सुदूरवर्ती गांवों में नहीं पहुंची विकास की किरण
ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान,नेता जोड़ रहे हाथ
बागेश्वर। लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिये विकास के नाम पर नेताओं ने अपने अपने पक्ष मेें एक बार फिर वोट मांगने शुरू कर दिये है। बागेश्वर जिले के कई गांव सड़क,स्वास्थ्य और शिक्षा की बदहाली के कारण सरकारों के साथ ही अपने नेताओं से खासे नाराज हैं। कई अन्य ऐसे गांव भी जहां वर्ष 2013 की भीषण आपदा से प्रभावित हुए है। यहां ग्रामीण इलाकों को जोड़ने वाले नदियों पर बने पुल आज तक नहीं बनाये गये है। जबकि पेयजल के सा्रेत सूखने से संकट बढ़ गया है वहीं रोजगार को लेकर ग्रामीण जनता परेशान है। सरकारी योजनाओं का क्रियन्वयन नहीं होने से यहां की जनता खुद को ठगा हुआ महशूस कर रही है। इसमें एक गांव राज्यसभा सांसद का भी है, जिन्होंने इस बार लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे डाली है। चेतावनी का असर किसी भी राजनीतिक दलों और उनके कार्यकर्ताओं पर नहीं पड़ रहा है। कोई भी जनप्रतिनिधि इन गांवों में नाराज वोटरों को मनाने तक की जहमत नहीं उठा रहा है। उन्हें वोटरों की फिक्र ही नहीं है। निर्वाचन विभाग शत- प्रतिशत मतदान के लिए प्रयास कर रहा है। उनकी स्वीप टीम ऐसे गांवों में जा रही है जो चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे चुके हैं। मालूम हो कि कपकोट विधानसभा का वाछम गांव को राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा और सूपी गांव को सांसद अजय टम्टा ने गोद ले रखा है। यहां के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। वाछम के ग्रामीणों ने तो गत दिनों बैठक कर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे डाली है। सूपी के ग्रामीण भी नाराज हैं। बिलेख, डौला, रातिरकेटी, कीमू, गोगिना, खाती, ढोक्टी तथा गापानी के ग्रामीण भी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे चुके हैं। अपनी इस मंशा को ज्ञापन के माध्यम से जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचा चुके हैं। सरकारों से नाराज इन गांवों के करीब सात हजार वोटरों को मनाने की जहमत कोई भी दल नहीं उठा रहा है। चुनाव में एक-एक वोट का बहुत महत्व होता है। यहां हजारों वोटरों को मनाने को कोई तैयार नहीं है। मतदान को मात्र 15 दिन रह गए हैं। कोई भी जनप्रतिनिधि इन लोगों को मतदान के लिए प्रेरित नहीं कर रहा है। वाछम के भगवत सिंह ने बताया कि वोट न डालने का निर्णय सही है। वे सरकारें उनकी सुध नहीं लेती। चुनाव बहिष्कार वाले गांवों में स्वीप की टीम पहुंच रही है। दो दिन पहले यह टीम वाछम गई थी। अब वह रातिरकेटी व गापानी सहित अन्य गांवों में जाएंगे। स्वीप के सहायक नोडल अधिकारी आलोक पांडे ने बताया कि उनकी टीम जल्द रातिरकेटी सहित अन्य गांवों में जाएगी। लोगों से शत-प्रतिशत मतदान के लिए अपील करेगी। कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारों ने उनकी उपेक्षा की है। इसके बाद भी ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार नहीं करना चाहिए। बेहतर विकल्प के लिए वोट करना चाहिए। मैं स्वयं और कार्यकर्ताओं के माध्यम से भी ग्रामीणों से मतदान में शामिल होने की अपील करूंगा। मतदान करना हर वोटर को कर्तव्य है। इसे पूरा करना चाहिए। भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा ने कहा कि कांग्रेस शासन में गांवों का विकास नहीं हुआ। भाजपा ने सत्ता संभालने के बाद विकास कायरे में तेजी आई है। जीवन में कन्या दान, रक्तदान व मतदान का काफी महत्व है। समय की कमी के चलते गांवों में नहीं जा पा रहा हूं। जनता से मतदान की अपील कर रहा हूं।