लोन पर मोरेटोरियम दो साल तक आगे बढ़ाने की तैयारी

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नई दिल्ली । लोन मोरेटोरियम पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दिया है। सरकार ने यह संकेत दिया है कि मोरेटोरियम को दो साल तक बढ़ाया जा सकता है। लेकिन यह कुछ ही सेक्टर को मिलेगा। सरकार ने सूची सौंपी है कि किन सेक्टर को आगे राहत दी जा सकती है। अब इस मामले में आगे सुनवाई कल यानी बुधवार को होगी। सरकार की तरफ से पेश साॅलिसिटर जनरल ने कहा, श्हम ऐसे सेक्टर की पहचान कर रहे हैं जिनको राहत दी जा सकती है, यह देखते हुए कि उनको कितना नुकसान हुआ है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अब और देर नहीं की जा सकती। इसके पहले पिछले हफ्ते इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के प्रति सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि लोन मोरेटोरियम के मामले में वह अपना रुख स्पष्ट करने के लिए जल्द हलफनामा दे और रिजर्व बैंक के पीछे छुपकर अपने को बचाये नहीं। लोन मोरेटोरियम यानी कर्ज की किश्तें चुकाने के लिए मिली मोहलत के दौरान ब्याज माफी के अनुरोध वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अर्थव्यवस्था में समस्या सरकार के लाॅकडाउन की वजह से आई है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी पक्ष से कहा, श्आपने कहा है कि रिजर्व बैंक ने इस बारे में निर्णय लिया है। हमने इस बारे में रिजर्व बैंक का जवाब देखा है। केंद्र सरकार आरबीआई के पीछे छुप रही है।बीते मार्च महीने में कोरोना संकट को देखते हुए रिजर्व बैंक के निर्देश पर बैंकों ने एक अहम फैसला लिया था। इसके तहत कंपनियों और व्यक्तिगत लोगों को राहत देते हुए लोन की किस्तों के भुगतान पर 6 महीने की छूट दी गई थी। छूट या किस्त भुगतान पर रोक की अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो रही है। अब इसे 31 अगस्त से आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। दरअसल, लोन मोरेटोरियम एक तरह की सुविधा है जो कोरोना से प्रभावित ग्राहकों या कंपनियों को दी जा रही थी। इसके तहत ग्राहक या कंपनियां अपनी मासिक किस्त को टाल सकती हैं। इस सुविधा का लाभ लेते वक्त तात्कालिक राहत तो मिलती है लेकिन बाद में ज्यादा पैसे देने होते हैं। मार्च से शुरू हुई ये सुविधा सिर्फ 31 अगस्त तक के लिए है। बीते दिनों देश के कई बड़े बैंकरों ने इस सुविधा को आगे नहीं बढ़ाने की अपील की थी। एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख और कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक उदय कोटक ने कहा था कि इस सुविधा को आगे नहीं बढ़ाया जाए, क्योंकि बहुत से लोग इसका अनुचित फायदा उठा रहे हैं।

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