जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकी ढेर
आतंकियों के साथ हाथ मिलाने वाले दो स्पेशल पुलिस ऑफिसर भी मारे
नई दिल्ली। चंद घंटों पहले आतंक का रास्ता पकड़ने वाले जम्मू और कश्मीर पुलिस के दो स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स (एसपीओ) को सुरक्षाबलों ने अंजाम तक पहुंचा दिया है। पुलवामा के लासीपोरा इलाके में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों में दोनों एसपीओ को मार गिराया है। इन दोनों एसपीओ के अलावा, सुरक्षाबलों ने दो अन्य आतंकियों को भी ठिकाने लगाया है। मारे गए आतंकियों की पहचान आशिक अहमद, इमरान अहमद, शबीर अहमद डार और सुलेमान खान के रूप में हुई है। शबीर अहमद डार और सुलेमान खान जम्मू-कश्मीर पुलिस में बतौर एसपीओ तैनात थे। दोनों गुरुवार शाम सर्विस राइफल लेकर पुलवामा पुलिस लाइंस से फरार हो गए थे। पुलवामा के लासीपोरा इलाके में मारे गए चारों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए थे। सुरक्षाबलों से जुड़े सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार शाम दो खबरें एक साथ आईं। पहली खबर पुलवामा पुलिस लाइंस से सर्विस राइफल लेकर फरार हुए दो एसपीओ की थी, वहीं दूसरी खबर पुलवामा के लासीपुरा इलाके स्थित घर में छिपे हुए आतंकियों से जुड़ी हुई थी। दोनों ही खबरों पर सीआरपीएफ की 182वीं बटालियन, 44 राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने काम करना शुरू किया। एक तरफ, दोनों एसपीओ की तलाश चल रही थी, वहीं दूसरी तरफ लासीपुरा में आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन चल रहा था। इस बीच, दोनों एसपीओ की तो कोई खबर नहीं मिली, लेकिन सुरक्षाबलों ने उस घर को खोज निकाला, जिसमें आतंकी छिपे हुए थे। उन्होंने बताया कि घर की घेराबंदी करने के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों से सरेंडर करने के लिए कहा। जिसके जवाब में आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों की इन गोलियों के जवाब में सुरक्षाबलों ने अपनी कार्रवाई शुरू की। यह कार्रवाई गुरुवार शाम को शुरू होकर, शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे खत्म हुई। जिसमें एक-एक करके चार आतंकियों को मार गिराया गया। मुठभेड़ खत्म होने के बाद चारों आतंकियों की पहचान आशिक अहमद, इमरान अहमद, शबीर अहमद डार और सुलेमान खान के रूप में की गई। इसी बीच, सुरक्षाबलों को यह पता चला कि इस मुठभेड़ में मारा गया शबीर और सुलेमान वही एसपीओ हैं, जिसकी तलाश बीती शाम से चल रही थी। जैश-ए-मोहम्घ्मद के इन चारों आतंकियों के खात्मे के साथ सुरक्षाबलों के दोनो ऑपरेशन खत्म हो गए। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबल इस मुठभेड़ को बड़ी सफलता के रूप में देख रहे हैं। दरअसल, सुरक्षाबलों ने महज 12 घंटे से कम समय में न केवल सर्विस राइफल को दोबारा हासिल कर दिया, बल्कि आंतक का रास्ता अख्तियार करने वाले दोनों एसपीओ को भी अंजाम तक पहुंचा दिया गया। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर में इसी तरह का एक मामला पहले भी सामने आ चुका है, जिसमें पीडीपी के पूर्व विधायक की सुरक्षा में तैनात एसपीओ ने सात एके-47 राइफल और एक पिस्टल मोस्ट वांटेड आतंकी रियाज नायकू के हवाले कर दिया है। इस घटना के दो महीने बाद सुरक्षाबलों ने वारदात को अंजाम देने वाले दो आतंकियों को मार गिराया था।