बदमाशों से मुठभेड़ में आठ पुलिस कर्मी शहीद, दो बदमाश किये ढेर
बदमाशों से मुठभेड़ में आठ पुलिस कर्मी शहीद, दो बदमाश किये ढेर
लखनऊ(उत्तरांचल दर्पण ब्यूरो)। कानपुर में एक हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने घेरकर गोलियां बरसा दी। इसमें डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए हैं। घटना के बाद जांच टीमों ने सघन जांच शुरू कर दी है। घटना स्थल से एके-47 के खोखे मिले हैं। करीब दो दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इसके साथ ही शहर से बाहर जाने वाले सभी टोल-नाकों की सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। पूरे इलाके के लोगों के काॅल डिटेल खंगाले जा रहे हैं। आस-पास के जिलों की पुलिस को अलर्ट किया गया है। बदमाशों की तलाश शुरू हो गई है।जिलों की एसटीएफ यूनिट को भी बदमाशों की तलाश में लगाया गया है। पुलिस टीम पर फायरिंग करने वाले बदमाशों की तलाश शुरू हो गई है। जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। खबर है कि पुलिस ने विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और उसके साथी अतुल दुबे को मार गिराया है। साथ ही विकास दुबे की तलाश तेज हो गई है। फाॅरेंसिक की टीम घटना स्थल पर पहुंच गई है और वारदात में इस्तेमाल किए गए हथियारों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। फिंगर प्रिंट्स से पता किया जा रहा है कि पुलिस टीम पर हमला करने वाले कितने बदमाश थे। इसके साथ ही वारदात में इस्तेमाल हथियारों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। कानपुर देहात के इलाके को पूरी तरह से सील किया गया। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार, एसटीएफ के आईजी समेत कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। अस्पताल में जांच टीम घायल पुलिसकर्मियों से सीक्वेंशियल आॅफ इवेंट्स की जानकारी ले रही है। बताया जा रहा है शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा छत से बचने के चक्कर में विकास दूबे के घर से कूदे थे। मौके पर पहुंचे एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि बदमाशों की फायरिंग में सात स्थानीय लोग भी घायल हुए हैं। इसके साथ ही पुलिस के कई हथियार गायब हैं। घटना में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई जारी है। कई जिलों की पुलिस को लगाया गया है। दरअसल कानपुर देहात के चैबेपुर थाना इलाके में पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी थी। पुलिस यहां हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी। दबिश के दौरान बदमाशों ने पुलिस को घेरकर फायरिंग कर दी। इसमें आठ पुलिसवाले शहीद हो गए। विकास दुबे वही अपराधी है, जिसने 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री का दर्जा पाए संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या की थी।