सेक्सुअल हैरेसमेंट का प्रयास करने वाले प्राध्यापक डॉ. पांडे निलंबित
कैंपस निदेशक के कार्यभार से भी हुए मुक्त,राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद विवि प्रशासन ने की प्राध्यापक के कार्यवाही, मामले की प्रशासनिक जांच के लिए शीघ्र होगी समिति गठित
असलम कोहरा
पंतनगर। विवि की छात्राओं के साथ यौन शोषण का प्रयास करने के आरोपों से घिरे विवि के प्राध्यापक डॉ. मुकेश पांडे को राज्यपाल एवं कुलाधिपति के हस्तक्षेप के बाद विवि प्रशासन द्वारा प्राध्यापक पद से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उन्हें विवि के पटवाडांगर संस्थान में कैंपस डायरेक्टर पद के कार्यभार से भी मुक्त कर दिया गया है। न्याय मिलने पर विवि की छात्राओं के बीच हर्ष की लहर है, साथ ही परिजन भी खुश हैं। मालूम हो कि देश के प्रथम पंतनगर कृषि विवि में करीब चार सप्ताह पूर्व विवि के कालेज ऑफ एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट के प्राध्यापक डॉ. मुकेश पांडे द्वारा सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत विवि की एक छात्रा ने कुलपति से की थी। साथ ही दो अन्य छात्राओं एवं कुछ अन्य महिलाओं ने भी डॉ. पांडे पर यौन उत्पीड़न के प्रयास के आरोप लगाए थे। पीड़ित छात्रा एवं उसके परिजन द्वारा कुलपति डॉ. तेज प्रताप से मिलकर प्राध्यापक के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने की गुहार के बाद कुलपति ने मामला विवि की सैक्सुअल हैरेसमेंट कमेटी को सौंपते हुए जांच के आदेश दिए थे। जांच में प्रमाणों के आधार पर कमेटी द्वारा डॉ. मुकेश पांडे को दोषी पाए जाने पर कुलपति की संस्तुति पर मुख्य कार्मिक अधिकारी ने उनकी अगले तीन वर्षों के लिए वेतन वृद्धि रोकने सहित अगले पांच वर्षों तक किसी भी प्रशासनिक पद में नियुक्ति पर रोक लगाने के साथ ही उन्हें पंतनगर से हटाकर इंस्टीटड्ढूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, पटवाडांगर से संबद्ध करते हुए दोबारा शिकायत मिलने पर नौकरी से बखार्स्त करने की चेतावनी भी दी गई। इस त्वरित कार्यवाही के लिए कुलपति की खघ्ूब सराहना हुई। लेकिन छात्र-छात्राएं और उनके परिजन को उस समय हतप्रभ रहे गए जब प्राध्यापक को दंडित होने के तीन सप्ताह बाद ही पटवाडांगर के निदेशक पद का कार्यभार सौंप दिया गया। कुलपति ने यह भी कहा कि अभी प्राध्यापक को पटवाडांगर में मेट जैसा काम दिया गया है, लेकिन अगर वह अपना आचरण ठीकठाक रखते हैं तो उन्हें दंड से मुक्त भी किया जा सकता है। विवि प्रशासन की इस कार्यवाही से छात्राओं एवं उनके परिजन के बीच आक्रोश फैल गया। पीड़ित छात्रा ने इस बाबत कुलपति से गुहार लगाई लेकिन उसे न्याय नहीं मिला। छात्रा के परिजन ने पुलिस प्रशासन के स्तर पर कार्यवाही करने की चेतावनी दी, लेकिन विवि प्रशासन टस से मस नहंी हुआ। इधर विवि के दीक्षांत समारोह में शिरकत करने पहुंची राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर पीड़ित छात्रा ने न्याय की गुहार लगाई, तब राज्यपाल ने उसे न्याय का भरोसा दिलाया। 29 अप्रेल को विवि के गांधी हॉल में राज्यपाल ने सार्वजनिक रूप में विवि में छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने की कड़ी चेतावनी दी। पत्रकारों द्वारा मामला उठाए जाने पर राज्यपाल ने प्राध्यापक को पद से हटाए जाने की बात कही। राज्यपाल के निर्देश को अमलीजामा पहनाते हुए विवि प्रशासन ने डॉ. मुकेश पांडे को प्राध्यापक पद से निलंबित कर दिया।
‘‘डॉ. मुकेश पांडे को प्राध्यापक पद से निलंबित तथा निदेशक के कार्यभार से भी मुक्त कर दिया गया है। प्रकरण की प्रशासनिक जांच के लिए जल्द ही जांच समिति गठित की जाएगी। उसकी रिपोर्ट के आधार पर आगामी निर्णय लिया जाएगा। तबतक डॉ. पांडे पटवाडांगर से सबद्ध रहेंगे, लेकिन कोई कार्य नहीं करेंगे।’’
– कर्मेंद्र सिंह,निदेशक प्रशासन एवं अनुश्रवण, पंतनगर विवि