जिपं अधयक्ष ने की सीएम से भूमि विवाद की निष्पक्ष जांच की मांग
रुद्रपुर। जिला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद गंगवार ने गत दिवस देहरादून में पहुंचकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपकर एक भूमि के मामले में निष्पक्ष जांच कराये जाने हेतु मांग की। सीएम रावत को सौंपे गये ज्ञापन में ईश्वरी प्रसाद ने कहा कि उनकी भूमि ग्रामसभा बरा में सन् 1883 से बतौर कागजात उनके पूर्वजों के नाम संलग्न थी जिसमें पुराने खेत नम्बर 921/1 और नया नम्बर 434 में उनकी दो दुकानें कई वर्षों से बनी हुई थीं जो एनएच 74 काशीपुर से सितारगंज निर्माण के दौरान अधिग्रहीत की गयी जिसमें एक्यूरेट प्लस कम्पनी की सर्वे टीम द्वारा गलत सर्वे कर लाल निशान उनकी दुकानों पर रलगाये गये और सर्वे के संबंध में उनके खेत नम्बर 434 के स्थान पर 433 अंकित कर दिया गया जबकि 433 वर्तमान में पंचायतघर बरा का नम्बर है। जहां पंचायतघर बना हुआ है और शेष भूमि आंगन के रूप में प्रयोग में ली जा रही है जिस पर उनका कोई भी अवैध कब्जा नहीं है। उनकी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं और उनके कार्यकाल में एक शिकायत जिला पंचायत अध्यक्ष के विरूद्ध लोकायुक्त को की गयी थी जिसमें उन्होंने मामले की जांच करायी थी। जिसमें पंचायतघर रके कब्जे की भी शिकायत की गयी थी। उस जांच में तहसील ने समिति बनाकर जांच में क्रम संख्या 01 पर पंचायतघर, ग्राम बरा तहसील किच्छा के खसरा नम्बर 433 क्षेत्रफल 0-0410 हेक्टेयर पंचायतघर के खाते में वर्ग 6(2) में दर्ज अभिलेख है जिसका प्रबंध ग्रामसभा बरा व विकास खण्ड रूद्रपुर के अधीन है। जहां कुछ भूमि पर पंचायत भवन है और कुूछ भूमिखाली है जहां कोई अवैध कब्जा नहीं है। जांच में भी यह पाया गया। उन्होनें एसडीएम किच्छा से पंचायतघर का उन्हें मिला 1,35,623 रूपए का मुआवजा अपनी स्वेच्छा से वापस कर दिया। जबकि अन्य लोगों को मुआवजा वितरण किया गया था। उनका खेत संख्या 434 है जिसकी पैमाइश कराने के लिए एसडीएम किच्छा को प्रार्थना पत्र दिया गया जिस पर उन्होंने पैमाइश करायी लेकिन अब एसआईटी इस प्रकरण को अपनी जांच में सम्मिलित करने का प्रयास कर रहा है जबकि यह प्रकरण उ च्च न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने सीएम को प्रार्थना पत्र देकर निष्पक्ष्ज्ञ जांच कराने की मांग की। वहीं उनके पुत्र सुरेश गंगवार ने भी सीएम को दिये गये प्रार्थना पत्र में बताया कि उनका खेत संख्या 434 है लेकिन एनएच 74 निर्माण को लेकर किये गये सर्वे में लाल निशान लगा दिये गये और उसका सर्वे नम्बर 435 अंकित कर दिया गया जबकि 435 पर प्राथमिक पाठशाला बरा स्थित है जिसमें कोई भी अवैध कब्जा नहीं किया गया है। प्राथमिक पाठशाला से मिले 83817 के मुआवजे को उन्होंने स्वेच्छा से बिना किसी नोटिस दिए वापस कर दिया लेकिन वह मामला अब एसआईटी ने अपनी जांच में सम्मिलित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने सीएम से प्रार्थना पत्र देकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।