गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी का आदेश जारी
गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी का आदेश जारी
उत्तरांचल दर्पण संवाददाता
देहरादून। गैरसैंण को आखिरकार राजधानी का दर्जा मिल ही गया। गैरसैंण प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनी है। सोमवार को इसे लेकर शासन ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि चार मार्च को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साल 2020-21 का बजट पेश करने के बाद अंत में गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा की थी। उत्तराखंड राज्य को आखिरकार जनभावनाओं की राजधानी मिल ही गई। इसी साल चार मार्च को गैरसैंण ग्रीष्मकालीन रजधानी की घोषणा की गई थी और आठ इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिए गए हैं, जिसके बाद उत्तराखंड की दो राजधानियां बन गई हैं। जब सीएम ने गैरसैंण राजधानी की घोषणा की थी, उसके बाद उन्होंने कहा था कि बहुत सोच विचार और मंथन के बाद उन्होंने यह फैसला लिया। यह राज्य आंदोलन के शहीदों, मातृशक्ति, नौजवानों और आंदोलनकारियों को सर्मिपत है। इससे दूरस्थ क्षेत्रों के अंतिम व्यक्ति तक विकास के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। उम्मीद है कि अब गैरसैंण के राजधानी बनने से पर्वतीय क्षेत्रों का विकास जोर पकड़ेगा। गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग आज की नहीं है। बल्कि साठ के दशक में पहली बार इसे स्थाई राजधानी बनाने की मांग उठी थी। ये मांग पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली ने उठाई थी। यही वजह रही कि उत्तराखंड क्रांति दल ने उस दौर में गैरसैंण को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर चंद्रनगर रखा था।