बैंकों से लाखों की धोखाधड़ी का खुलासा
एक गिरफ्रतार, तीन फरार, आरटीजीएस चेक के माध्यम से कई बैंकाें में की लाखों की हेराफेरी
काशीपुर। आरटीजीएस चेक के माध्यम से बैंकों में लाखों की धोखाधड़ी के अलग अलग मामलों में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्रतार कर लिया जबकि उसके तीन अन्य साथी फरार हैं। उक्त आरोपी बैंकों में आरजीटीएस चेक के माध्यम से लाखों की धोखाधड़ी कर चुके हैं। पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है। मामले का खुलासा करते हुए एएसपी जगदीश चन्द्र ने किया। उन्होंने कहा कि पुलिस को तहरीर देकर रामनगर रोड स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के वरिष्ठ प्रबंधक घनश्याम बनियाल ने बताया कि गत 21 जनवरी को चेक में धोऽाधड़ी कर बैंक से 270206 रुपए की रकम निकाल ली गयी। इसी तरह काशीपुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि गत 14 मार्च को आरटीजीएस ऽाता के एक चेक से 5 लाऽ 20 हजार रुपए निकाले गए। वहीं कूर्मांचल बैंक से भी 1-50लाख रूपए, पंजाब नेशनल बैंक से 4-20लाख रूपए, ठाकुरद्वारा मुरादाबाद प्रथमा बैंक से 3-50लाख रूपए आरटीजीएस चेक के माध्यम से धोखाधड़ी कर निकाल लिये गये। पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी। वहीं कुर्मांचल बैंक के सहायक क्लर्क दीपक सिंह नेगी पुत्र बचन सिंह नेगी ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि गत शनिवार को नारायण ठेर बरऽेड़ा जनपद पीलीभीत निवासी रामकुमार पुत्र नोऽे लाल तथा उसके दो अज्ञात साथियों ने आरटीजीएस का 1 लाऽ 50 हजार का एक चेक चुरा लिया और मौके से भागने लगे। इस बीच
ऐसे ही बैंक कर्मियों को भनक लगी उन्होंने स्थानीय लोगों की मदद से राम कुमार नामक आरोपी को दौड़ा कर पकड़ लिया लेकिन उसके 2 साथी चकमा देकर फरार होने में सफल रहे। पुलिस पूछताछ में राजकुमार ने अपने साथी का नाम जिरौनिया थाना बरखेड़ा पीलीभीत निवासी महेंद्र सिंह पुत्र सुखलाल, आमखेड़ा गजरौला पीलीभीत निवासी रणवीर सिंह पुत्र रामचरण और बिलसंडा पीलीभीत निवासी पवन पुत्र प्रेमचंद तथा एकतानगर कालोनी पीलीभीत निवासी लाडी बताया। पुलिस के मुताबिक गिरोह का सरगना वर्तमान ग्राम प्रधान महेंद्र सिंह है। उक्त गिरोह के लोग अपने साथियों के साथ बैंक के अंदर काउंटर पर जाकर काउंटर पर बैठे व्यक्ति के पास जो खाताधारक आरटीजीएस चेक लेकर जाता था उसके पीछे चेक का उद्देश्य प्राप्त करते थे कि उसने आरटीजीएस चेक में क्या भरना है, उस पर क्या प ्रविष्टि की जानी है। फिर जब काउंटर पर बैठा व्यक्ति अन्य कार्य में व्यस्त हो जाता था तो उस चेक को चोरी कर बाहर ले जाते थे और उस पर आरटीजीएस चैक पर अंकित योरसेल्फ के स्थान पर एडिटिंग कर श्श्रळल्व्न्त् ैम्ज्ज्ञम्श् श्रळव्व्त्-ैज्प्ज्ठ।।ज्ञ आदि लिखकर इसी नाम का आधार रकार्ड चेक के साथ लगाकर चेक में लिखी धनराशि प्राप्त कर लेते थे। पुलिस ने घटना मेंप्रयुक्त स्विफ्रट वाहन संख्या यूपी-26एस/5151 भी बरामद कर ली है। मामले का खुलासा करने वाली टभ्म में वरिष्ठ उपनिरीक्षक विनोद जोशी,एसआई विनोद फर्त्याल, दिनेश बल्लभ, कां- कुलदीप सिंह, रमेश कांडपाल, राजू पुरी,अनु त्यागी, प्रियंका कम्बोज, सुरेंद्र सिंह, दिलीप सिंह बोनाल, शमीम अहमद थे।