सीपीयू के सामने छायाकार के अपहरण की कोशिश
रुद्रपुर। गतरात्रि एक समाचार की कवरेज करने गये छायाकार का ट्रक चालक ने अभद्रता करते हुए उसका अपहरण करने का प्रयास किया। हैरत की बात तो यह है कि मौके पर सीपीयू कर्मी मौजूद थे। यह सब देख वह बिना किसी कार्रवाई के मौके से भाग गये। इतना ही नहीं, ट्रक चालकों ने अपने कुछ साथियों को बुला लिया और छायाकार के कैमरे से चिप निकालकर उसकी पिटाई लगा दी और मौके से फरार हो गये। छायाकार ने मामले की तहरीर पुलिस को दे दी है। मामला बीती रात तकरीबन सवा दस बजे का है। छायाकार दीपक शर्मा को खुलेआम ओवरलोड ट्रकों के शहर में प्रवेश करने की सूचना मिली। वह अपने कैमरे के साथ डीडी चैक पर डट गए। उस वक्त डीडी चैक पर सीपीयू के दो वर्दीधारी तैनात थे। जिसमें एक सिपाही तो दूसरा दरोगा था। कुछ ही देर में बिलासपुर की ओर से एक ओवरलोड ट्रक गुजरा। जिसमें छह फीट से ज्यादा ओवरलोड था। दीपक ने अपने कैमरे से ओवरलोड की तस्वीर कैद कर ली। फोटो लेने के बाद ट्रक तो निकल गया, लेकिन पीछे से कार सवार दो युवक मौके पर पहुंच गए। वह दीपक से फोटो खींचने की वजह पूछने लगे और जब वजह पता लगा कि वह दीपक के साथ मारपीट पर आमादा हो गए। उन्होंने मौके पर फोन कर अपने दो और साथियों को बुला लिया। जिसके बाद नशे में धुत एक युवक ने न सिर्फ दीपक के साथ मारपीट की और कैमरा छीनने की कोशिश की। जब दीपक ने अपना बचाव किया तो आरोपियों ने कैमरे की चिप छीन ली और दीपक को जबरन अपनी कार में बैठाने की कोशिश की। दीपक के मना करने पर आरोपियों ने उन्हें गोली मारने की धमकी दी और कहा कि उनके पास एक पिस्टल भी है। यह सारा वाक्या चैराहे पर दीपक के साथ ही खड़े सीपीयू के दो वर्दीधारियों के सामने हुई और उन्हीं के सामने आरोपियों ने दोबारा फोटो न खींचने की धमकी दी। जिसके बाद वह चले गए। विवाद के दरम्यान जब लगातार विवाद बढ़ रहा था तो सीपीयू पीछे हट गई और अपने वाहन में सवार होकर चलती बनी। दीपक ने कार का नंबर नोट कर लिया। जब माफिया ने देखा तो वह फिर लौट आया और दीपक को पीटते हुए कागज छीन लिया। हालांकि नंबर दीपक के दिमाग में फीड हो चुका था। इस मामले में दीपक ने कोतवाली में तहरीर दी है और पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिया है।
सड़कों की निगरानी को लगे सीसी टीवीकैमरे महज शोपीस
रुद्रपुर। सडक पर निगाह रखने के लिए पुलिस, सीपीयू और यातायात पुलिस सीसीटीवी का इस्तेमाल करती है। कोतवाली पुलिस ने कोतवाली गेट पर ही सीसीटीवी लगा रखे हैं, जिनकी निगाह सड़क पर होती है। इसके अलावा इंद्रा चैक और डीडी चैक पर हाई रेजुलेशन वाले सीसीटीवी लगे हैं, जो रात के अंधेरे में साफ तस्वीर कैद कर लेते हैं। हालांकि इन सीसीटीवी का फायदा क्या है, जब ओवरलोड पर कार्रवाई ही नहीं करनी। बीती रात जो वाक्या हुआ और जिस चालक ने पूरी वारदात को अंजाम दिया वह कई फीट ऊंचा ओवरलोड लेकर पहले कोतवाली के सामने से गुजरा और फिर इंद्रा चैक होते हुए डीडी चैक पहुंचा। इंद्रा चैक और डीडी चैक पर लगे सीसीटीवी में आरोपी कैद हुए। इसके बाद वह सिडकुल की ओर चले गए। आिखर, जब पुलिस को सीसीटीवी का फायदा ही नहीं मिल रहा तो ऐसे सीसीटीवी को निकाल देना ही बेहतर है। कम से कम पुलिस के पास यह कहने को तो नहीं रहेगा कि उन्हें पता नहीं चला।