माफियाओं के दबाव में सरकार कर रही निजी चिकित्सकों का उत्पीड़नःआईएमए
रुद्रपुर। प्रदेश सरकार माफियाओं के दबाव में आकर राज्य के हजारों निजी चिकित्सकों का उत्पीड़न कर रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं नीमा की स्थानीय इकाई के पदाधिकारियों ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते सम्पूर्ण प्रदेश के निजी चिकित्सक पिछले आठ दिनों से स्वतः अपने क्लीनिक बंद करने को बाध्य हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सीईए नीति लागू करने पर अड़ी है जिसके अनुसार राज्य में विषम परिस्थितियों में कार्यरत निजी अस्पताल स्वतः बंद हो जायेंगे क्योंकि इस नीति के नियमों के अमेरिकन स्टैंडर्ड से कापी पेस्ट किया गया है। वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार पूंजीपति माफियाओं के दबाव में आकर छोटे अस्पताल एवं क्लीनिक बंद करने की साजिश रच रही है और पूंजीपतियों व मंत्रियों द्वारापोषित बड़े कारपोरेट अस्पतालों को प्रदेश में स्थापित करने की योजना तैयार कर रही है जिससे स्वास्थ्यसेवाएं कई गुना महंगी हो जायेंगी। जैसे देहरादून स्थित कैलाश हास्पिटल चाहता है कि ऐसे हॉस्पिटल कुमायूं में भी खोले जायें। उन्होंने कहा कि आईएमए इस समस्या के समाधान के लिए निरन्तर सरकार से गुहार लगा रही है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पूर्व में हाईवे से 500मीटर तक के शराब के ठेके बंद करा दिये गये थे। आनन फानन में राजमार्गों के नाम बदलकर शराब ठेके दोबारा खुलवा दिये। इससे साफ है कि सरकार की नजर में लोगों के लिए स्वास्थ्य से ज्यादा शराब की दुकानें जरूरी हैं। वक्ताओं ने कहा कि देश के 11 राज्यों ने सीईए के लिए मानक व्यवावहारिक होने के कारण इसे लागू नहीं किया। भौगोलिक विषम परिस्थितियों को देखते हुए उत्तराखंड राज्य में भी यह नीति जनहित में नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराने में नाकाम हो चुकी है। निजी चिकित्सक प्रदेश की 80 प्रतिशत जनता को उपचार उपलब्ध करा रहे हैं। जब तक उनकी न्यायोचित मांग पूरी नहीं की जाती निजी चिकित्सक स्वतः बंद रखे जायेंगे। वार्ता के दौरान नीमा अध्यक्ष डॉ- बलवीर सिंह संधू, डॉ- रवि फुटेला, डॉ- रणजीत सिंह गिल, डॉ- मंदीप सिंह, डॉ- राजीव सेतिया, डॉ- पीके शर्मा, डॉ- दीपक छाबड़ा, डॉ- अनुपमा फुटेला, डॉ- स्वाति अग्रवाल, डॉ- एके जैन, डॉ- एसएन गुप्ता, डॉ- अतुल जोशी, डॉ- रेणुका मिश्रा, डॉ- प्रक्षय अग्रवाल, डॉ- विशाल रस्तोगी, डॉ- अशोक गर्ग, डॉ- वीपी गुप्ता, डॉ- एके गुप्ता, डॉ- प्राची पाल, डॉ- पारूल गर्ग, डॉ- दीपमाला जोशी, डॉ- एससी निगम, डॉ- नीरज पंत, डॉ- निमेश गुप्ता, डॉ- जसविंदर गिल, डॉ- अजय अरोरा, डॉ- जीएस चीमा,डॉ- सुभाष निगम सहित कई निजी चिकित्सक मौजूद थे।