तनाव के बीच लेह पहुंचे पीएम मोदी
सीडीएस और सेना प्रमुख के साथ पहुंचे पीएम ने जवानों से की मुलाकात
तनाव के बीच लेह पहुंचे पीएम मोदी
नई दिल्ली(उत्तरांचल दर्पण ब्यूरो)। चीन से बाॅर्डर पर जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह लेह पहुंचे। पीएम मोदी का ये दौरा अचानक था, जिससे हर कोई चैंक गया। पीएम मोदी के साथ इस दौरान चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत भी मौजूद रहे। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेना, वायुसेना के अधिकारियों ने जमीनी हकीकत की जानकारी दी। मई महीने से ही चीन के साथ बाॅर्डर पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को नीमू की फाॅरवर्ड पोस्ट पर पहुंचे। यहां पर सीनियर अधिकारियों ने उन्हें मौके की जानकारी दी। पीएम मोदी ने सेना, वायुसेना के अफसरों से सीधे संवाद भी किया। पहले इस दौरे पर सिर्फ सीडीएस बिपिन रावत को ही आना था, लेकिन पीएम मोदी ने खुद पहुंचकर सभी को चैंका दिया। पीएम मोदी के साथ सीडीएस बिपिन रावत के अलावा सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे भी लेह पहुंचे। पिछले दो महीने में चीन के साथ सैन्य और डिप्लोमेटिक स्तर पर कई लेवल की बात हो गई है, जिसमें माहौल को शांत करने की कोशिश की गई है। हालांकि, इसमें अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया है। बता दें कि नीमू पोस्ट समुद्री तल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद है, जिसे दुनिया की सबसे ऊंची और खतरनाक पोस्ट में से एक माना जाता है। अपने इस दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 काॅप्र्स के अधिकारियों से बात की। इसके अलावा सीडीएस बिपिन रावत के साथ मिलकर मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान नाॅर्दन आर्मी कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह भी मौजूद रहे। इससे पहले शुक्रवार को सिर्फ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लेह जाना था, लेकिन गुरुवार को उनके कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया। फिर तय हुआ था कि सिर्फ बिपिन रावत ही लेह जाएंगे। बता दें कि लद्दाख बाॅर्डर पर तनाव के बीच 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि कुछ जवान घायल भी हुए थे। इस झड़प में चीन के भी काफी जवानों को नुकसान हुआ था, लेकिन चीन ने आंकड़ा जारी नहीं किया था। इसी घटना के बाद से तनाव लगातार बढ़ता गया, दोनों सेनाओं ने लगातार कई मौकों पर बात भी की है। और मौजूदा जगह से सेना को पीछे हटाने पर चर्चा की है। देश में लगातार चीन के खिलाफ गुस्सा बढ़ता गया, सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई।