लगने वाला पटाखा बाजार आज नहीं लग पाया जिससे रोषित होकर पटाखा व्यापारियों ने अधिकारियों के खिलाफ जमकर रोष जाहिर करते हुए धरना प्रदर्शन किया। दोपहर पश्चात तहसीलदार डॉ- अमृता शर्मा विकास प्राधिकरण द्वारा जारी पटाखा बाजार का नक्शा लेकर मौके पर पहुंचीं और नक्शे के आधार पर दुकानें लगाने को कहा जिससे पटाखा व्यापारी भड़क उठे। पटाखा व्यवसायी अध्यक्ष विनोद अनेजा ने बताया कि पूर्व में हमेशा दिवाली से तीन दिन पूर्व पटाखा व्यवसायियों को लाइसेंस मिल जाते थे साथ ही टोकन के आधार पर व्यापारी तीन दिन पूर्व ही क्रमानुसार अपनी दुकानें लगाकर पटाखों की बिक्री शुरू कर देते थे लेकिन इस वर्ष विकास प्राधिकरण को 1हजार रूपए शुल्क जमा करने के बाद भी किसी भी पटाखा व्यापारी को आज तक न तो लाइसेंस दिया गया है और न ही टोकन ही उपलब्ध कराया गया। जिस कारण व्यापारी असमंजस में हैं कि वह अपनी दुकान कहां लगायें। अनेजा ने बताया कि पटाखा बाजार में तीन दिन पूर्व ही दमकल, पुलिस, विद्युत, सफाई आदि की आवश्यक व्यवस्था प्रशासन द्वारा दुरूस्त करा दी जाती थीं लेकिन इस वर्ष कोई भी प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारी पटाखा बाजार का निरीक्षण करने नहीं पहुंचा। पटाखा बाजार की अभी तक सफाई भी नहीं करायी गयी और न ही विद्युत व्यवस्था ही हो पायी है। उनका कहना था कि पटाखा बाजार लगने से पूर्व प्रशासन द्वारा अग्निशमन व्यवस्था पुख्ता की जाती थी लेकिन अभी तक दमकल व्यवस्था भी नहीं करायी गयी। इतना ही नहीं पटाखा बाजार में हर वर्ष की जाने वाली पार्किंग व्यवस्था भी नहीं हो पायी है। अनेजा ने रोष जताते हुए कहा कि प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों की उपेक्षा के चलते आज पटाखा बाजार नहीं लगाया जा सका जिससे व्यापारियों को लाखों रूपए का नुकसान वहन करना पड़ा है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष दीपावली पर्व पर तीन दिन पटाखा बाजार लगाया जाता था। इस वर्ष अब दो दिन शेष बचे हैं। जिससे व्यापारियों में प्रशासनिक व्यवस्थाओं को लेकर रोष व्याप्त है। इस दौरान सुरेश शर्मा, दीपक शर्मा, जावेद अख्तर, धीरेश गुप्ता, विपुल सक्सेना, विनोद कुमार, हेमंत, सचिन ग्रोवर, आकाश पाल, सुमित, गौरव, जागनलाल, सीताराम, राजेश, अशोक रस्तोगी, सन्नी टंडन, दानिश, शंकर, मनप्रीत सिंह, राहुल, गुरमीत समेत तमाम व्यापारी शामिल थे।

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