गर्ग ने साहनी बंधुओं को भेजा मानहानि का नोटिस

बोले-मान सम्मान एवं प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस मांगे माफी नहीं तो दें दो करोड़ की क्षतिपूर्ति

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रूद्रपुर। शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी एवं समाजसेवी विजय भूषण गर्ग ने प्रापर्टी के एक मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराये जाने के मामले में मानहानि का नोटिस भेजा है और 15 दिन के भीतर माफी न मांगने पर क्षतिपूर्ति के रूप में 2 करोड़ रूपये अदा करने की बात कही गई है। श्री गर्ग की ओर से शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील खेड़ा की ओर से भेजे गये मानहानि के नोटिस में कहा गया है कि श्री संजीव साहनी एवं श्री दीपक साहनी पुत्र स्व0 श्री वासुदेव साहनी निवासी- नेशनल ब्रेकरी, दुर्गा मन्दिर रोड, रुद्रपुर, जिला ऊधमसिंहनगर द्वारा न्यायालय के आदेश पर दर्ज कराये गये मुकदमें में उनके मुवक्किल को बेवजह फंसाया गया है। जबकि उनके मुवक्किल विजय भूषण गर्ग रुद्रपुर नगर का एक प्रतिष्ठित व्यवसायी है जो कि प्रमुख रुप से रीयल एस्टेट एवं फूड ग्रेन की आढ़त का कारोबार करता है। यही नही श्री गर्ग राईस मिलिंग, तेल मिल एवं अन्य विभिन्न प्रकार की व्यवसायिक गतिविधियों से जुडा रहा है और विगत लगभग 35 वर्षो से उपरोक्त वर्णित विभिन्न व्यापारिक गतिविधियों मे मेरे व्यवहारी ने बहुत बडी साख अर्जित की है जिस कारण रुद्रपुर एवं आस पास के क्षेत्र मे मेरे व्यवहारी को अत्यन्त सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। जिसके चलते श्री गर्ग को आर्थिक शुचिता, व्यापारिक प्रतिबद्धता, ईमानदारी एवं व्यापारिक बचनो का पालन करने वाले व्यक्ति के रुप मे जाना जाता है। नोटिस में अधिवक्ता श्री खेड़ा ने कहा कि व्यापारिक गतिविधियो के अतिरिक्त श्री गर्ग सामाजिक गतिविधियो एवं सेवा कार्यो मे भी अत्यन्त सक्रिय रहते है एवं अग्रवाल सभा, बालाजी चेरिटेबल ट्रस्ट, भारत विकास परिषद, भारत विकास परिषद रुद्रपुर चेरिटेबल ट्रस्ट, सहित अनेको संगठनो मे विभिन्न पदो का निर्वाह कर चुके है एवं कुछ मे वर्तमान मे भी कर रहे है। नोटिस में कहा गया है कि श्री साहनी द्वारा न्यायालय श्रीमान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम, रुद्रपुर, जिला ऊधमसिंहनगर के समक्ष एक प्रकीर्ण फौजदारी प्रार्थनापत्र अन्तर्गत धारा 156(3), दण्ड प्रक्रिया संहिता, प्रस्तुत किया गया, जिसमे तीन अन्य लोगो के अतिरिक्त मेरे मुवक्किल के विरुद्ध थाना रुद्रपुर मे प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज करने के आदेश पारित करने की प्रार्थना की गई। उक्त प्रार्थनापत्र के साथ श्री साहनी एवं मै0 सी-के-जी- रियल्टी प्रा0 लि0 के मध्य हुए अनुबंध दिनांक 11-04-2016, मै0 सी-के-जी- रियल्टी प्रा0 लि0 द्वारा श्री साहनी के पक्ष मे जारी रसीदें एवं मै0 सी-के-जी- रियल्टी प्रा0 लि0 कम्पनी के मेमोरेंडम एंड आर्टिकल्स आफ एसोसिएशन की प्रति प्रस्तुत की, जिनसे स्पष्ट था कि श्री साहनी द्वारा जो भी आर्थिक लेन-देन अथवा अनुबंध किया गया वह सब मै0 सी-के-जी- रियल्टी प्रा0 लि0 कम्पनी के साथ किया गया, जिसके निदेशक श्री करन गुप्ता एवं श्री चन्द्रेश गुप्ता है। उपरोक्त वर्णित अभिलेखो मे कहीं भी मेरे व्यवहारी का नाम वर्णित नहीं था। इसके उपरांत भी एवं यह जानते हुए भी कि मेरा व्यवहारी उपरोक्त वर्णित कम्पनी अथवा उसके द्वारा प्रस्तावित मॉल के निर्माण से कोई सम्बन्ध नही रखता है। नोटिस में उल्लेख है कि मुकदमा कर्ता द्वारा उक्त प्रार्थनापत्र में नितान्त असत्य एवं मिथ्या तथ्यो का वर्णन करते हुए मेरे व्यवहारी का नाम अभियुक्त के रुप मे वर्णित किया। उक्त प्रार्थनापत्र के आधार पर पारित माननीय न्यायालय के आदेश पर थाना रुद्रपुर, जिला ऊधमसिंहनगर द्वारा एक प्रथम सूचना रिपोर्ट सं0 176 दिनांक 05-04-2019 अन्तर्गत धारा 420, 504, 506 भारतीय दण्ड संहिता दर्ज कर ली गई जिसमे उक्त कम्पनी के निदेशकगणो के अतिरिक्त मेरे व्यवहारी एवं मेरे व्यवहारी के हिस्सेदार सुरेन्द्र सिंह ग्रोवर को भी अभियुक्त बनाया गया है। यह कि मेरे व्यवहारी एवं मेरे व्यवहारी के एक मित्र सुरेन्द्र सिंह ग्रोवर द्वारा स्थानीय ओमैक्स रिवेरा नामक कालोनी मे एक कामर्शियल भूखण्ड सं0 1 मै0 ओमेक्स लि0 एवं सिडकुल से लीज पर लिया था। कालान्तर मे अप्रैल 2016 मे मेरे व्यवहारी एवं सुरेन्द्र सिंह ग्रोवर द्वारा उक्त भूखण्ड मै0 सी0के0जी0 रियल्टी प्रा0 लि0 नाम की एक कम्पनी को हस्तान्तरित करने का अनुबंध किया था जो कि कम्पनी उक्त भूखण्ड पर एक मॉल का निर्माण करना चाहती थी। प्रश्नगत भूखण्ड उक्त कम्पनी को विक्रयध्ट्रान्सफर करने के अनुबंध के अतिरिक्त मेरा व्यवहारी उक्त कम्पनी अथवा उसके द्वारा प्रस्तावित माल के निर्माणध्दुकानो के विक्रय अथवा अन्य किसी प्रक्रिया से किसी भी प्रकार का कोई सम्बन्ध नही रखता है एवं उक्त सभी कार्य उपरोक्त कम्पनी द्वारा स्वतन्त्र रुप से किए जा रहे हैं। उपरोक्त वर्णित प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं उसके उपरांत करन गुप्ता की गिरफ्तारी के समाचार को विभिन्न समाचार पत्रो द्वारा प्रकाशित किया गया। मुकदमाकर्ताओं द्वारा उक्त समाचार, जिसमे मेरे व्यवहारी का नाम बतौर अभियुक्त वर्णित है। इन समाचारों की छायाप्रतियां नगर के विभिन्न सार्वजनिक स्थानो पर बांटी और बटवाई गई। यही नही उनके द्वारा उपरोक्त न्यूज पेपर की कटिंग सोशल मीडिया, विशेषकर व्हाटस्अप के विभिन्न ग्रुपो के माध्यम से प्रचारित एवं प्रसारित की, जिसका एक मात्र उदद्ेश्य मेरे मुवक्किल के मान सम्मान, साख एवं प्रतिष्ठा को ठेस पहुचाना था। जिसके चलते मेरे व्यवहारी के कई पुराने परिचित मेरे व्यवहारी से कतराने लगें है तथा मेरे व्यवहारी को सार्वजनिक स्थलों पर जन सामान्य मे व्यंगात्मंक टिप्पणियां सुननी पड रही हैं जिससे मेरे व्यवहारी को गम्भीर मानसिक कष्ट एवं वेदना का सामना करना पड रहा है। नोटिस में कहा गया है कि यदि समय रहते इसके लिये माफी नही मांगी गयी तो मेरे मुवक्किल के मान, सम्मान, साख एवं प्रतिष्ठा मे पहुॅची ठेस की क्षतिपूर्ती के रुप मे अंकन 2,00,00,000/- रुपए (रुपए दो करोड मात्र) अदा किये जाये।

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