हरदा का फोकस नैनीताल सीट
हाईकमान हरिद्वार से लड़ाना चाहता है चुनाव,नैनीताल सीट पर कांग्रेस से हरदा मैदान में कूदे तो बढेंगी भाजपा की मुश्किलें
रूद्रपुर। नैनीताल उधमसिंहनगर लोकसभा सीट पर हरीश रावत चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं लेकिन प्रदेश हाईकमान उन्हें हरिद्वार से चुनाव लड़ाने पर अड़ा है। इसके पीछे जहां गुटबाजी है तो वहीं नैनीताल उधमसिंहनगर लोकसभा सीट के कद्दावर कांग्रेसी नेता भी नहीं चाहते कि हरीश रावत को यहां से चुनाव लड़ाया जाये। इसके पीछे उनकी अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं जिसके लिए उन्होंने प्रदेश हाईकमान ही नहीं दिल्ली में बैठे नेताओं पर भी दबाव बनाया हुआ है जिसके चलते अभी तक नैनीताल लोकसभा सीट से हरीश रावत के नाम की मोहर नहीं लग पायी है। प्रदेश की नेता प्रतिपक्ष डॉ- इंदिरा हृदयेश के साथ साथ कई कद्दावर नेता हरदा की उम्मीदों पर पानी फेरने में लगे हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने दिल्ली में प्रत्याशी चयन प्रक्रिया के दौरान साफ किया था कि जब हरीश रावत का नाम ऑब्जर्वर द्वारा हरिद्वार सीट के लिए प्रस्तावित किया गया है तो इन्हें हरिद्वार में ही चुनाव लड़ाना चाहिए लेकिन हरीश रावत हरिद्वार के बजाय नैनीताल सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। यदि उनकी इस मंशा पर मोहर नहीं लगी तो वह हरिद्वार से भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनका कहना है कि यदि नैनीताल सीट से उन्हें चुनावी मैदान में नहीं उतारा जाता तो वह कांग्रेस पार्टी के पक्ष में पूरे उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए प्रचार करना चाहते हैं। सूत्रों की मानें तो हाईकमान भी हरीश रावत को उनकी मंशा के अनुरूप हरिद्वार के बजाय नैनीताल से ही चुनाव लड़ाना चाहता है क्योंकि उनके सर्वे में भी हरीश रावत नैनीताल लोकसभा सीट पर मजबूत हैं। इसलिए हाईकमान भी चाहता है कि उन्हें नैनीताल लोकसभा सीट से चुनाव में उतारा जाये। यदि कांग्रेस से नैनीताल लोकसभा सीट पर हरीश रावत को चुनाव मैदान में उतारा जाता है तो भाजपा के लिए यह सीट जीतना आसान नहीं होगा क्योंकि नैनीताल लोकसभा संसदीय सीट हरीश रावत का पसंदीदा क्षेत्र है और वह नियमित रूप से जनता के बीच आते रहते हैं। अभी कुछ दिन पहले ही श्री रावत ने पहाड़ी व्यंजनों की पार्टी कर अपनी लोकप्रियता का इजाफा किया था और कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश की।