प्रोसेसिंग प्लांट के लिए निगम ने लिया भूमि पर कब्जा
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। नगर निगम प्रशासन द्वारा आज आदित्यनाथ झा राजकीय इंटर कालेज के पीछे शासन द्वारा क्रय की गयी करीब 10एकड़ भूमि पर आज प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में नापजोख कर कब्जा लिया गया और कब्जा कर ली गयी भूमि पर जनप्रतिनिधियों के सामने पिलर भी लगाये गये। इससे पूर्व एसडीएम मुक्ता मिश्रा, तहसीलदार डॉ. अमृता शर्मा, नगर आयुक्त जयभारत सिंह, उप नगर आयुक्त रिंकू बिष्ट, मेयर रामपाल सिंह भारी संख्या में पुलिस फोर्स व अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ झा इंटर कालेज के पीछे क्रय की गयी भूमि स्थल पहुंचे जहां मानचित्र के अनुरूप नगर निगम के मानचित्र अधिकारी राम सिंह ने साथी कर्मचारियों के साथ कब्जे में ली गयी भूमि की पूरी नापजोख की और मौके पर मौजूद अधिकारियों को इससे अवगत कराया। अधिकारियों द्वारा कब्जे में ली गयी भूमि का निरीक्षण किया गया जिसके पश्चात सीमांकन का कार्य हुआ और पिलर लगाये गये। एमएनए जय भारत सिंह ने बताया कि करीब तीन वर्ष पूर्व नगर निगम द्वारा प्रोसेसिंग प्लांट जिसे कूड़ा विधायन संयंत्र भी कहा जाता है स्थापित करने के लिए शासन से करीब 10एकड़ भूमि 3.68करोड़ रूपए में क्रय की गयी थी और शासन को इसका पूर्ण भुगतान भी जमा करा दिया गया था। उन्होंने बताया कि इस संबंध में कुछ लोगों द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी थी। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय द्वारा याचिकाओं को भी निरस्त कर दिया गया। उन्होंने बताया कि आज प्रशासनिक अधिकारियों के साथ क्रय की गयी भूमि पर कब्जा करने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी है और शीघ्र ही कब्जे में ली गयी भूमि पर पिलर लगा दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि कूड़ा विधायन संयंत्र की स्थापना के लिए निगम द्वारा आवश्यक प्रक्रिया भी प्रारम्भ कर दी गयी है। उनका कहना था कि संयंत्र स्थापित होने के पश्चात महानगर की कूड़ा निस्तारण की समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकेगा। निगम प्रशासन द्वारा आज क्रय की गयी भूमि तक पहुंचने के लिए मार्ग का निर्माण प्रारम्भ कर दिया गया है।जेसीबी मशीन से जिस स्थान पर मार्ग तैयार किया जा रहा है वहां विद्यालय के अधीन भूमि पर फलदार पेड़ लगे हुए हैं। मेयर रामपाल सिंह ने बताया कि भूमि का स्वामित्व लेने के पश्चात यहां निगम द्वारा प्लांट की तैयारियों के संदर्भ में कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी। उन्होंने बताया कि इस स्थान पर ट्रचिंग ग्राउण्ड नहीं बनाया जायेगा बल्कि शहर में एकत्र होने वाले कूड़े का निस्तारण किया जायेगा। साथ ही यहां प्रदूषण न फैले इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जायेगा। इस दौरान निगम के प्रभारी अधिशासी अभियंता राजेंद्र प्रसाद, कर निरीक्षक बीसी रेखाड़ी, सफाई नायक गौतम सिंह, कानूनगो भरत लाल, पटवारी श्री दिगारी, सफाई निरीक्षक संजय शर्मा सहित कई अधिकारी व भारी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे।
भारी फोर्स के साथ एसडीएम ने डाला डेरा
रूद्रपुर। प्रोसेसिंग प्लांट के लिए भूमि पर कब्जा लेने के लिए आज एसडीएम मुक्ता और तहसीलदार भारी फोर्स के साथ मौके पर मौजूद रहे। नगर निगम प्रशासन द्वारा झा इंटर कालेज के पीछे क्रय की गयी भूमि पर जिस समय कब्जा लेने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ंकी मौजूदगी में भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा। इससे पूर्व आज कोतवाली परिसर में भारी संख्या में पुलिस एवं पीएसी के जवान एकत्र हुए। निर्देश मिलने पर वह झा इंटर कालेज के पीछे मैदान में पहुंचे जहां सीओ हिमांशु शाह, कोतवाल कैलाश भट्ट समेत तमाम उपनिरीक्षकों की मौजूदगी में पुलिस बल ने बाहरी लोगों को भूमि परिसर में प्रवेश करने से रोका ताकि प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में की जा रही कार्रवाई बिना किसी बाधा के पूर्ण हो सके।
झा कालेज प्रबंधन ने जतायी आपत्ति
रूद्रपुर(उद संवाददाता)। जिस समय नगर निगम प्रशासन प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में झा इंटर कालेज के पीछे प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के उद्देश्य से भूमि पर कब्जा करने पहुंचा इस मौके पर आदित्य नाथ झा राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य सहित कई शिक्षक भी वहां आ पहुंचे और उन्होंने भूमि पर कब्जा करने की कार्रवाई पर आपत्ति जतायी। उनका कहना था कि उक्त भूमि करीब वर्ष 1949 में जनपद रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा विद्यालय को प्रदान की गयी थी। तब से इस भूमि पर विद्यालय का ही कब्जा रहा है औेर अभिलेखों में भी विद्यालय का ही कब्जा है। उनका कहना था कि आज निगम प्रशासन द्वारा भूमि पर कब्जा किया जा रहा है। इस संदर्भ में न तो शिक्षा विभाग और न ही विद्यालय प्रबंधन को इस संबंध में कोई जानकारी दी गयी। उनका यह भी कहना था कि विद्यालय कृषि विषय पर भी आधारित है और सरकार द्वारा विद्यालय को उक्तभूमि प्रदान की गयी है जिसमें वाणिज्य फार्म स्थापित किया गया है।उनका कहना था कि फार्म में उत्पादित होने वाले फलों व फसल से शासन को प्रतिवर्ष करीब 45लाख रूपए दिया जाता है। उनका कहना था कि वह निगम प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई से विभाग के उच्चाधिकारियों से अवगत करायेंगे और जैसा उनका आदेश होगा उसका पालन करेंगे।