एनएच 74 के निर्माण में आ रही अड़चन हुई समाप्त, अब तेजी से होगा काम
भूमि अधिग्रहण के लिए नया शासनादेश जारी,अब किसानों को मिलेगा चार गुना मुआवजा
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। किच्छा-गदरपुर मार्ग पर अनेक स्थानों पर एनएच 74 के चैड़ीकरण के कार्य में भूमि अधिग्रहण न होने के कारण निर्माण कार्य बाधित है। जिसको लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शासनादेश जारी कर दिया है। उत्तराखंड शासन के सचिव सुशील कुमार ने राज्य के समस्त जिलाधिकारियों को शासनादेश जारी करते हुए आदेश दिये हैं कि तत्काल अद्धनगरीय क्षेत्रों में अधिग्रहण की जा रही भूमि के प्रतिकर को निर्धारण किया जाये। विधायक राजेश शुक्ला ने अपने आवास पर पत्रकारों को बताया कि दरअसल टोल को लेकर क्षेत्र में कोई परेशानी नहीं थी। लोगों में नाराजगी एनएच में रूके हुए निर्माण कार्य को लेकर थी। अब इस संदर्भ में सरकार द्वारा प्रभावित किसानों को चार गुना मुआवजा दिये जाने संबंधी शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसके पश्चात भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज होगी साथ ही एनएच चैड़ीकरण का कार्य भी तेजी से शुरू हो जायेगा। अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की कुछ भूमि को अर्ध नगरीय मानकर उनका मुआवजा चार गुना यानि दो गुणांक के स्थान पर दो गुना यानि एक गुणांक करने से नाराज हजारों किसानों के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शासनादेश जारी कर उक्त भूमियों को ग्रामीण क्षेत्र के गुणांक 2 यानि चार गुना मुआवजा दिया जायेगा। इस संबंध में शासनादेश भी जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि अब एनएच 74 के निर्माण में आ रही बाधा दूर होगी तथा निर्माण कार्य तेजी से होगा। श्री शुक्ला ने कहा कि भूमि अधिग्रहण में भारत सरकार ने भूमि की दो श्रेणियां मानकर बाजार भाव से शहरी क्षेत्रों में दोगुना यानि एक गुणांक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बाजार मूल्य का चार गुना यानि दो गुणांक तय करने का प्रावधान किया था परन्तु पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में जिला प्रशासन द्वारा कतिपय ग्रामीण क्षेत्रों को अर्धनगरीय की श्रेणी मानकर उन्हें चार गुना के स्थान पर दोगुना मुआवजा देने का निर्णय लिया। इसके खिलाफ वाद भी दायर किया गया। उन्होंने बताया कि जिन स्थानों पर यह विवाद था वहां एनएच निर्माण कार्य रोक दिया गया। श्री शुक्ला ने बताया कि आर्बिट्रेटर के रूप में डीएम को इन मुकदमों का निस्तारण करना था परन्तु स्पष्ट शासनादेश न होने से पिछले दो वर्षों से एक केस की भी सुनवाई नहीं हुई। श्री शुक्ला ने बताया कि जब उन्होंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री को अवगत कराया तो आर्बिट्रेटर के रूप में सेवानिवृत आईएएस अधिकारी एसएस रावत को नियुक्त किया परन्तु शासनादेश स्पष्ट न होने से कृषकों को राहत नहीं मिली। इस संदर्भ में वह स्वयं कई बार मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव तथा राजस्व अधिकारियों से मिले। उन्होंने बताया कि इसी दौरान उत्तर प्रदेश में एक शासनादेश हुआ। वहां अर्धनगरीय कोई क्षेत्र नहीं माना जायेगा तथा क्षेत्रों की अवधारणा केवल शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में की जायेगी। इस आधार पर राज्य में शासनादेश जारी हुआ। पत्रकार वार्ता में भाजपा नेता हरपाल कक्कड़, ग्रामीण मण्डल अध्यक्ष विपिन जल्होत्रा, जिला उपाध्यक्ष राजेश तिवारी,अक्षय अरोरा, अंकित सिंह आदि भी मौजूद थे।