राहतः मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए सरकार ने शुल्क घटाया
देहरादून। मानचित्र स्वीकृत करने की जटिल प्रक्रिया को सरल करते हुए सरकार ने शुल्क में छूट देने का निर्णय लिया है। राज्य का मैदानी क्षेत्र का वह भू-भाग जो किसी प्राधिकरण का भाग नही था। उत्तफ़ भू-भाग को नियोजित विकास किये जाने हेतु पूर्व में विकास प्राधिकरणो यथा एच-आर-डी-ए- एंव जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण का भाग के रूप में सम्मिलित किया गया था उत्तफ़ क्षेत्रे में विकास शुल्क में 40 प्रतिशत की छूट का निर्णय लिया गया है। तथा पर्वतीय जनपदो के मैदानी विकास क्षेत्रे में भी लगभग 40 प्रतिशत विकास शुल्क कम करने निर्णय लिया गया है और अवशेष पर्वतीय क्षेत्रें में 70 प्रतिशत विकास शुल्क की दरें में छूट प्रदान कर दी गई है। जिससे कि आम जन को लाभ होगा। मुख्यमंत्री जी द्वारा भी पर्वतीय क्षेत्रे में जन सामान्य के अनुरोध को दृष्टिगत रऽते हुए की गयी घोषणा के अनुपालन सुनिश्चित किये जाने हेतु भी यह निर्णय कर लिया गया है। राज्य गठन के उपरान्त वर्ष 2004 में शासनादेश दिनांक 19-10-2004 में विकास शुल्क का निर्धारण किया गया था। सरकार ने अनियोजित विकास को अंकुश लगाने एंव नियोजित विकास को देऽते हुए सरकार द्वारा जनहित में निर्णय लिया गया है। विगत वर्ष राज्य के पर्वतीय जनपदो का वह भू-भाग जो पूर्व में स्थानीय विकास प्राधिकरण (विनिमित क्षेत्र) नगर निकायों एंव राष्ट्रीय राजमार्ग एंव राज्य राजमार्ग के भू-भाग में सम्मिलित करते हुए जनपद स्तरीय विकास प्राधिकरण गठित किया गया एंव मैदानी जनपदो के वह भू-भाग के रूप में सम्मिलित नही किया गया था । उत्तफ़ भू-भाग को सम्बिन्धित विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र में सम्मिलित किया गया। उत्तफ़ नये क्षेत्रें में विकास शुल्कों एंव अन्य शुल्क कम किये जाने हेतु जनहित में यह निर्णय लिया गया है।