केदारनाथ पहुंचे सेना प्रमुख विपिन रावत

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रुद्रप्रयाग (उद सहयोगी)। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बुधवार की सुबह केदारनाथ धाम पहुंचे। यहां उन्होंने बाबा भोले के दर्शन किए। एक रात जोशीमठ प्रवास के बाद कल वह गंगोत्री धाम जाएंगे। सेना प्रमुख सुबह करीब नौ बजकर पांच मिनट पर देहरादून कैंट से सेना के हेलीकाप्टर एमआई -17 से केदारनाथ वीवीआईपी हेलीपाड पर पहुंचे। 9.20 वह केदारनाथ मंदिर परिसर मेें पूजा के लिए गए। वहां उन्होंने लगभग आधा घंटा मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके पश्चात वह 10.30 पर केदारनाथ से जोशीमठ हेलीपैड के लिए रवाना हो गए। वहीं वह रात्रि विश्राम करेंगे। विपिन रावत का हेलीपैड पर पहुंचने पर स्थानीय लोगो व तीर्थपुरोहितो ने स्वागत किया। राज्य सरकार ने जनरल विपिन रावत को राज्य अतिथि श्रेणी-1 घोषित किया है। वह पत्नी के साथ भोले बाबा के दर्शन को पहुंचे थे। 19 सितंबर की सुबह करीब वह 11.20 बजे उत्तरकाशी के हर्षिल हेलीपैड पहुचेंगे। इसके बाद 11.25 बजे वह सड़क मार्ग से गंगोत्रीधाम पहुंचेंगे। दोपहर 12.20 बजे से दोपहर 1.20 तक वह गंगोत्रीधाम में रहेंगे। उसके बाद वह वापस हर्षिल आएंगे। जनरल विपिन रावत कल रात्रि हर्षिल में ही विश्राम करेंगे। इसके बाद 20 सितंबर को वह सुबह 8.40 बजे हर्षिल से उत्तरकाशी हेलीपैड मातली पहुंचेंगे। 11.50 बजे वह मातली हैलीपेड से जौलीग्रांट के लिए रवाना होंगे।

चेकिंग के दौरान वाहन से बरामद की 5 लाख की नकदी
काशीपुर(उद संवाददाता)। वाहन चेकिंग के दौरान सीपीयू कर्मियों ने परमल से लोड पिकअप वैन को रोककर चालक के कब्जे से 5 लाख रुपयों की नकदी बरामद की है। पुलिस ने बरामद रकम को कब्जे में लेकर वाहन सीज कर दिया। और आयकर के अधिकारियो को भी मामले की सूचना दे दी है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के मद्देनजर लागू आदर्श आचार संहिता को दृष्टिगत करते हुए सुबह रामनगर रोड पर धनोरी के समीप सिटी पेट्रोल यूनिट के एसआई नरेश पांडे कांस्टेबल दीपक कुमार के साथ वाहन चेकिंग कर रहे थे इसी दौरान रामनगर की ओर से आ रही पिकअप संख्या यूपी 21 एनध्8403 को सीपीओ कर्मियों ने शक के आधार पर रोका। तलाशी में चालक के कब्जे से 5 लाख की नकदी बरामद हुई। पूछताछ करने पर पिकअप चालक ने अपना नाम फतेहउल्ला गंज तहसील ठाकुरद्वारा जनपद मुरादाबाद उत्तर प्रदेश निवासी जलील अहमद पुत्र अहमद हुसैन बताया। नगदी के बारे में पूछे जाने पर पिकअप चालक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। पिकअप चालक ने यह बताया कि वह ठाकुरद्वारा से रामनगर जा रहा था।

शादी का झांसा देकर दुष्कर्म, मुकदमा दर्ज
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म करने वाले आरोपी पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। दर्ज रिपोर्ट में जयनगर निवासी एक युवती ने बताया कि चार वर्ष पूर्व उसकी जान पहचान गली नं. 4 भूतबंगला निवासी फैजल रजा पुत्र यूसुफ अली के साथ हुई थी जिस पर उसने विवाह का प्रस्ताव रखा था। जिस पर उसके परिजनों व फैजल के परिजनों ने सहमतिसे विवाह तय कर दिया। जिस पर उसका घर आना जाना हो गया। युवती का आरोप है कि वह अपनी किसी दोस्त के घर पार्टी में गयी थी तो फैजल का फोन आया और वह उसे घर छोड़ने के बहाने फ्रैंडस कालोनी में अपने कार्यालय मेें ले गया जहां कोई नहीं था। जब उसने ऐतराज जताया तो वह अभद्रता करने लगा और उससे इच्छा के विरूद्ध अवैध संबंध बना लिये। जब उसने विरोध जताया तो उसने शादी तोड़ने की धमकी दी। युवती का आरोप है कि कुछ दिन बाद वह शादी की शापिंग के बहाने उसे हल्द्वानी के एक होटल में ले गया जहां उसने शारीरिक संबंध बनाये जबकि वह विरोध करती रही। इस दौरान जब वह शादी के लिए दबाव डालने लगी तो वह टाल मटोल करने लगा। पुलिस ने आरोपी फैजल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।

फोटो-धारना
पार्षद पति से अभद्रता के खिलाफ धारना
रूद्रपुर(उद संवाददाता)।शहर में रूके पड़े विकास कार्यों एवं पार्षद पति से हुई अभद्रता के विरोध में नगर निगम के पार्षद फिर मुखर हो गए हैं। पार्षदों ने छह सूत्रीय मांगों को नगर निगम दफ्तर के बाहर सांकेतिक धरना दिया। पार्षदों ने तीन दिन का अल्टी मेटम देते हुए छह सूत्रीय मांग पर कार्यवाही अमल में लाने को कहा है। साथ ही प्रभावी कदम नहीं उठाए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। इस दौरान उन्होंने डीमए को संबोधित एक ज्ञापन मुख्य नगर आयुक्त जयभारत सिंह को भी सौंपा। शहर में ठप पड़े विकास कार्यों, कूड़ा निस्तारण की ठोस व्यवस्था और पार्षद पति से हुई मारपीट के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने सहित विभिन्न मांगों को लेकर नगर निगम के पार्षदों ने निगम दफ्तर के बाहर सांकेतिक धरना दिया। पार्षदों द्वारा एमएनए को सौंपे गए ज्ञापन में कहा है कि नगर निगम रुद्रपुर के पूर्व बोर्ड द्वारा नगर के विकास के लिए किए विकासकार्य प्रस्तावित किए गए थे। नगर निगम बोर्ड का गठन हुए 10 माह से ज्यादा समय बाद भी कोई भी कार्य शुरु नहीं हो सका है। पूरा शहर गड्ढों में तब्दील है जिस कारण से आम जनता में निगम प्रशासन के खिलाफ खासा रोष है। उन्होंने पूर्व में प्रस्तावित कार्यों को शीघ्र शुरु कराने की मांग की है। साथ ही पूर्व में लागू डोर- टू- डोर कूड़ा कलेक्शन की योजना को भी बंद कर दिया गया है। उन्होंने शहर के सभी वाडों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन योजना का जल्द से जल्द शुरू कराने की मांग की है। इसके अलावा नगर निगम अधिनियम के प्राविधानों के अनुसार नगर निगम बोर्ड की प्रत्येक दो माह में बैठक किया जाना आवश्यक है। लेकिन निगम का गठन हुए 10 माह से ज्यादा का समय गुजर गया है, अभी तक महज दो बैठकों का ही आयोजन हो सका है जिस कारण से विकास कार्य ठप हो गए हैं। उन्होंने निगम के प्राविधानों के तहत बैठक का आयोजन सुनिश्चित करने की मांग की है। इसके अलावा निगम गठन के 10 माह भी विकास ध् कार्य समिति सहित अन्य विभिन्न समितियों का गठन नहीं हो सका है साथ ही नगर की जनसंख्याध् क्षेत्रफल के दृष्टिगत संपूर्ण नगर क्षेत्र के 40 वार्डों में प्रभावी सफाई व्यवस्था को बहाल करने हेतु मानक के अनुसार सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति एवं प्रत्येक वार्ड में कूड़ा कलेक्शन हेतु एक सफाई वाहन उपलब्ध कराने और वार्ड-38 के पार्षद पति से हुई मारपीट में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

फोटो-सट्टा
नगदी समेत सात सट्टेबाज पकड़े
हल्द्वानी,(उद संवाददाता)। पुलिस ने अलग अलग स्थानों से सट्टे की खाईबाड़ी करतरे हुए सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से हजारों की नकदी बरामद की। पुलिस ने इंद्रानगर थाना बनभूलपुरा से सट्टे की खाईबाड़ी करते हुए इन्द्रानगर बरसाती साबरी मस्जिद के सामने बड़ी रोड वार्ड 32 बनभूलपुरा निवासी इरशाद शेख पुत्र स्व. मोहम्मद नबी, छोटी रोड नूरी मस्जिद के पास वार्ड 32 बनभूलपुरा निवासी सगीर अहमद गफ्फार पुत्र स्व. अब्दुल मजीद, उत्तर उजाला गफूर चाय होटल के सामने वार्ड 28 बनभूलपुरा निवासी शाहिद खान पुत्र स्व.नन्हें खान, इंद्रानगर बरसाती वार्ड 32 बनभूलपुरा निवासी शरीफ पुत्र रईस अहमद और नूरी मस्जिद के सामने वाली गली बनभूलपुरा से इंद्रानगर बरसाती वार्ड 31 बनभूलपुरा निवासी कफील अहमद पुत्र स्व. रईस अहमद, मो. नईम पुत्र हनीफ अहमद और इंद्रानगर बड़ी लाइन एकमीनार के पास वार्ड 31 बनभूलपुरा निवासी शकील पुत्र स्व. मो. लाडले को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से 15140 रूपए की नकदी समेत सट्टा पर्ची आदि बरामद किया। पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

तीन पुश्तें मर-खप गयीं, लेकिन रहोगे घुसपैठिया ही!
उत्तराखण्ड में एन.आर.सी.
रूपेश कुमार सिंह
ऊधम सिंह नगर।‘‘जन्मजात भारत के नागरिक हैं,’’ कह देना ही पर्याप्त नहीं होगा। नागरिकता साबित करने के लिए आधा दर्जन से ज्यादा प्रमाण देना होगा। तब जाकर सरकार आपको देश का नागरिक मानेगी। राज्य में यदि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एन आर सी) लागू हुआ तो लाखों लोग घुसपैठिया करार दे दिये जायेंगे। यह बात दीगर है कि तीन पुश्तें यहीं मर-खप गयीं हो, लेकिन फिर भी बाहरी माने जाओगे। खदेड़ दिये जाओगे। ऐसा सिर्फ मुसलमान, बंगाली मुसलमान, रोहिंग्या मुसलमान के साथ नहीं होगा। हिन्दू बंगाली, नेपाली, देशी, वन गुज्जर, बुक्सा-थारू, बंगाली शरणार्थियों, खत्ता निवासी, आदिवासियों के अलावा अन्य लोग भी प्रभावित होंगे। देश में एनआरसी लागू करना भाजपा सरकार का बड़ा एजेंडा है, जिसे सितम्बर 2020 तक जमीन पर पूरी तरह से उतारा जायेगा। ऐसा साफ संकेत गृहमंत्री अमित शाह दे चुके हैं। इसी क्रम में त्रिवेन्द्र सरकार ने मसौदा सामने रखा है। राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर एनआरसी को असम सहित देश के संसाधन संपन्न राज्यों, जहां आदिवासी रहते हैं, वहां लागू किया जायेगा। मकसद साफ है राष्ट्रीय संसाधनों की लूट। पूंजीपतियों को खुली छूट देने के लिए जंगलखाली कराने पर आमादा है सरकार। खैर, पहले असम की बात करते हैं। असम के मूल निवासी बोड़ो, होजोंग और रियांग आदिवासी एनआरसी से बाहर कर दिये गये। नागरिकता का सबूत नहीं दे पाने के चलते असम में 19 लाख लोगों को घुसपैठियों की कतार में खड़ा कर दिया गया। इसमें आपातकाल के दौरान देश के राष्ट्रपति रहे डॉ0 फकरूद्दीन अली अहमद का परिवार भी शामिल है। इसकेअलावा पुलिस, फौज, सरकारी नौकरी कर चुके हजारों लोग भी एनआरसी से बाहर पाये गये। उत्तराखण्ड में भाजपा नेताओं ने झूठ बोला, ‘‘असम में सिर्फ बंगाली मुसलमान और रोहिंग्या मुसलमान को ही चिन्हित किया गया है। बंगाली हिन्दुओं को डरने की आवश्कता नहीं है।’’ जब संख्या का सरकारी आकड़ा जारी हुआ तो सबके होश उड़ गये। 19 लाख घुसपैठियों में सात लाख बंगाली हिन्दू, पांच लाख नॉन बंगालीध्नॉन असमिया हिन्दू, पांच लाख मुसलमान और शेष आदिवासी शामिल हैं। तस्बीर साफ होने पर उत्तराखण्ड और उत्तर-प्रदेश में रहने वाले लाखों बंगाली शरणार्थियों में हड़कंप मच गया। अब प्रदेश सरकार की मंशा साफ होने से बंगाली समाज खौफजदा है। गौरतलब है कि गोविन्द बल्लभ पंत की पहल पर अविभाजित उत्तर-प्रदेश में सबसे पहले 1952 में पूर्वी बंगाल के विभाजन पीड़ित विस्थापित हिन्दुओं को पश्चिम पाकिस्तान से आये हिन्दू और सिख शरणार्थियों के साथ बसाया गया था। भारत विभाजन के वक्त भारत सरकार और राष्ट्रीय नेताओं ने पाकिस्तान के विभाजन पीड़ित हिन्दुओं को भारतीय नागरिकता देने और नये सिरे से बसाने का वायदा किया था। यहीं नहीं सरदार बल्लभ भाई पटेल के निधन के बाद 1955 में भारत के गृहमंत्री बने गोविन्द बल्लभ पंत ने देश भर में विभाजन पीड़ित शरणार्थियों के पुनर्वास का काम पूरा कराया, जिसमें दण्डकारणर्य प्रोजेक्ट के पांच आदिवासी बहुल राज्य शामिल हैं। असम एक ऐसा प्रदेश है, जहां 1951 में एनआरसी तैयार हुई। 1985 में असम समझौता के तहत बांग्लादेश की स्वतंत्रता से एक दिन पहले मतलब 24 मार्च 1971 तक के प्रमाण देने वालों को ही भारत का नागरिक माना गया। तब से ही वहां असमंजस की स्थिति बरकरार है। दरअसल 1955 के नागरिकता कानून के तहत भारत में जन्म लेने वाला
भारत का जन्मजात नागरिक माना जाता था। इसके अलावा इस कानून के तहत पूर्वी बंगाल, पश्चिम पाकिस्तान और वर्मा के विभाजन पीड़ित शरणार्थियों को भारत का नागरिक माना गया था। लेकिन अटल सरकार में गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने 2003 में नागरिकता संशोधन कानून बनाया। इसके तहत जन्मजात नागरिकता खत्म कर दी गयी और शरणार्थियों की नागरिकता को भी समाप्त कर दी गयी। नागरिकता चूंकि जन्मजात नहीं है इसलिए अब हर व्यक्ति को नागरिकता लेनी होगी। भाजपा सरकारों के शासनकाल में एनआरसी का मुद्दा हमेशा गरमाता रहा है। ऐसा राजनीतिक फायदे के लिए भी होता रहा है। उत्तराखण्ड में तो बंगाली समाज को एनआरसी का भय दिखाकर भाजपा दो दशक से फायदा ले रही है। असम में नागरिकता और एनआरसी में हिन्दुओं को भारतीय नागरिकता देने के वायदे पर हिन्दू शरणार्थियों के समर्थन से भाजपा को सत्ता मिली। पश्चिम बंगाल में भी असम की तरह एनआरसी कार्ड से भाजपा सत्ता हथियाना चाहती है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली कामयाबी के पीछे यही मुद्दा प्रमुख रहा है। भाजपा की ओर से देशभर में एक और मिथ्या प्रचार किया जा रहा है, ‘‘एनआरसी के तहत सिर्फ मुसलमानों को देश से बाहर किया जायेगा।’’ जबकि इस कानून से सबसे ज्यादा आदिवासी समुदाय प्रभावित हो रहा है। 1947 के विभाजन के बाद पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान से बंगाली और पंजाबीध्सिख लोग उत्तर-प्रदेश में आये। पंजाबी और सिख समाज के लोगों को तो सरकार ने तत्काल नागरिकता देने के साथ जमीन देकर पुनर्वास कराया। साथ ही पाकिस्तान में मौजूद संपत्ति के हिसाब से मुआवजा भी दिया। लेकिन बंगाली समाज के लोगों को ट्रांजिट कैम्प में रखा। उन्हें अनुग्रहित राशि दी गयी। जमीन भी बाद में दी गयी, लेकिन नागरिकता प्रमाण पत्र नहीं दिया। अधिकांश को जमीन नहीं मिली, वे भूमिहीन खेतिहर मजदूर बनकर रह गये। बाद में उनमे से अनेक लोगों ने अपनी मेहनत से जमीन-जायदाद भी हासिल कर ली। उन्हें शरणार्थी ही माना गया। आज तक बंगाली समाज शरणार्थी ही है। 1971 में बांग्लादेश बनने के समय भी बड़ाी तादात में बंगाली लोग आये, लेकिन उन्हें वो सुविधाएं भी नहीं दी गयी जो 1947 के बाद आने वाले लोगों को मिलीं। 1971 के बाद आने वाले बंगाली शरणार्थियों की तादाद बहुत ज्यादा है। यदि उत्तराखण्ड में भी 1971 के मानक को माना गया तो 71 से पहले के भूमि दस्तावेज, बोर्ड या विश्वविद्यालय प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, बैंक, एलआईसी, पोस्ट ऑफिस रिकार्ड, राशन कार्ड, मतदाता सूची में नाम, कानूनी रूप से स्वीकार अन्य दस्तावेज, विवाहित महिलाओं के लिए एक सर्कल अधिकारी या ग्राम पंचायत सचिव द्वारा दिया प्रमाण पत्र आदि दिखा पाना लाखों लोगों के लिए संभव नहीं होगा। इससे हिन्दू बंगाली, बुक्सा-थारू, नेपाली, वन गुज्जर, मुसलमान, खानाबदोश जिन्दगी बसर करने वाले, भूमिहीन, मजदूर, भिखारी आदि प्रभावित होंगे। पहाड़ में भी आपदा के दौरान अभिलेख नष्ट हो जाने वालों को भी परेशानी होगी। ऐसे में नागरिकता का प्रमाण न दे पाने वाले लाखों लोगों का क्या होगा? वास्तव में एनआरसी पर बहस होनी चाहिए। सरकार का मसौदा अभी साफ नहीं है, जनता के बीच पक्ष-विपक्ष मुखर है। कुल मिलाकर भ्रम की स्थिति बरकरार है। उत्तराखण्ड में न बांग्लादेशी मुसलमान हैं और न ही रोहिंग्या मुसलमान, तो फिर बांग्लादेशी घुसपैठियों के िखलाफ इस युद्धघोषणा का मतलब क्या है? भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि हिन्दू शरणार्थी घुसपैठिया नहीं, भारतीय नागरिक हैं। अब्बल तो भारतीय संविधान, कानून के राज, अन्तर्राष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार कानून के तहत किसी भी समुदाये विशेष को नागरिक मानना और किसी दूसरे को न मानना गलत है। फिर असम में तो हिन्दू शरणार्थी और गैर शरणार्थी, असमिया मूल के लोग और आदिवासी लाखों की तादाद में एनआरसी से बाहर हैं। इसलिए यह समझना भी खुशफहमी है कि सिर्फ बंगाली शरणार्थी इससे प्रभावित होंगे। उत्तराखण्ड की भू-माफिया राजनीति पहाड़ के जल, जंगल, जमीन से कारपोरेट हित में मूल निवासियों को बेदखल करने के लिए असम और आदिवासी बहुल राज्यों की तरह यहां भी एनआरसी का इस्तेमाल कर सकती है। क्योंकि अधिकांश आम नागरिकों में जन्मजात नागरिक होने का भ्रम होने की वजह से उन्होंने नागरिकता के दस्तावेज अर्जित नहीं किये हैं या फिर सहेज कर नहीं रखे हैं।

फोटो-डेंगू
हल्द्वानी में नहीं थम रहा डेंगू का प्रकोप
हल्द्वानी (उद संवाददाता)। सफाई कर्मी समेत दो मरीजों की मौत के बाद डेंगू से मरने वालों की संख्या दस पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों में बढ़ती भीड़ के बावजूद भी संसाधनों के अभाव में इलाज नहीं कर पा रहा है। अब सफाई कर्मी समेत दो लोगों की डेंगू से मौत हो गई है। मुखानी स्थित विवेकानंद अस्पताल में रवि (38) निवासी राजेंद्र नगर राजपुरा को भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान शाम को रवि की मौत हो गई। दूसरी ओर फैजान (20) निवासी लाइन नंबर 17 को बेस अस्पताल में बुखार आने के काराण 14 सितंबर को भर्ती कराया गया था। उसे बीते दिवस हायर सेंटर रेफर किया गया। बरेली के श्री राममूर्ति अस्पताल ले जाते समय फैजान की मौत हो गई। बेस अस्पताल में एलाइजा जांच के बाद 62 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है जबकि एसटीएच में सात मरीजों में एलाइजा जांच के बाद डेंगू की पुष्टि हुई है। कुल 74 मरीजों में एलाइजा जांच के बाद डेंगू की पुष्टि हुई है। बेस में बुखार और डेंगू के 113 और एसटीएच में बुखार और डेंगू के 140 मरीज भर्ती हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बेस अस्पताल में एलाइजा जांच पाजिटिव के 53 मरीज दिखाए हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार डेंगू मरीजों की संख्या 943 पहुंच गई है। अब महात्मा गांधी इंटर कालेज में भी डेंगू ने पांव पसार दिए हैं। प्रधानाचार्य नवीन चंद्र आर्या ने बताया कि कालेज के चार अध्यापक और 18 छात्र डेंगू की चपेट में आ गए हैं। इधर सचिवालय में सचिव स्वास्थ्य नितेश कुमार झा की अध्यक्षता में निजी लैब के संचालकों के साथ बैठक हुई। झा ने निजी लैब संचालकों से सस्ती दरों पर डेंगू की जांच करने में सहयोग करने को कहा। लैब संचालकों ने कहा कि सरकारी अस्पतालों से मरीजों के जो सैंपल भेजे जाएंगे उन्हें सरकारी रेट पर किया जाएगा ओर जो मरीज सीधे उनके पास आएंगे उनसे तय फीस ही ली जाएगी।

फोटो-जुआरी
भाजपा नेता के पुत्र समेत आधा दर्जन लोग जुआ खेलते गिरफ्तार
रुद्रपुर। जुआ खेलते भाजपा नेता के पुत्र समेत आधा दर्जन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से हजारों की नकदी और मोबाइल फोन भी बरामद कर लिये। गत दिवस रम्पुरा व थाना पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाते हुए पहाड़गंज में जुआ खेलते भाजपा नेता के पुत्र जगतपुरा निवासी पवन शर्मा, भदईपुरा निवासी अमन शर्मा, धोबीघाट खेड़ा निवासी जितेंद्र गुप्ता, नई बस्ती खेड़ा निवासी अब्दुल हसन, शान्ति कालोनेी निवासी धीरेद्र कुमार और खेड़ा निवासी फईम रजा को धर दबोचा।उनके कब्जे से 30700 की नकदी व चार मोबाइल भी बरामद किये। इसके अलावा पुलिस ने तीन मोटरसाइकिलें भी लावारिस अवस्था में खड़ी थीं जिन्हें जब्त कर लिया। पुलिस ने सभी जुआरियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस टीम में एसआई सतीश कापडी ,एसआई होशियार सिंह ,एसआई नवीन बुधानी ,कानि विजय कार्की, बिमल
कुमार ,हरिकिशन, प्रमोद रावत, राजेन्द्र जोशी, रमेश चन्द्र आदि शामिल थे।

तीन शराब तस्कर पकड़े, एक फरार
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। ट्रांजिट कैंप थाना पुलिस ने अवैध शराब ले जा रहे तीन लोगों को दबोच लिया जबकि एक अन्य पुलिस के चंगुल से बचकर भाग गया। जानकारी के अनुसार पुलिसकर्मी श्मशान घाट रोड पर गश्त पर थे। इसी दौरान दो व्यक्ति अवैध शराब बेचते नजर आये। पुलिसकर्मियों को देखकर दोनों भागने लगे। पुलिस ने एक शराब तस्कर को मौके पर दबोच लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम पता आजादनगर निवासी जीत सिंह पुत्र जगीर सिंह बताया। उसका कहना था कि फरार हुआ व्यक्ति उसका बेटा कुलविंदर सिंह है। दोनों पिता पुत्र शराब बेचकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। पुलिस ने मौके से दो कट्टों में 172 पाउच अवैध शराब के बरामद किये। वहीं बरेली निवासी चंद्रपाल पुत्र हुकुम सिंह को थाना पुलिस ने रिद्धिसिद्धि पुलिया के स मीप फुलसुंगी में 20लीटर अवैध शराब के साथ पकड़ा जबकि ग्राम भट्टा नानकमत्ता निवासी सोनू पुत्र स्व- काला सिंह को जेपीएस रोड पर 20लीटर अवैध शराब सहित गिरफ्तार किया। इसके अलावा पुलिस ने मूलनिवासी बदायूं हाल निवासी मोहल्ला विवेकनगर महेंद्र कुमार पुत्र स्व- अमर सिंह को तीनपानी डाम के समीप खाईबाड़ी करते 670 रूपए नकद, सट्टा पर्ची व अन्य सामान के साथ गिरफ्तार कर लिया।

फोटो-पुतला
काबीना मंत्री यशपाल आर्य का फूंका पुतला
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के कर्मचारियों ने उत्तराखंड जनरल ओबीसी इम्पलाइज एसोसिएशन के आहवान पर सीधी भर्ती की रोस्टर प्रणाली में पुनः छेड़छाड़ करने एवं प्रदेश में पदोन्नति पर लगी रोक के खिलाफ गत दिवस कर्मचारियों ने भगत सिंह चैक पर जोरदार प्रदर्शन के बीच काबीना मंत्री यशपाल आर्य के पुतले को आग के हवाले किया। इस दौरान दीप जोशी, मोहन सिंह राठौर,सुधाकर दुबे, पंकज चैहान, हेमचंद पोखरिया, डीके जोशी, गोपाल सिंह, विपिन चैहान, पंकज गुरूरानी, महेंद्र बिष्ट, निशांत त्यागी, रमेश जोशी आदि मौजूद थे।

एटीएम नंबर पूछकर 6 हजार की नकदी उड़ायी
रूद्रपुर(उद संवाददाता)। अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल पर एटीएम नम्बर पूछकर एक व्यक्ति के खाते से करीब 6हजार की नकदी उड़ा ली। मामले की जानकारी पुलिस को दे दी गयी है। दुर्गा विहार कालोनी फुलसंगा निवासी दान सिंह रावत पुत्र जीवन सिंह का कहना है कि 16 सितम्बर की सायं उसके मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति का फोन आया जिसने कहा कि वह गूगल पे से बोल रहा है और क्या सहायता कर सकता है। दान सिंह का कहना है कि जब उसने बताया कि उसने किसी का रिचार्ज किया था जो अभी तक नहीं हुआ है। इस पर फोन करने वाले ने एटीएम नम्बर पूछा कहा कि रिचार्ज कराये रूपए दोे घंटे बाद वापस आ जायेंगे जिसके बाद उसको ओटीपी बताया। दानसिंह का कहना है कि इसके बाद उसके खाते से पहले 4999 रूपए और दूसरी बार 999 रूपए काट दिये गये। उस व्यक्ति ने कहा कि मैं एक घंटे बाद आपके रूपए वापस कर दूंगा लेकिन रूपए वापस नहीं कियेे।

फोटो-फायरिंग
कीरतपुर में फायरिंग की सूचना से मचा हघ्डकम्प
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। गतरात्रि कीरतपुर में फायरिंग की सूचना से हड़कम्प मच गया। आनन फानन में कोतवाल कैलाश चंद भट्ट के नेतृत्व में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। इस दौरान हंगामा कर रहे तमाम युवक मौके से फरार हो गये। पुलिस ने वहां से कई वाहन जब्त कर लियेऔर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार गतरात्रि कीरतपुर बार्डर पर लगभग आधा दर्जन युवक शराब पी रहे थे। किसी बात को लेकर उनमें विवादहो गया और देखते ही देखते वहां मारपीट शुरू हो गयी तथा जमकर लाठी डंडे चले। इसी दौरान किसी ने पुलिस को वहां फायरिंग करने की सूचना दे दी। जिससे पुलिस विभाग में हड़कम्प मच गया और पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गयी। तब तक हंगामा कर रहे सभी युवक मौके से फरार हो गये। पुलिस ने वहां से एक कार, एक स्कूटी और एक बुलट मोटरसाइकिल जब्त कर ली। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

फोटो-जयगुरूदेव
विश्वकर्मा जयन्ती पर जय गुरूदेव ने दिये गिफ्ट
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। किच्छा रोड इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित जय गुरूदेव इण्डस्ट्रीज में विश्वकर्मा दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा को भव्य रूप से सजाया गया और हवन पूजन किया गया। विश्वकर्मा जयन्ती के उपलक्ष्य में जय गुरूदेव इण्डस्ट्रीज के डायरेक्टर बंशीधर गुम्बर ने सभी को बधाई देते हुये श्रमिकों को साइकिल, टेबल,कुर्सी, मोबाइल और घड़ियां वितरित की गयीं। पूजा अर्चना के बाद लंगर का आयोजन भी किया गया। इस मौके अरविन्द गुम्बर,रोहित गुम्बर, गुरतेज सिंह, रतन मण्डल,प्रभात कुमार, मनीश कुमार,पूरन कुमार, अमोस क्षेत्री, दिवाकर कुमार, प्रमोद कुमार,उग्रसेन शर्मा, भुल्लर कुमार, संजय कुमार, अर्पित मिश्रा, टीटू, लक्ष्य कुमार,वसीम, गुड्डु, विद्युत कुमार, वन्दना, चन्दनी, नीमा एवं शालू सहित काफी संख्या में संस्थान के कर्मचारी थे।

फोटो-मृतक
सर्पदंश से महिला की मौत
लालकुंआँ(उद संवाददाता)। निकटवर्ती क्षेत्र बिंदुखत्ता के खुरियखत्ता निवासी लगभग 55 वर्षीय महिला हीरा देवी को आज सुबह सांप ने डस लिया आनन- फानन में परिजन जब उन्हें हल्द्वानी चिकित्सालय लेकर जा रहे थे तब रास्ते में दम तोड़ दिया। हीरा देवी के पति ईश्वरी दत्त परगांई पैसे से किसान हैं और उनकी पत्नी हीरा देवी सुबह किचन में नाश्ता बनाने के लिए जा रही थी कि किचन में पहले से बैठे सांप ने उन्हें दस लिया जैसे ही परिवार को इसका पता चला तो उन्हें आनन-फानन में हल्द्वानी चिकित्सालय ले जाने लगे मगर जहरीले सांप की वजह से उनकी रास्ते में ही मौत हो गई घटना के बाद से ही क्षेत्र में सनसनी फैल गई है वहीं परिवार में कोहराम मचा हुआ है।

पति पर धोखे से दूसरी शादी करने का आरोप
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। एक महिला ने पूर्व में शादीशुदा होने की बात छिपाकर उससे शादी कर लेने का आरोप लगाकर न्याय की गुहार लगायी है। महिला का कहना है कि गत 9अक्टूबर 2016 को निकटवर्ती ग्राम निवासी एक व्यक्ति ने मंदिर में उससे शादी की। उस दौरान उसे पति पिछली बातों का कोई ज्ञान नहीं था। बाद में उसे पता चला कि उसके पति ने पूर्व में शादी की हुई है। अब पति से उसकी दो वर्ष की पुत्री है। जब से पति के घर वालों को दूसरी शादी के बारे में पता चला है तब से पति न तो उसे खर्च के लिए पैसे दे रहा है और न ही मकान का किराया। साथ ही वह उसके साथ भी नहीं रह रहा है। महिला का कहना है कि पति की पहली पत्नी को जब से दूसरे विवाह की जानकारी मिली है वह निरन्तर उससे आयेदिन गाली गलौच करती है तथा जान से मरवा देने की धमकी दे रही है। पिछले एक वर्ष से पति उसकी पहली पत्नी ने उसे परेशान किया हुआ है। महिला का कहना है कि वह अपने पति को अपने साथ रखना चाहती है।

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