वन निगम के डिपो में आग लगने से मचा हड़कम्प
लालकुआं। वन निगम के डिपो नंबर दो में अज्ञात कारणों के चलते आग लग जाने से हजारों रुपए की जड़ें जलकर राख हो गई। सूचना पर पहुंची सेंचुरी पेपर मिल और उत्तराखंड की फायर ब्रिगेड टीम ने बमुश्किल आग पर काबू पाया जबकि फायर ब्रिगेड पहुंचने से पहले वन निगम के टैंकरों द्वारा लगातार आग बुझाने का प्रयास किया जाता रहा मगर आग पर काबू नहीं पाया जा सका। घटना के लगभग आधे घंटे के अंतराल में फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने पहुंचकर जैसे तैसे आग पर काबू पाया जब तक काफी नुकसान हो चुका था। वन निगम के अधिकारियों की मानें तो इस घटना में किसी की शरारत प्रतीत होती नजर आ रही है। फिलहाल जांच के बाद जो भी आवश्यक कार्यवाही होगी वह अमल में लाई जाएगी। वन निगम के डिपो में आग लगने की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई और क्षेत्र में हड़कंप मचा रहा हालांकि पूरे मामले में कोई जनहानि नहीं हुई। उधर वन निगम के डीएसएम एमसी जोशी ने कहा कि डिपो में आग कैसे लगी इसकी जांच की जाएगी प्रथम दृष्टया उक्त मामले में किसी की शरारत प्रतीत होती है जिसकी वजह से यहां लगभग 5000 रुपये से अधिक की जड़ें जलकर राख हो गई है जांच कर आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
जाम में फंसा दमकल वाहन
लालकुंआ। डिपो में आग की सूचना पर जैसे ही उत्तराखंड पुलिस की फायर ब्रिगेड लालकुआं पहुंची तो वह काफी समय तक रेलवे फाटक पर जाम में फंसी रही इसकी वजह से अधिक नुकसान हो गया। क्षेत्र में फायर ब्रिगेड नहीं होने से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है इसमें कोई दो राय नहीं। यहां सेंचरी पल्प एंड पेपर जैसी प्रतिष्ठित कंपनी, वन निगम के सात डिपो, आसपास का पूरा जंगली क्षेत्र, नैनीताल दुग्ध संघ में अमोनिया गैस का भंडारण, विशालकाय क्षेत्र में फैला इंडियन ऑयल का पेट्रोलियम डिपो आदि ज्वलनशील परिस्थितियां होने के बाद भी यहां फायर ब्रिगेड की कोई व्यवस्था नहीं है किसी भी घटना के लिए हल्द्वानी पर निर्भर रहना पड़ता है ऐसे में कभी भी कोई अग्निकांड विकराल रूप ले सकता है मगर अग्निशमन विभाग लालकुआं में फायर ब्रिगेड की व्यवस्था करने में आज तक नाकाम साबित हुआ है।